केंद्रीय बजट ऐतिहासिक रूप से भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय क्षेत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह कैपिटल एक्सपेंडिचर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने पर केंद्रित होगा।
अब तक के बजट घोषणाओं का शेयर बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने बजट के बाद के विभिन्न शॉर्ट, मिड और लॉन्ग टर्म प्रभावों को ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार के प्रदर्शन का विश्लेषण किया है।
बजट के एक सप्ताह बाद शेयर बाजार का रुख
एमके ग्लोबल के अनुसार, अधिकांश इंडेक्स शॉर्ट टर्म में बुलिश बने रहते हैं।
- 55% से 91% तक पॉजिटिव क्लोजिंग का ट्रेंड देखा गया।
- NSE फार्मा इंडेक्स ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें 91% सकारात्मक क्लोजिंग और 3% रिटर्न दर्ज किया गया।
- NSE मीडिया इंडेक्स ने 82% सकारात्मक क्लोजिंग के साथ 2% रिटर्न दिया।
- निफ्टी रियल्टी और निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा।
बजट के दो सप्ताह बाद बाजार की स्थिति
बजट के दो सप्ताह बाद, अधिकांश इंडेक्स के पॉजिटिव क्लोजिंग रेट में गिरावट देखी गई।
- PSU बैंक इंडेक्स में 73% से घटकर 36% पॉजिटिव क्लोजिंग हुई, और कुल रिटर्न शून्य रहा।
- NSE फार्मा इंडेक्स ने मजबूती बरकरार रखी, जिसमें 73% पॉजिटिव क्लोज रेट और 2% रिटर्न रहा।
- NSE मेटल और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स का प्रदर्शन मिश्रित रहा।
बजट के एक महीने बाद बाजार का मूड
- अधिकांश इंडेक्स में गिरावट देखी गई, और पॉजिटिव क्लोजिंग की तुलना में निगेटिव क्लोजिंग ज्यादा रही।
- NSE मेटल इंडेक्स ने 11% का उच्चतम औसत पॉजिटिव रिटर्न दिया, लेकिन इसकी क्लोज रेट सिर्फ 45% रही, जो अस्थिरता को दर्शाती है।
- PSU बैंक इंडेक्स ने केवल 27% पॉजिटिव क्लोजिंग और 11% औसत निगेटिव रिटर्न दर्ज किया।
- NSE आईटी इंडेक्स ने 45% पॉजिटिव क्लोज रेट और 2% ओवरऑल रिटर्न बनाए रखा, जिससे यह एक अपवाद के रूप में उभरा।