प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि इज़राइल, गाजा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना के पहले चरण को लागू करने की तैयारी कर रहा है। नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में इज़राइल ने योजना की शर्तों के अनुसार युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए वाशिंगटन के साथ पूर्ण सहयोग करने का संकल्प लिया। इस सप्ताह की शुरुआत में शुरू की गई ट्रम्प की इस पहल का उद्देश्य 7 अक्टूबर, 2023 को इज़राइल पर हमास के हमले से शुरू हुए लगभग दो वर्षों के संघर्ष को रोकना है। इस योजना में तत्काल युद्धविराम, सभी शेष बंधकों की रिहाई और गाजा से इज़राइली सेना की चरणबद्ध वापसी का आह्वान किया गया है।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इज़राइल से अपने बमबारी अभियान को रोकने का आग्रह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि लगातार हवाई हमले बंधकों की रिहाई को बेहद ख़तरनाक बना रहे हैं। उन्होंने इज़राइली और फ़िलिस्तीनी दोनों प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में प्रगति का दावा करते हुए कहा कि उनका मानना है कि “वे स्थायी शांति के लिए तैयार हैं। ट्रंप का यह बयान हमास द्वारा प्रस्ताव के कुछ पहलुओं मुख्यतः बंधकों की अदला-बदली और आंतरिक फ़िलिस्तीनी शासन—को सशर्त स्वीकृति को सशर्त स्वीकृति देने के संकेत के बाद आया है, जबकि गाज़ा के भविष्य को नया आकार देने वाले अन्य पहलुओं पर अपनी शंकाएँ व्यक्त की हैं।
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हमास ने कहा कि वह शेष बंधकों को रिहा करने और गाजा का नियंत्रण अन्य फ़िलिस्तीनी गुटों को सौंपने के लिए तैयार है, लेकिन उसने ज़ोर देकर कहा कि व्यापक राजनीतिक मुद्दों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप “एक सर्वसम्मत फ़िलिस्तीनी रुख” की आवश्यकता है। समूह के बयान में निरस्त्रीकरण की किसी भी प्रतिबद्धता का ज़िक्र नहीं था, जो इज़राइल की एक केंद्रीय पूर्व शर्त और ट्रंप की योजना का एक प्रमुख पहलू है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी मूसा अबू मरज़ूक ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि योजना का क्रियान्वयन बातचीत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि रसद संबंधी चुनौतियों के कारण ट्रम्प द्वारा निर्धारित 72 घंटे की समय-सीमा के भीतर सभी बंधकों की रिहाई में देरी हो सकती है।