केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को बजट जारी किया। सोने पर आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन फिर भी सोने की कीमत में कोई ब्रेक नहीं है। बजट के बाद दो दिनों तक सोने की कीमतों में गिरावट रही, लेकिन बुधवार 5 फरवरी को सोना और महंगा हो गया। 24 और 22 कैरेट सोने की कीमतों में बदलाव आया है। 10 ग्राम की कीमत 85 हजार को पार कर गई है।
सोने की कीमत 85 हजार के पार क्यों पहुंच गई?
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल और अमेरिकी नीतियों में बदलाव के कारण लोग सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। इसलिए वे इसमें निवेश कर रहे हैं, जिसके कारण इसकी कीमत बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ब्याज दरें गिरती हैं और बाजार में अनिश्चितता होती है तो सोना और अधिक महंगा हो सकता है। भारत में शादियों और त्यौहारों के दौरान सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे आने वाले महीनों में सोने की कीमत बढ़ सकती है।
इन शहरों में सोने की कीमत क्या है?
शहर का नाम | 22 कैरेट सोना | 24 कैरेट सोना |
दिल्ली | 78,260 | 85,360 |
चेन्नई | 78,110 | 85,210 |
मुंबई | 78,110 | 85,210 |
कोलकाता | 78,110 | 85,210 |
अहमदाबाद | 79,100 | 86,290 |
जानें क्या है चांदी का भाव?
बुधवार, 5 फरवरी को चांदी की कीमतों में गिरावट आई। चांदी का भाव गिरकर 98,400 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया है। सोने के विपरीत, चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। चांदी अभी तक 1 लाख रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर नहीं पहुंची है। हालाँकि, सोना पिछले साल के शिखर को पार कर चुका है।
देश में सोने की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
भारत में सोने की कीमतें कई कारकों के कारण बदलती रहती हैं, जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतें, सरकारी कर और रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव। सोना सिर्फ एक निवेश साधन ही नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। शादियों और त्योहारों के दौरान इसकी मांग बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं। लोग इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं, इसलिए इसकी कीमत में बदलाव का असर आम लोगों पर पड़ता है।