आज यानी की 07 मार्च को राजनेता गुलाम नबी आजाद अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने देश की सियासत में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। गुलाम नबी आजाद का जितना सम्मान कांग्रेस पार्टी में था, उतना ही भाजपा में भी था। आजाद करीब दो दशक से ज्यादा देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में रहे। हालांकि साल 2021 में कांग्रेस के साथ उनके सियासी सफर का अंत हो गया। गुलाम नबी आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद नामक राजनीतिक पार्टी बनाई है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर गुलाम नबी आजाद के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और परिवार
जम्मू कश्मीर राज्य के डोडा जिले के भलेसा में गुलाम नबी आजाद का जन्म हुआ था। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा अने गृह राज्य में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में ग्रेजुएशन और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। शुरूआत से गुलाम नबी आजाद की रुचि समाजसेवा और राजनीति में थी।
राजनीतिक सफर
गुलाम नबी आजाद ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस पार्टी से शुरू किया था। वह कई दशकों तक कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाते थे। बता दें कि साल 1973 में वह सक्रिय राजनीति में आए। वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए। साल 2005 में गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। वहीं अपने 50 साल के राजनीतिक करियर में वह दो बार लोकसभा सांसद और 5 बार राज्यसभा सांसद रहे। इसके अलावा वह इस दौरान कांग्रेस में उच्च पदों पर भी आसीन रहे।
वहीं साल 1982 से वह कांग्रेस की हर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। इसके साथ ही वह साल 2006 और 2008 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य भी रहे। हालांकि समय का चक्र बदला और उन्होंने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। जिसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर में खुद की एक नई पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बना डाली। कांग्रेस में उनकी भूमिका विश्वासपात्र से लेकर संकट मोचक और पावर प्लेयर के तौर पर थी।
बाग-बगीचों का शौक
बता दें कि गुलाम नबी आजाद को राजनीति के अलावा शेर-ओ-शायरी और बाग-बगीचों का शौक है। एक बार पीएम मोदी ने आजाद के बारे में कहा कि उन्होंने दिल्ली में ही कश्मीर बना रखा है। यह शायद उनका कश्मीर से लगाव था।