पिछले कई सालों बाद मैदानी इलाकों में बारिश खुलकर हो रही है। जहां कुछ जगहों पर बारिश वरदान बन रही हैं वहीं दूसरी कई जगहों पर बारिश लोगों के जनजीवन को प्रभावित कर रही है। पहाड़ों पर बारिश के कारम काफी ज्यादा समस्या उत्पन्न हुई। बादल फटे, भूस्खलन हुए। वहीं कई जगहों पर बाढ़ भी आयी है। भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। बाढ़ की ताजा चेतानवी झारखंड में जारी हुई है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने झारखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश के अनुमान के बीच राज्य के 19 जिलों के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है।
आईएमडी के सुबह के बुलेटिन में गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गढ़वा, पलामू, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा, देवगढ़, दुमका और रांची जिलों के लिए बुधवार शाम साढ़े पांच बजे तक अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
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बुलेटिन में कहा गया है कि मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, कोडरमा और हजारीबाग में भारी से बहुत भारी बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने 16 जुलाई सुबह साढ़े आठ बजे से 17 जुलाई सुबह साढ़े आठ बजे तक पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह के लिए भी इसी तरह की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रांची सहित झारखंड के 10 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक अभिषेक आनंद ने कहा कि राज्य में 17 जुलाई तक दबाव क्षेत्र बनने और मानसून के प्रभाव से व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में 17 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है।
आनंद ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के मध्य भाग में बना दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे तक यह झारखंड के ऊपर केंद्रित था। अगले 24 घंटों के दौरान इसके झारखंड और उससे सटे दक्षिण बिहार से होते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।’’
सोमवार रात से झारखंड के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई।
भारी वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम प्रशासन ने मंगलवार को स्कूलों को बंद करने की घोषणा की।
पश्चिमी सिंहभूम प्रशासन ने लोगों से नदियों के पास जाने से बचने को भी कहा क्योंकि वे उफान पर हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में एक जून से 14 जुलाई के बीच 62 प्रतिशत अतिरिक्त वर्षा दर्ज की गई है।
इस अवधि के दौरान राज्य के पूर्वी क्षेत्र में 527.6 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि सामान्यत: 326 मिलीमीटर वर्षा होती है।