लोकसभा में सोमवार सुबह जैसे ही बजट सत्र फिर से शुरू हुआ, विपक्ष ने पिछले हफ्ते प्रयागराज में महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत को लेकर नारेबाजी की। स्पीकर ने विपक्षी नेताओं के व्यवहार की निंदा की है। प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा उठाने के अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश के बावजूद विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी सांसदों से व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
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हालांकि, नारेबाजी के बीच कार्यवाही जारी है। कुंभ पर जवाब दो के नारे गूंजते हुए अधिकारियों से 29 जनवरी को मरने वाले लोगों की सूची जारी करने का आग्रह किया गया। विपक्ष का दावा है कि वास्तविक मौत का आंकड़ा सरकार द्वारा बताई गई संख्या से काफी अधिक है। वहीं, प्रयागराज में जारी महाकुंभ में कथित ‘कुप्रबंधन’ के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया और बाद में सदन से बहिर्गमन किया। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल नौ नोटिस मिले हैं। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने प्रयागराज महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन के मुद्दे पर नोटिस दिए थे।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि जनता ने उन्हें ‘मेज तोड़ने’ के लिए नहीं, बल्कि प्रश्न पूछने के लिए सदन में भेजा है। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बीच नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘इस विषय का उल्लेख राष्ट्रपति महोदया ने अपने अभिभाषण में किया था। आप लोग अभिभाषण पर चर्चा के दौरान यह विषय रख सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की जा सकती है। समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य जब आसन के निकट पहुंचकर जोरदार नारेबाजी करने लगे तो बिरला ने कहा, ‘‘आपको जनता ने मेज तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। प्रश्न पूछने के लिए भेजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसीलिए (मेज तोड़ने के लिए) भेजा है तो जोर-जोर से मारिये।’’ बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की।