मणिपुर के चुराचांदपुर में एक सत्र अदालत को बृहस्पतिवार को जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए विशेष एनआईए अदालत के रूप में नामित किया गया।
हिंसा की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है।
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक अधिसूचना में कहा कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत को एनआईए अधिनियम 2008 (2008 का 34) की धारा 11 के तहत विशेष अदालत के रूप में नामित किया गया है।
एनआईए ने तीन मई, 2023 को शुरू हुई जातीय हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों को अपने हाथ में ले लिया है। इन मामलों में जिरीबाम में छह महिलाओं और बच्चों का अपहरण और हत्या के साथ-साथ अन्य हिंसक घटनाएं शामिल हैं।
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आपको बता दें कि एक अलग घटना में मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (कोकोमी) द्वारा सेना की एक इकाई द्वारा सरकारी बस पर “मणिपुर राज्य परिवहन” के साइनबोर्ड को छिपाने की कथित कार्रवाई के विरोध में आहूत 48 घंटे की हड़ताल ने गुरुवार को इंफाल घाटी में जनजीवन को बाधित कर दिया।
पांच मैतेई बहुल जिलों- इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग, बिष्णुपुर और थौबल में दुकानें, स्कूल, सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहीं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया, टायर जलाए और धरना दिया, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। शिरुई लिली महोत्सव के लिए उखरुल जाने वाले वाहनों को परिचालन की अनुमति दी गई।
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बिष्णुपुर जिले में, महिला प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक प्रतिशोध के तौर पर केंद्रीय बलों के वाहनों पर “मणिपुर और कांगलीपाक” लिखे स्टिकर चिपकाए। कांगलीपाक मणिपुर का पुराना नाम है।