गाजा को सहायता पहुंचाने के प्रयास में शामिल होने के आरोप में इजरायल द्वारा हिरासत में लिए गए अंतर्राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं ने स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि थुनबर्ग को इजरायली झंडा पहनने के लिए मजबूर किया गया, उन्हें पीटा गया और बालों से घसीटा गया।
शनिवार को तुर्की पहुंचे लगभग 137 निर्वासित कार्यकर्ताओं ने अपनी हिरासत के दौरान हुए कठोर व्यवहार की जानकारी दी।
थुनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार के आरोप
दो कार्यकर्ताओं, मलेशियाई नागरिक हजवानी हेल्मी और अमेरिकी नागरिक विंडफील्ड बीवर ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने थुनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार होते देखा।
हेल्मी और बीवर ने बताया कि थुनबर्ग को धक्का दिया गया और कथित तौर पर उन्हें इजरायली झंडा पहनने के लिए मजबूर किया गया।
तुर्की कार्यकर्ता एर्सिनसेलिक ने अनादोलु समाचार एजेंसी को बताया कि सुरक्षा बलों ने थुनबर्ग को उनके बालों से घसीटा, पीटा और उन्हें ‘इजरायली झंडा चूमने के लिए मजबूर’ किया। एर्सिनसेलिक ने आरोप लगाया कि ‘दूसरों के लिए चेतावनी के तौर पर उसके साथ हर संभव व्यवहार किया गया।’
द गार्जियन द्वारा देखे गए एक ईमेल में स्वीडिश विदेश मंत्रालय ने थुनबर्ग के करीबी लोगों को बताया कि एक अधिकारी ने उनसे जेल में मुलाकात की थी। अधिकारी के अनुसार, थुनबर्ग ने उन्हें निर्जलीकरण, अपर्याप्त भोजन और पानी मिलने और खटमल से भरी कोठरी में रखे जाने के कारण रैशेज होने की शिकायत की थी।
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अन्य कार्यकर्ताओं ने ‘जानवरों जैसा व्यवहार’ बताया
हिरासत में लिए गए अन्य कार्यकर्ताओं ने भी इजरायली बलों पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया।
28 वर्षीय हेल्मी ने कहा, ‘यह एक त्रासदी थी। उन्होंने हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बंदियों को साफ खाना या पानी नहीं दिया गया, और उनकी दवाइयां व सामान जब्त कर लिया गया।
43 वर्षीय बीवर ने कहा कि थुनबर्ग के साथ ‘बुरा व्यवहार’ किया गया और उन्हें ‘प्रचार के तौर पर इस्तेमाल’ किया गया। उन्होंने बताया कि इजरायल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री, इतामार बेन-ग्वीर के आने पर उन्हें एक कमरे में धकेल दिया गया था।
कार्यकर्ताओं को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले इजरायली समूह अदाला के अनुसार, कुछ बंदियों को वकीलों, पानी, दवाओं और शौचालयों तक पहुंच से वंचित रखा गया। अदाला ने यह भी बताया कि ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा लगाने वाले कुछ प्रतिभागियों को कम से कम पांच घंटे तक हाथ जिप से बांधकर घुटनों के बल बैठने के लिए मजबूर किया गया।
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आरोपों पर इजरायल की प्रतिक्रिया
इजरायल ने इन आरोपों से इनकार किया है। पहले, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने बंदियों के साथ दुर्व्यवहार की खबरों को ‘पूरी तरह झूठ’ बताया था।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा कि हिरासत में लिए गए सभी कार्यकर्ता ‘सुरक्षित और अच्छे स्वास्थ्य में’ हैं, और शेष निर्वासन को ‘जितनी जल्दी हो सके’ पूरा करने की बात कही।
इजरायल ने अदाला के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी बंदियों को पानी, भोजन और शौचालय की सुविधा दी गई। एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया कि उन्हें कानूनी सलाह लेने से नहीं रोका गया और ‘उनके सभी कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान किया गया।’
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजरायल की सेना ने गाजा में सहायता ले जा रहे एक बेड़े की लगभग 40 नावों को रोक लिया था और 450 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसे अंतर्राष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ा है। इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने एक्स पर लिखा कि तुर्की एयरलाइंस के विमान में 26 इतालवी नागरिक सवार थे, जबकि 15 अन्य अभी भी इजरायल में हैं। उन्होंने शेष नागरिकों के अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए तेल अवीव स्थित इतालवी दूतावास को निर्देश दिए हैं।
यह बेड़ा गाजा पट्टी पर इजरायल की नौसैनिक नाकाबंदी को चुनौती देने का नवीनतम प्रयास था। इजरायली अधिकारियों ने इस अभियान को एक प्रचार स्टंट बताकर इसकी निंदा की है।