उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को स्थानीय मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख तौकीर रज़ा खान को गिरफ़्तार कर लिया। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि तौकीर रज़ा खान ने ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसके कारण बरेली में शुक्रवार की नमाज़ के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रज़ा ने शुक्रवार रात एक वीडियो बयान जारी कर झड़पों के आधिकारिक बयान को चुनौती दी और दावा किया कि उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करने से रोका गया और नज़रबंद कर दिया गया।
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वीडियो में रज़ा को शुक्रवार की झड़पों में घायल हुए प्रदर्शनकारियों को बधाई देते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, मैं इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी युवाओं की सराहना करता हूँ। जो घायल हुए हैं, वे भी बधाई के पात्र हैं। रज़ा ने शुक्रवार की नमाज़ के बाद ज़िला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपने में अपनी “असमर्थता” पर भी खेद व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने “मुसलमानों पर लगातार हो रहे हमलों” की ओर इशारा किया और मामले में कानूनी हस्तक्षेप की मांग की।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले बरेली में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प को लेकर कड़ा रुख अख्तार करते हुए शनिवार को कहा कि (दंगाइयों को) ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी। एक मीडिया संस्थान के विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2024कार्यक्रम में बरेली मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि कानून-व्यवस्था में खलल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में बिना किसी का नाम लिए कहा, कल आपने बरेली के अंदर देखा होगा… वो मौलाना भूल गया कि शासन किसका है, उसने सोचा कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे, मैंने कहा जाम नहीं होगा, कर्फ्यू नहीं लगेगा… सबक तुम्हें ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी।