शंघाई कार्पोरेशन सम्मेलन से एक से बढ़कर एक तस्वीर सामने आई है और हरेक तस्वीर में भारत की ताकत दिख रही है। इसमें चीन का साथ है और रूस के साथ सबसे मजबूत दोस्ती वाला हाथ है। इसी मजबूत दोस्ती की एक और तस्वीर सामने आई जो दुनिया के कई देशों और नेताओं को बेचैन कर सकती है। वो तस्वीर जो सोशल मीडिया पर इस वक्त शेयर की जा रही है, वो इस वक्त चर्चाओं का विषय बन चुकी है। रूस और भारत के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक होनी थी। इस बैठक के लिए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ एक गाड़ी और एक काफिले में पहुंचे। ऐसा बहुत कम देखने को मिला है, जब किसी द्विपक्षीय बैठक के लिए दोनों पक्ष एक साथ बैठक के लिए पहुंचे हो। चीन के तियांनजिंग से सामने आई तस्वीर बेहद ही खास है। एससीओ की बैठके बाद प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्विपक्षीय बैठक के लिए एक साथ रवाना हुए। इस दौरान सबसे खास बात ये रही कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक ही कार में निकले।
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पुतिन के साथ ही पीएम मोदी तियांनजिंग के फाइव स्टार होटल रेड स्कायर में गए। इसी होटल में दोनों नेताओं की बैठक भी हुई। बैठक से एक दूसरे के साथ दोस्ती को और बढ़ाने, गहरा करने और साझेदारी को आगे ले जाने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर हुई। वहीं चीन ने पीएम मोदी को एक लग्जरी कार मुहैया कराई। लेकिन वो पुतिन की ओरस कार में बैठे। चीन की तरफ से पीएम मोदी को मुहैया कराई गई कार वही है जिसका इस्तेमाल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद करते हैं। हांगची एल5 को चीन में रेड फ्लैग के नाम से जाना जाता है और ये सिर्फ टॉप लीडर्स के लिए रिजर्व होती है। आपको बता दें कि एससीओ बैठक में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे पुतिन अपनी रूस की ओरस प्रेसिडेंशियल कार लेकर आए हैं। ये कार ओरस मोटर द्वारा बनाई जाती है। ये रेट्रो लग्जरी स्टाइल के लिए मशहूर है। कार के दरवाज़ों और जोड़ों को इस तरह मजबूत किया गया है कि गोलियां, रासायनिक पदार्थ, या बम के टुकड़े अंदर नहीं घुस सकते। यह इतना मजबूत है कि ड्रैगुनोव स्नाइपर राइफल से निकली गोली 7.62 mm की गोली भी इसे भेद नहीं सकती।
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पुतिन की इसी खास गाड़ी में पीएम मोदी भी उनके साथ सवार होकर बैठक वाली जगह पहुंचे। चीनी सरकार ने उनकी कार को डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट दी है। पुतिन की कार पर राजनयिक लाइसेंस प्लेट लगी थी। इस अनोखे कारपूल से पहले दिन में मोदी और पुतिन ने शिखर सम्मेलन स्थल पर एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया था। कैमरों ने इस गले मिलने की घटना को कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई। मोदी ने बाद में एक्स पर इस पल को और भी विस्तार से बताते हुए लिखा: राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है!
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उनकी यह मुलाकात वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति के एक संवेदनशील दौर में हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि द्विपक्षीय वार्ता ऊर्जा साझेदारी, रक्षा सहयोग और व्यापक वैश्विक व्यवस्था पर केंद्रित होगी। मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ लगाए जाने के बीच, नई दिल्ली द्वारा रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने के कारण, ये चर्चाएँ और भी ज़ोर पकड़ रही हैं। ट्रंप के व्यापक संरक्षणवादी प्रयासों का हिस्सा रहे इन टैरिफों ने बाज़ारों को अस्थिर कर दिया है और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की कार्यवाही पर भी इनका असर पड़ा है।