व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की रूस यूक्रेन युद्ध को रुकवाने के लिए कुछ भी कर गुजर जाने को तैयार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले। इस मुलाकात में सबसे खास बात ये रही कि जेलेंस्की अपने साथ यूरोपीय देशों के बड़े नेताओं को लेकर ट्रंप से मुलाकात करने पहुंचे थे। ट्रंप पुतिन की अलास्का में हुई महामुलाकात के बाद ये बैठक हो रही थी और पूरी दुनिया की निगाहें इसी ओर टिकी थी। लेकिन जेलेंस्की और ट्रंप की मुलाकात के बीच भारत ने एक ऐसा धमाका कर दिया, जिससे पूरी दुनिचा चौंक गई। भारत आए चीन के विदेश मंत्री ने ऐसा ऐलान कर दिया जिससे ट्रंप की दुनिया हिली हुई है।
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई और इस मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ कि जिससे भारत को तो बड़ा फायदा होगा हीं वहीं खुद को सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका को बड़ा झटका लगेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से टैरिफ पर टैरिफ लगाना शुरू किया है। तब से ही भारत और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। ये नजदीकियां अमेरिका समेत नाटो के 32 देशों के लिए बड़ी चुनौती हैं। चीन और भाकत के विदेश मंत्री के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। चीन के विदेश मंत्री ने भारत की तीन परेशानियों को दूर करने का ऐलान किया।
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भारत यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री द्वारा भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई), खाद और टनल बोरिंग मशीन देने का आश्वासन बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में हमारे लिए बेहद अच्छी खबर है। चीन ने अमेरिका से टैरिफ को लेकर व्यापारिक असहमति के दौरान जिन देशों को आरईई देने पर रोक लगाई, उनमें अमेरिका के अलावा भारत भी था। जहां अमेरिका के तमाम उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है, वहीं भारत में भी ईवी उत्पादन प्रभावित होने लगा। भारत के रूस और चीन के साथ बढ़ते नए समीकरण को लेकर अमेरिका भी नाराज है। अमेरिका की दोहरी रणनीति का अंदाजा इसी बात से लगता है कि तीन साल के रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं, केवल प्राइस कैप लगाया गया है। इसके अलावा अमेरिका ने हमेशा चाहा कि भारत रूसी क्रूड को साफ करके यूरोप और अन्य देशों पेचे ताकि पेट्रोलियम के दाम स्थिर रहे।
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। तब भारत ने चीन से इन तीन चीजों को लेकर चर्चा की थी। दरअसल, रवि सीजन में डीएफपी की जरूरत पर लगातार असर पड़ता रहा था। लेकिन अब ये दिक्कत दूर हो जाएगी। इसी तरह चीन ने टनल बोरिंग मशीनों के शिपमेंट को भी रोक दिया था। ये मशीनें भारत में बन रही महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओ के लिए थी। चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर भी रोक लगा दी थी, जिसकी वजह से इलेक्ट्रानिक व्हीकल और इलेक्ट्रानिक डिलाइस के प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ रहा था। लेकिन अब ये समस्या भी हल हो जाएगी।