दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है, और इस बार कई एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली की सत्ता में वापसी के संकेत मिल रहे हैं।
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी कमल खिल सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार अरविंद केजरीवाल की पार्टी को इतनी बड़ी चुनौती क्यों झेलनी पड़ रही है?
दिल्ली चुनाव में AAP को क्यों हो सकता है नुकसान?
विश्लेषकों के अनुसार, दिल्ली चुनाव में कांग्रेस मजबूत स्थिति में नहीं है, लेकिन उसने केजरीवाल की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी हैं।
- AAP के वोट प्रतिशत में गिरावट की संभावना जताई जा रही है, जबकि BJP के वोटों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
- कांग्रेस के वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है, जिससे AAP को नुकसान हो सकता है।
- BJP का बूथ मैनेजमेंट और संगठनात्मक ताकत भी AAP के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल?
मैट्रिज के एग्जिट पोल के अनुसार, दिल्ली में AAP और BJP के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन BJP को बढ़त मिल सकती है।
पार्टी | अनुमानित सीटें (2025) | वोट प्रतिशत (2025) | वोट प्रतिशत (2020) |
---|---|---|---|
BJP | 35-40 | 46% | 38.5% |
AAP | 32-37 | 44% | 53.8% |
कांग्रेस | 0-1 | 8% | 4.23% |
- BJP के वोट शेयर में 8% का इजाफा देखा जा रहा है।
- AAP के वोट शेयर में 10% की गिरावट हो सकती है।
- कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी लगभग दोगुना हो सकता है, जिससे AAP को नुकसान होगा।
यदि ये आंकड़े सही साबित हुए तो AAP को सत्ता गंवानी पड़ सकती है और दिल्ली में BJP की सरकार बन सकती है।
केजरीवाल को पहले से था हार का अंदेशा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मतदान से पहले अपने समर्थकों से 15% अतिरिक्त वोट जुटाने की अपील की थी।
- केजरीवाल का दावा था कि BJP EVM के जरिए 10% वोट मैनेज कर सकती है।
- उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि 15% का अतिरिक्त वोट मार्जिन हासिल करना होगा ताकि BJP की किसी भी संभावित गड़बड़ी को रोका जा सके।
- हालांकि, चुनाव आयोग ने EVM में किसी भी छेड़छाड़ की आशंका को पूरी तरह खारिज कर दिया था।
अब, चुनाव के नतीजे आने से पहले AAP के लिए समीकरण उलझते हुए नजर आ रहे हैं।
दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में AAP को नुकसान?
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस ने AAP को भारी नुकसान पहुंचाया है।
- 2020 के चुनाव में AAP को मुस्लिम बहुल सीटों पर मजबूत समर्थन मिला था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने मुस्लिम वोटों में सेंध लगा दी है।
- कांग्रेस के उभरते वोट शेयर ने AAP को कमजोर कर दिया है, जिससे BJP को फायदा मिल सकता है।
- BJP को मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं, लेकिन कांग्रेस और AAP के बीच बंटवारा उसे मजबूत कर सकता है।
BJP के बूथ मैनेजमेंट ने किया कमाल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP का बूथ मैनेजमेंट इस चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता है।
- BJP ने महीनों पहले ही बूथ स्तर पर तैयारी शुरू कर दी थी।
- कार्यकर्ताओं को संगठित किया गया, जिससे हर सीट पर मजबूती दिखाई दी।
- AAP और कांग्रेस इस मामले में पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
- हरियाणा और महाराष्ट्र में भी BJP ने बूथ मैनेजमेंट के जरिए जीत दर्ज की थी, और अब दिल्ली में भी वही फॉर्मूला काम करता दिख रहा है।
क्या 8 फरवरी को दिल्ली की राजनीति बदलेगी?
अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं, तो दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
- 27 साल बाद BJP दिल्ली में सत्ता में लौट सकती है।
- AAP को वोट प्रतिशत में भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
- कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ने से AAP को तगड़ा झटका लग सकता है।
अब 8 फरवरी 2025 को आने वाले नतीजे ही तय करेंगे कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी। क्या BJP की विजय रथ दिल्ली में भी दौड़ेगी या फिर AAP कोई बड़ा उलटफेर करेगी? इसका जवाब कुछ ही दिनों में मिल जाएगा!