नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता औपचारिक रूप से शुरू हो गई। दोनों नेताओं की यह मुलाकात वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियों के बीच विशेष महत्व रखती है, जिसमें रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, ऊर्जा, व्यापार और यूक्रेन संकट जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।
वार्ता की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत–रूस संबंधों की दशकों पुरानी नींव और नेतृत्व की दूरदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि 2001 में हमने जो भूमिका निभाई, वह इस बात का एक आदर्श उदाहरण है कि एक दूरदर्शी नेता कैसे सोचता है—वे कहाँ से शुरुआत करते हैं और रिश्तों को कितनी दूर तक ले जा सकते हैं। भारत–रूस संबंध इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से दोनों देशों के बीच निरंतर बातचीत होती रही है। उन्होंने कहा, “समय-समय पर आपने भी एक सच्चे मित्र की तरह हमें हर बात से अवगत कराया है। मेरा मानना है कि विश्वास एक बहुत बड़ी ताकत है… राष्ट्रों का कल्याण शांति के मार्ग में निहित है। हम सब मिलकर दुनिया को उस मार्ग पर ले जाएँगे।”
मोदी ने हाल के दिनों में किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर भरोसा जताते हुए कहा कि दुनिया एक बार फिर शांति की दिशा में लौटेगी। हैदराबाद हाउस में जारी यह बैठक दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वार्ता के बाद दोनों देशों द्वारा संयुक्त बयान जारी किए जाने की संभावना है।

