Monday, July 14, 2025
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Explained | सैफ अली खान के हाथ से कैसे गई 15000 करोड़ रुपये की बेशकीमती प्रॉपर्टी, पैतृक संपत्ति ‘दुश्मन संपत्ति’ हुई घोषित

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सैफ अली खान को झटका देते हुए अभिनेता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने राज्य में उनकी 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ के रूप में चिह्नित करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने वर्ष 2000 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सैफ अली खान, उनकी बहनों सोहा और सबा तथा मां शर्मिला टैगोर को पैतृक संपत्तियों का उत्तराधिकारी माना गया था।
 

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न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को संपत्ति उत्तराधिकार विवाद पर नए सिरे से सुनवाई करने तथा एक वर्ष की समय-सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया है। शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत केंद्र सरकार को वर्ष 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए व्यक्तियों के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर दावा करने की अनुमति है।
पटौदी परिवार ने भोपाल और रायसेन में अपनी ज़मीनों पर दावा किया है, जिसमें कोहेफ़िज़ा का फ़्लैग हाउस, अहमदाबाद पैलेस, रायसेन के चिकलोद में स्थित कोठी और जंगल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नूर-ए-सबा, फ़्लैग हाउस, दार-उस-सलाम, फ़ोर क्वार्टर, न्यू क्वार्टर, फ़ारस खाना, कोहेफ़िज़ा और अहमदाबाद पैलेस जैसी संपत्तियाँ उनकी हैं।
 

ये हैं मुख्य अपडेट- 

-यह मामला बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान से जुड़ा है, क्योंकि यह संपत्ति उनकी परदादी साजिदा सुल्तान से जुड़ी है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने पूरी संपत्ति साजिदा सुल्तान को दे दी थी।
 
-हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया है कि वह मामले की दोबारा सुनवाई करे और एक साल के अंदर नया फैसला दे। नवाब हमीदुल्ला खान के अन्य परिजनों ने पुराने फैसले को चुनौती देते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत संपत्ति का न्यायसंगत बंटवारा करने की मांग की है।
 

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-गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने पूरी पुश्तैनी संपत्ति नवाब की बड़ी बेगम की बेटी साजिदा सुल्तान को दे दी थी, जिसे अब अन्य उत्तराधिकारियों ने चुनौती दी है।
 
-हाईकोर्ट के वकील हर्षित बारी के मुताबिक, मामले की दोबारा सुनवाई होगी और नए फैसले से तय होगा कि नवाब की अरबों की संपत्ति का हक किसे और कितना मिलना चाहिए।
 

मामला क्या है?

1947 में भोपाल एक रियासत थी और इसके अंतिम नवाब नवाब हमीदुल्लाह खान थे, जो मंसूर अली खान पटौदी के नाना थे। नवाब हमीदुल्लाह खान की तीन बेटियाँ थीं, जिनमें से सबसे बड़ी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं। उनकी दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में ही रहीं और उन्होंने सैफ अली खान के दादा नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी कर ली और संपत्ति की कानूनी वारिस बन गईं।
भोपाल रियासत के वंशज – बेगम सुरैया रशीद, बेगम मेहर ताज, साजिदा सुल्तान, नवाबजादी कमर ताज राबिया सुल्तान, नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान और अन्य ने भोपाल जिला न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ 2000 में उच्च न्यायालय में दो अपील दायर की थीं।
अपील में कहा गया कि नवाब हमीदुल्लाह खान की मृत्यु 4 फरवरी 1960 को हुई तथा भोपाल रियासत का भारतीय संघ में विलय 30 अप्रैल 1949 को हुआ। लिखित समझौते के अनुसार विलय के बाद नवाब के विशेष अधिकार जारी रहेंगे तथा निजी संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व का उत्तराधिकार भोपाल गद्दी उत्तराधिकार अधिनियम 1947 के तहत होगा। हमीदुल्लाह खान की मृत्यु के बाद साजिदा सुल्तान को नवाब घोषित किया गया। शासन ने 10 जनवरी 1962 को एक पत्र जारी कर संविधान के अनुच्छेद 366 (22) के तहत पैतृक संपत्ति का उल्लेख किया।
 
नवाब हमीदुल्लाह खान की मृत्यु के बाद उनकी निजी संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार वादी और प्रतिवादी के बीच होना चाहिए था। संपत्ति उत्तराधिकार की मांग को लेकर भोपाल जिला न्यायालय में आवेदन दिया गया। हालांकि जिला न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के आधार पर उनके आवेदन को खारिज कर दिया।
 
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के अन्य पहलुओं पर विचार किए बिना इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार मामले को खारिज कर दिया था। इसने कहा कि ट्रायल कोर्ट इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहा कि विलय पर सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
 
अपील में मंसूर अली खान पटौदी, उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर, उनके बेटे सैफ अली खान और बेटियों सबा और सोहा को प्रतिवादी बनाया गया था। 2015 में, मुंबई स्थित शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने भोपाल के नवाब की जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया, जिसके बाद पटौदी परिवार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
 
2019 में, अदालत ने साजिदा सुल्तान को कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी और उनके पोते सैफ अली खान को संपत्तियों का एक हिस्सा विरासत में मिला। हालांकि, आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के कारण केंद्र सरकार ने संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ के रूप में दावा किया।
 
अपने वर्क फ्रंट की बात करें तो सैफ को आखिरी बार नेटफ्लिक्स की एक्शन एडवेंचर थ्रिलर फिल्म ‘ज्वेल थीफ: द हीस्ट बिगिन्स’ में जयदीप अलहावत, गगन अरोड़ा, निकिता दत्ता और इवाना ब्रकन के साथ मुख्य भूमिकाओं में देखा गया था। वह अगली बार एडवेंचर कॉमेडी फिल्म ‘गो गोवा गॉन 2’ में नजर आएंगे, जिसे राज और डीके ने डायरेक्ट किया है और इसमें अभिषेक बनर्जी और राधिका मदान मुख्य भूमिकाओं में हैं।
 
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