जम्मू-कश्मीर से लगातार यह संदेश सामने आ रहा है कि सुरक्षा बल किसी भी आतंकी गतिविधि या घुसपैठ की कोशिश को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। कुख्यात आतंकवादियों का सफाया, घुसपैठियों को सीमा पार करते ही ढेर कर देना, सर्च ऑपरेशनों में हथियारों की बरामदगी और आतंकियों की गिरफ्तारी, ये सब इस बात के संकेत हैं कि सुरक्षा तंत्र पूरी तरह सक्रिय है और लगातार दबाव बनाए हुए है।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की रणनीति का सबसे अहम हिस्सा घुसपैठ रहा है। लेकिन भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की सघन चौकसी ने इस पर कड़ा अंकुश लगाया है। सीमा पर तकनीकी साधनों (ड्रोन, सेंसर, नाइट विज़न) का प्रयोग, स्थानीय खुफिया नेटवर्क की मज़बूती और तेज़तर्रार जवाबी कार्रवाई ने आतंकी संगठनों की योजनाओं को लगातार नाकाम किया है। यह साफ है कि कश्मीर में सुरक्षा स्थिति धीरे-धीरे सामान्यीकरण की दिशा में बढ़ रही है। हालांकि चुनौतियाँ अभी शेष हैं, लेकिन हाल के ऑपरेशनों ने यह साबित कर दिया है कि भारत आतंकवाद से लड़ाई में अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक और निर्णायक रुख अपना चुका है
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ताजा ऑपरेशनों का जिक्र करें तो आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने शनिवार को गुरेज़ सेक्टर में कुख्यात आतंकी सहयोगी बागू ख़ान उर्फ़ “ह्यूमन जीपीएस” को मार गिराया। बागू ख़ान, जिसे आतंकी गिरोहों में ‘समंदर चाचा’ के नाम से भी जाना जाता था, 1995 से पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय था और घुसपैठ की सबसे पुरानी और अहम कड़ियों में गिना जाता था। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, बागू ख़ान ने पिछले तीन दशकों में गुरेज़ सेक्टर और आसपास के इलाकों से 100 से अधिक घुसपैठ प्रयासों को सफल बनाने में भूमिका निभाई थी। इलाके के कठिन भौगोलिक ढाँचे और गुप्त रास्तों की बारीक जानकारी उसे आतंक संगठनों के लिए बेहद खास बनाती थी। भले ही वह हिजबुल कमांडर था, मगर उसने हर आतंकी गुट को मदद पहुँचाई थी, चाहे योजना बनाने में हो या घुसपैठ की रूपरेखा तय करने में।
नौशेरा नार इलाके से घुसपैठ की कोशिश के दौरान सुरक्षा बलों ने उसे और एक अन्य आतंकी को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ ऑपरेशन नौशेरा नार-IV के तहत हुई, जब सेना के जवानों ने भारतीय सीमा में दाख़िल होने की कोशिश कर रहे हथियारबंद आतंकियों को रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई की। संक्षिप्त गोलीबारी में दोनों आतंकियों का सफाया कर दिया गया।
देखा जाये तो बागू ख़ान का मारा जाना आतंक संगठनों के लॉजिस्टिक और नेटवर्क ढांचे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दशकों से उसकी भूमिका सिर्फ़ एक आतंकी के रूप में नहीं बल्कि एक “सुविधादाता” के रूप में भी रही। अब तक सुरक्षा बलों से बचता रहा यह आतंकी आखिरकार भारतीय सेना की सतर्कता और लगातार ऑपरेशनों के चलते मारा गया। हम आपको बता दें कि यह मुठभेड़ उस समय हुई जब गुरेज़ सेक्टर में दो दिन पहले ही घुसपैठ की एक और कोशिश को सेना ने नाकाम किया था। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि भारतीय सुरक्षा बल न केवल सीमा की निगरानी को और मज़बूत कर रहे हैं बल्कि आतंकी बुनियादी ढांचे को जड़ से कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
घुसपैठ की कोशिश नाकाम
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले के मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सेना के जवानों ने आतंकवादियों द्वारा इलाके में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर तैनात जवानों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करते आतंकवादियों के एक समूह को देखा था। यह हलचल सुबह बालाकोट क्षेत्र के डब्बी गांव के पास देखी गई। दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई लेकिन किसी के हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और एक व्यापक तलाशी अभियान संचालित किया जा रहा है।
हथियारों का जखीरा बरामद
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों ने एक ठिकाने का भंडाफोड़ कर वहां से भारी मात्रा में युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियारों का जखीरा बरामद किया है। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने रविवार तड़के उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के कोटनाला क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया। अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान चीन में निर्मित एक पिस्तौल, पाकिस्तान निर्मित चार ‘अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर’, चार चीनी हथगोले, एक स्नाइपर राइफल की मैगजीन, स्नाइपर के 26 राउंड, एक एके-47 की मैगजीन, एके-47 के 144 राउंड, एक बैग और चीनी भाषा में छपे पर्चे बरामद किए गए हैं।
दो आतंकवादी गिरफ्तार, हथियार बरामद
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में पुलिस ने दो आतंकवादियों को गिरफ्तार कर उनके पास से हथियार बरामद किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान आजमाबाद निवासी तारिक शेख और चंबर गांव निवासी रियाज अहमद को हिरासत में लिया गया तथा उनसे की गई पूछताछ के आधार पर दो राइफल एवं गोला-बारूद बरामद किए गए। पुलिस ने आजमाबाद में शेख के घर पर छापा मारा और उसे उसके साथी अहमद के साथ गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस दल ने जलियां गांव स्थित शेख के किराए के मकान पर छापा मारा और हथियार बरामद किए।
भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पश्चिमी कमान के एडीजी एस एस खंडारे ने जम्मू क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा की अलग-अलग समीक्षा की। कठुआ और जम्मू जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर दोनों अधिकारियों का दौरा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा से एक दिन पहले हुआ। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से सीमा की सुरक्षा व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें बाड़ और जम्मू, सांबा तथा कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थित सीमा चौकियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल स्थिति का फायदा उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की आतंकवादियों की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रभात ने जम्मू-सांबा-कठुआ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक शिव कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना के साथ कठुआ के अग्रिम इलाकों का दौरा किया।