पाकिस्तान के परखच्चे उड़ाने के लिए भारत एक नई मिसाइल मंगवा रहा है। ये मिसाइल पाकिस्तान में 400 किलोमीटर अंदर घुस कर हमला करके आएगी। इस मिसाइल का नाम लॉन्ग रेंज आर्टलरी मिसाइल है। भारत खासतौर से पाकिस्तान का इलाज करने के लिए इस खतरनाक लॉन्ग रेंज मिसाइल इजरायल से खरीद सकता है। पाकिस्तान ने अगर अब कोई हरकत की तो उसके होश उड़ने तय हैं। भारतीय वायु सेना एक नई रणनीति के तहत इजरायल की लॉन्ग रेंज आर्टिलरी मिसाइल को एसयू 30 जैसे लड़ाकू विमान में लगाने की योजना बना रही है। मगर सवाल ये है कि जब भारत ने पाकिस्तान का इलाज करने के लिए ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें तैयार कर रखी हैं। ऐसे में इजरायल से लॉन्ग रेंज मिसाइल आर्टिलरी खरीदने पर विचार क्यों किया जा रहा है?
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दरअसल, इजरायल के इस मिसाइल को खासतौर से किसी देश के एयरडिफेंस सिस्टम का काल कहा जाता है। लॉन्ग रेंज आर्टलरी मिसाइल अंदर तक घुसकर एयर डिफेंस सिस्टम को उड़ा कर आ जाता है। LORA एक थिएटर अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 400 किलोमीटर है और टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए जीपीएस और टीवी के संयोजन का उपयोग करते समय 10 मीटर की सीईपी (सर्कुलर एरर प्रोबेबिलिटी) होती है। भारत अब ब्रह्मोस के साथ लॉन्ग रेंज आर्टिलरी मिसाइल को एक टीम की तरह इस्तेमाल करना चाहता है। जिससे भारतीय वायुसेना की स्ट्रैजिक और टैक्टिकल क्षमताएं बढ़ जाए।
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LORA को क्या अलग बनाता है
इसे इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा विकसित किया गया था और विशेष रूप से उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीक प्रहार के लिए डिज़ाइन किया गया था। पारंपरिक क्रूज़ मिसाइलों, जो नीचे की ओर उड़ती हैं और ज़मीन से सटी होती हैं, के विपरीत, LORA अर्ध-बैलिस्टिक है। यह एक ऊँचे, अवनत प्रक्षेप पथ का अनुसरण करती है, जिससे इसका पता लगाना और अवरोधन करना अधिक कठिन हो जाता है। यह मिसाइल लगभग मैक 5 की सुपरसोनिक गति से उड़ती है और उड़ान के बीच में अपना मार्ग समायोजित कर सकती है, जिससे परिष्कृत वायु रक्षा प्रणालियों को भेदने की इसकी क्षमता में सुधार होता है।
मारक क्षमता 400 किलोमीटर
एयर लोरा की मारक क्षमता 400-430 किलोमीटर है। इसके वारहेड विकल्पों में ब्लास्ट फ़्रेग्मेंटेशन या डीप-पेनेट्रेशन शामिल हैं, जिनका अधिकतम वज़न 570 किलोग्राम है। प्रत्येक मिसाइल का वज़न लगभग 1,600 किलोग्राम और लंबाई 5.2 मीटर है। यह अपने जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम और एंटी-जैमिंग सुरक्षा उपायों वाले जीपीएस की बदौलत 10 मीटर से भी कम की सर्कुलर एरर प्रोबेबिलिटी (CEP) के साथ सटीक निशाना साधती है, जिससे इसे “दागो और भूल जाओ” क्षमता प्राप्त होती है।