जैसे-जैसे हवा में प्रदूषण बढ़ा और इस हफ़्ते दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर कैटेगरी में चला गया, दिल्ली सरकार ने कुछ सख़्त कदम उठाने की घोषणा की है, जिसमें हाइब्रिड वर्क शुरू करना, कंस्ट्रक्शन का सामान ले जाने वाले वाहनों पर रोक और नेशनल कैपिटल में आने वाले वाहनों के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट ज़रूरी करना शामिल है। ये नए कदम गुरुवार से लागू हुए और ये एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन द्वारा लगाए गए GRAP 4 प्रतिबंधों के अलावा हैं, क्योंकि शनिवार, 13 दिसंबर से शहर में लगातार 3 दिनों तक हवा की क्वालिटी बहुत खराब रही। दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को गुरुवार से वर्क फ्रॉम होम करना होगा, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी, हालांकि ज़रूरी सेवाओं और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कई छूट लागू हैं।
‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ लागू
राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्राधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों के तहत बृहस्पतिवार से दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर बीएस-6 निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू हो गया और साथ ही उन वाहनों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं हैं।
पेट्रोल पंप वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहनों को ईंधन नहीं दे रहे हैं और इसे स्वचालित ‘नंबर प्लेट रीडर कैमरे’, पंपों पर ‘वॉयस अलर्ट’ और पुलिस की मदद से लागू किया जा रहा है। इसका मतलब है कि जिन वाहनों के पास पीयूसी नहीं होगा, उन्हें पेट्रोल नहीं मिलेगा यानी ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’।
अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली की सीमाओं सहित 126 जांच चौकियों पर 580 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परिवहन विभाग की कई प्रवर्तन टीम को पेट्रोल पंपों और सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है।
हालांकि, गैर बीएस-6 वाहनों पर प्रवेश प्रतिबंध सीएनजी या इलेक्ट्रिक पावर, सार्वजनिक परिवहन, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों पर लागू नहीं है।
निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को भी ग्रैप के चौथे चरण के प्रतिबंधों के तहत शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
वर्क फ्रॉम होम गाइडलाइंस
यह आदेश सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों पर लागू होता है, लेकिन ऑफिस आंशिक रूप से फिजिकल मोड में काम करते रहेंगे। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में काम करने वाले सभी प्राइवेट ऑफिसों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके आधे से ज़्यादा कर्मचारी फिजिकली वर्कप्लेस पर न आएं, जबकि बाकी कर्मचारी अनिवार्य रूप से घर से काम करें।
वर्क फ्रॉम होम का नियम इमरजेंसी और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर लागू नहीं होता है, जिसमें हॉस्पिटल, एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने वाले डिपार्टमेंट, फायर डिपार्टमेंट और दूसरी ज़रूरी सेवाओं में काम करने वाले लोग शामिल हैं। पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ सर्विस, ट्रांसपोर्ट सर्विस और सैनिटेशन सर्विस को भी छूट दी गई है।
कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक से प्रभावित कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को ₹10,000 का मुआवजा दिया जाएगा। कपिल मिश्रा ने कहा कि यह मुआवजा उस अवधि के लिए होगा जब तक GRAP 4 लागू रहेगा, और बताया कि वर्कर्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस अभी चल रहा है।
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