Wednesday, December 3, 2025
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Houthis पर अटैक का War Plan हो गया लीक, ट्रंप की कोर टीम से हुई भारी चूक

अमेरिका का एक सीक्रेट लीक हो गया है, जिसके बाद देश में हड़कंप मच गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक बड़ी सुरक्षा चूक तब सामने आई है जब एक पत्रकार को गलती से एक निजी सिग्नल चैट में शामिल कर लिया गया, जहां ट्रम्प प्रशासन के शीर्ष अधिकारी यमन के हौथियों को निशाना बनाने वाली संवेदनशील अमेरिकी सैन्य योजनाओं पर चर्चा कर रहे थे। इस बड़ी चूक का विवरण सबसे पहले द अटलांटिक में दिया गया था और व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि की थी। यह घटना राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा 15 मार्च को हवाई हमलों को अधिकृत करने के कुछ ही दिन पहले हुई थी। अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने खुलासा किया कि उन्हें गलती से हूती पीसी स्मॉल ग्रुप नामक ग्रुप में जोड़ दिया गया था, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ सहित उच्च-स्तरीय अमेरिकी अधिकारियों ने ऑपरेशन डिटेल्स पर चर्चा की थी। चर्चा में कथित तौर पर सीक्वेंस ऑफ अटैक, टारगेट का लोकेशन और कौन कौन से वेपन इसमें यूज किए जाएंगे इसकी डिटेल्स थी। 

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कब हुई ये घटना
गौरतलब है कि बीते दिनों अमेरिकी वायुसेना ने यमन के हूती आतंकियों पर जबर्दस्त हमला किया। ये घटना 15 मार्च को किए गए हमले से कुछ दिनों पहले की बताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑफिस व्हाइट हाउस की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। इस चैट में कथित तौर पर सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड और विदेश मंत्री मार्को रुबियो जैसे शीर्ष नेता शामिल थे। कुछ लोगों ने हमले के समय और भू-राजनीतिक प्रभाव को लेकर चर्चा की। जिसमें लाल सागर में व्यवधान के बारे में वेंस ने कथित तौर पर कहा कि मुझे यूरोप को फिर से बचाने से नफरत है। 

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व्हाइट हाउस ने आंतरिक जांच शुरू की
डेमोक्रेटिक सांसदों ने लीक की निंदा की। सीनेटर चक शूमर ने इसे हाल के दिनों में सैन्य खुफिया जानकारी के सबसे चौंकाने वाले उल्लंघनों में से एक करार दिया है। एलिजाबेथ वॉरेन ने सिग्नल के उपयोग को अवैध और अविश्वसनीय रूप से खतरनाक करार दिया। सीनेटर क्रिस कूंस ने कहा कि इसमें शामिल अधिकारियों ने अपराध किया है-भले ही गलती से। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा है कि इससे किसी भी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं मिली है।
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