फिलिस्तीन अब युद्ध भुखमरी और मानवीय त्रासदी का प्रतीक बन चुका है। सैकड़ों की जानें जा चुकी हैं। लाखों विस्थापित हैं। मानवीय सहायता की पहुंच भी लगभग ठप्प है। फिलिस्तीन आरोप लगा रहा है कि इजरायल ने केवल बमों से नहीं बल्कि भोजन और पानी की आपूर्ति रोककर भुखमरी को युद्ध का हथियार बना दिया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की पुकार उठ रही है और फिलिस्तीन की निगाहें खासतौर पर भारत पर टिकी हैं। भारत और इजरायल के संबंध हालिया कुछ सालों में बहुत गहरे हुए हैं। हालांकि भारत और इजरायल की दोस्ती फिलिस्तीन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला एम अबु शावेश ने कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीन का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थक रहा है और अब जब गाजा मानवीय संकट की चपेट में है तो वो चाहता है कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल इजरायल पर दबाव बनाने के लिए करे।
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फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी गाजा पट्टी में जारी युद्ध और मानवीय संकट की स्थिति के मद्देनजर भारत से हस्तक्षेप की अपील की है। जानकारी के मुताबिक फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में खुले तौर पर फिलिस्तीन भारत से क्या चाहता है इसका जिक्र किया गया है। शावेश ने नरेंद्र मोदी से इजरायल पर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए इजरायली सरकार साथ अपने अच्छे संबंधों का लाभ उठाने का आह्वान किया है ताकि गाजा में मानवीय मदद पहुंच सके। एक इंटरव्यू में राजदूत शावेश ने कहा कि भारत हमेशा ही फिलिस्तीन के हितों का समर्थक है। उन्होंने कहा कि गाजा की मौजूदा स्थिति बहुत ही दयनीय है। गाजा में भुखमरी कहर बरपा रही है। इजरायल और अमेरिका ने गाजा में सिर्फ बमबारी नहीं की है बल्कि भुखमरी को युद्ध का हथियार बनाया है। गाजा में खानेपीने की चीजों को पहुंचने से रोककर हालात भयावह बना दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र गाजा की स्थिति को भयावह बताया
गाजा पट्टी में एक ही दिन में चार बच्चों सहित कम से कम 15 फ़िलिस्तीनी भूख से मर गए, जिससे इज़राइल युद्ध शुरू होने के बाद से कुपोषण से मरने वालों की कुल संख्या 101 हो गई है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब इज़राइली सेना गाजा पर लगातार बमबारी कर रही है, जिसमें कम से कम 81 लोग मारे गए हैं और संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र की स्थिति को भयावह बताया है, जिसमें हाल के दिनों में अभूतपूर्व मृत्यु और विनाश का स्तर है। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में भुखमरी से संबंधित 15 मौतों में चार बच्चे शामिल हैं और कुल 101 मौतों में 80 बच्चे शामिल हैं। ज़्यादातर मौतें पिछले कुछ हफ़्तों में हुई हैं।
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28 देशों ने गाजा पर जारी किया संयुक्त बयान
जापान और कई यूरोपीय देशों समेत 28 देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में युद्ध अब समाप्त होना चाहिए और इजराइल को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी शामिल हैं। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि गाजा में नागरिकों की पीड़ा नये स्तर तक पहुंच गई है। उन्होंने पानी और भोजन की बुनियादी जरूरतें हासिल करने की कोशिश कर रहे बच्चों और नागरिकों के लिए सहायता की धीमी आपूर्ति और उनकी अमानवीय हत्या की निंदा की। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक बयान में कहा कि इजराइल सरकार का सहायता वितरण मॉडल खतरनाक है, अस्थिरता को बढ़ावा देता है और गाजावासियों को मानवीय सम्मान से वंचित करता है।