भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आज 2030 में होने वालेराष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए भारत की बोली को औपचारिक रूप से मंज़ूरी दे दी। यह निर्णय नई दिल्ली में हुई इसकी विशेष आम बैठक (SGM) में लिया गया। भारत ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए पहले ही रुचि पत्र जमा कर दिया है और मेज़बानी शहर के रूप में अहमदाबाद का समर्थन किया है। भारत के लिए 2030 खेलों की मेज़बानी के अधिकार के लिए आधिकारिक तौर पर बोली लगाने हेतु दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। दिलचस्प बात यह है कि कनाडा मेज़बानी की दौड़ से बाहर हो गया है और इससे भारत की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।
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राष्ट्रमंडल खेल निदेशक डैरेन हॉल के नेतृत्व में राष्ट्रमंडल खेल विभाग के अधिकारियों का एक दल हाल ही में अहमदाबाद आया और आयोजन स्थलों का निरीक्षण किया और गुजरात सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। इस महीने के अंत में एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के फिर से शहर आने की उम्मीद है, क्योंकि दस्तावेज़ जमा करने की समय सीमा तेज़ी से नज़दीक आ रही है। गौरतलब है कि भारत इससे पहले 2010 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी कर चुका है। राष्ट्रमंडल खेलों की आम सभा इस साल नवंबर में ग्लासगो में मेज़बान देश का फैसला करेगी। अगर 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी भारत को मिलती है, तो यह 2036 में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के उसके प्रयासों में एक बड़ा सकारात्मक कदम होगा।
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भारत कुल 101 पदकों – 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य – के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर रहा। ऑस्ट्रेलिया 74 स्वर्ण, 55 रजत और 48 कांस्य पदकों के साथ तालिका में शीर्ष पर रहा, जबकि इंग्लैंड 37 स्वर्ण पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इस साल मार्च की शुरुआत में, आईओए ने एक पत्र लिखकर 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी में रुचि दिखाई थी। भारत उन सभी खेलों की मेज़बानी करना चाहता था जिन्हें 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों से हटा दिया गया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्लासगो में होने वाले आयोजन में उसकी पदक तालिका प्रभावित न हो।