ईडी ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के गंभीर मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और तमिलनाडु एफडीए के परिसरों पर छापे मारे। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई, क्योंकि डाइएथिलीन ग्लाइकॉल युक्त जहरीले सिरप ने 20 से अधिक बच्चों की जान ली, जो नियामक विफलता और आपराधिक लापरवाही पर गंभीर प्रश्न उठाता है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार माने जा रहे कफ सिरप कोल्ड्रिफ के निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और तमिलनाडु एफडीए के शीर्ष अधिकारियों से जुड़े परिसरों पर सोमवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चेन्नई में कम से कम सात परिसरों में की।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ दिए जाने के बाद कम से कम 20 बच्चों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर की उम्र पांच वर्ष से कम थी।
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कहा है कि तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (टीएनएफडीए) से 2011 में लाइसेंस प्राप्त कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा ने अपने खराब बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा नियमों के कई उल्लंघनों के बावजूद एक दशक से अधिक समय तक परिचालन जारी रखा।
कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक बेहद जहरीले पदार्थ की ‘खतरनाक’ स्तर की मिलावट पाई गई।
श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।