राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है। महिलाओं के साथ छेड़खानी की शिकायतें हमेशा से दिल्ली में सामने आती रही है। छेड़खानी करने वालों पर सख्ती दिखाने और शिकंजा करने वालों के लिए दिल्ली पुलिस बड़ा कदम उठाने जा रही है। दिल्ली पुलिस अब महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी जिलों में “छेड़छाड़ विरोधी” या ‘शिष्टाचार दस्ते’ तैनात करने की तैयारी में है।
बल द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में बताया गया कि ये विशेषज्ञ टीमें उत्पीड़न के मामलों पर प्रतिक्रिया देंगी। इन टीमों का काम ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी ये टीमें सक्रिय रूप से काम करेंगी। हर जिले में 15 प्रशिक्षित कर्मियों का एक दस्ता होगा, जिसका काम सार्वजनिक परिवहन केन्द्रों, बाजारों और शैक्षणिक संस्थानों सहित संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना और वहां गश्त करना होगा। जिला पुलिस उपायुक्तों (डीसीएसपी) को हॉटस्पॉट और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का मानचित्रण करने और अपने निष्कर्षों को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई (एसपीयूडब्ल्यूएसी) के साथ साझा करने का निर्देश दिया गया है।
महिलाओं के विरुद्ध अपराध (सीएडब्ल्यू) इकाइयों के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) इन दस्तों की साप्ताहिक तैनाती की देखरेख करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि वे प्रमुख स्थानों पर औचक निरीक्षण और नियमित गश्त करें। महिलाओं के विरुद्ध अपराध (सीएडब्ल्यू) इकाइयों के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) इन दस्तों की साप्ताहिक तैनाती की देखरेख करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि वे प्रमुख स्थानों पर औचक निरीक्षण और नियमित गश्त करें।
यह पहल रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन (एमडब्ल्यूए) और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी, ताकि महिलाओं के लिए सतर्कता बढ़ाई जा सके और सुरक्षित क्षेत्रों के नेटवर्क का विस्तार किया जा सके। परिपत्र में इस बात पर जोर दिया गया है कि अधिकारियों को संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ कार्य करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पीड़न के पीड़ितों को सार्वजनिक जांच का सामना न करना पड़े। इसमें कहा गया है, “दस्ते को व्यक्तियों पर व्यक्तिगत या सांस्कृतिक नैतिकता थोपने के बजाय कानून लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”