दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार और हरियाणा सरकार के बीच गतिरोध जारी है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा अपने सभी शीर्ष मंत्रियों, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकारों और शीर्ष नौकरशाहों पर दबाव डालने के बावजूद, परिवार आज भी पोस्टमार्टम के लिए सहमत नहीं हुआ। 7 अक्टूबर से, कुमार का शव परिवार की सहमति के इंतजार में मुर्दाघर में पड़ा है।
परिवार की एक माँग को स्वीकार करते हुए, चंडीगढ़ पुलिस ने रविवार को कुमार की कथित आत्महत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम (धारा 3(2)(v)) के कठोर प्रावधान शामिल किए। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार ने प्राथमिकी में एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(2)(v) को शामिल किए जाने की पुष्टि की।
चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के संबंध में दर्ज पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में अधिकारी की पत्नी के अनुरोध पर आरोप जोड़े। इससे पहले, परिवार की माँगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने हेतु गठित 31 सदस्यीय समिति ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को तत्काल पद से हटाने की माँग की थी। कपूर उन अधिकारियों में शामिल थे जिनका नाम 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार द्वारा छोड़े गए “अंतिम नोट” में था। पूरन कुमार 7 अक्टूबर को अपने आवास पर गोली लगने से घायल अवस्था में मृत पाए गए थे।
आईपीएस अधिकारी ‘आत्महत्या, पोस्टमॉर्टम पर गतिरोध जारी
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या के छह दिन बाद रविवार को उनके पोस्टमॉर्टम को लेकर गतिरोध खत्म नहीं हुआ।
मृत अधिकारी के परिवार के लिए न्याय की मांग करने के लिए गठित 31 सदस्यीय समिति ने राज्य के पुलिस प्रमुख शत्रुजीत कपूर को उनके पद से हटाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
पूरण कुमार के परिवार ने कहा कि जब तक उसकी मांगों को नहीं मान लिया जाता है तब तक वह शव के पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार की सहमति नहीं देगा।
वैसे हरियाणा सरकार पूरण कुमार की पत्नी – हरियाणा में सेवारत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार – को राजी करने के प्रयास कर रही है।
डीजीपी को हटाने का 48घंटे का अल्टीमेटम
संबंधित घटनाक्रम में, कथित आत्महत्या मामले की जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस ने रविवार को अमनीत पी कुमार को एक अनुरोध पत्र भेजकर उनसे आग्रह किया गया कि वह ‘ शीघ्र पीएमई (पोस्टमॉर्टम) के लिए शव की पहचान के वास्ते आगे आएं, क्योंकि यह जांच के लिए आवश्यक है।’’
चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा सरकार से मामले की जांच के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ भी मांगे हैं।
इस बीच, हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष ने रविवार को कुमार के परिवार से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के2001 बैच के अधिकारी, 52 वर्षीय कुमार ने सात अक्टूबर को यहां सेक्टर 11 में अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी।
कुमार ने मौत से पहले कथित तौर पर लिखे आठ पन्नों के ‘अंतिम नोट’ में, हरियाणा के डीजीपी कपूर और रोहतक के पूर्व पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया समेत आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर कथित तौर पर उन्हें परेशान करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने नोट में कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव समेत कथित उत्पीड़न का भी विवरण दिया है।
बिजारणिया का शनिवार को रोहतक के एसपी के पद पर तबादला कर दिया गया।
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने रविवार को उम्मीद जताई कि यह मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा।
इस बीच, 31 सदस्यीय समिति ने रविवार को सेक्टर 20 स्थित गुरु रविदास भवन में महापंचायत की और चंडीगढ़ प्रशासन तथा हरियाणा सरकार को कपूर को हटाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।
हरियाणा के डीजीपी उन पुलिस अधिकारियों में से एक हैं जिनके खिलाफ कुमार की पत्नी ने कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कार्रवाई की मांग की है।