Saturday, August 2, 2025
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केरल के एक छोटे से गांव से लेकर NCR में फिनटेक क्रांति तक – अमल वी. नायर की प्रेरणादायक कहानी

नई दिल्ली – “सपने अगर सच्चे हों, तो रास्ते खुद बन जाते हैं।” यही बात सच कर दिखाया है अमल वी. नायर ने, जो केरल के एक छोटे से गाँव कोठमंगलम (कोच्चि) में जन्मे और पले-बढ़े। एक छोटे से गांव से निकलकर दिल्ली-एनसीआर में फिनटेक कंपनी खड़ी करने तक का उनका सफर संघर्ष, जुनून और सीख से भरा हुआ रहा है।


कॉलेज के दिनों से ही था बिजनेस का जुनून

अमल के लिए बिजनेस कोई शौक नहीं, बल्कि एक मिशन था। MBA पूरा करने के बाद उन्होंने 2015 में “Dhe Auto” नाम से केरल की पहली ऑन-डिमांड थ्री-व्हीलर बुकिंग सेवा शुरू की – जो कि ओला ऑटो जैसी सेवा थी। स्टार्टअप को अच्छा रिस्पॉन्स मिला, मीडिया में पहचान मिली और कुछ जाने-माने लोगों से निवेश भी मिला।

कोरोना और बड़ी कंपनियों की एंट्री से लगा झटका

लेकिन फिर आया कोरोना और सब कुछ बदल गया। लॉकडाउन और ओला-उबर जैसी बड़ी कंपनियों की केरल में एंट्री ने “Dhe Auto” को बड़ा झटका दिया। अंततः अमल को यह कंपनी बंद करनी पड़ी। लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी निवेशकों का पैसा लौटाया जाए और कर्मचारियों की सैलरी भी पूरी दी जाए – क्योंकि उनके लिए लोगों का विश्वास सबसे अहम था।

फिनटेक की दुनिया में दूसरा अध्याय

इसके बाद उन्होंने कुछ जानी-मानी फिनटेक कंपनियों में नौकरी की ताकि खर्च चल सके। ये दिन मुश्किल थे, लेकिन इन्हीं दिनों ने उन्हें असली सिखाया कि भारत के छोटे शहरों और गांवों में अभी भी करोड़ों लोग बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हैं। यही सोच 2023 में एक नए सपने को जन्म देती है – 24PAY।

उत्तराखंड से मिले एक साथी और शुरू हुआ 24PAY का सफर

अमल नायर और उनके पार्टनर दीप चंद

उनके इस सपने में उनका साथ दिया उनके को-फाउंडर दीप चंद्र ने, जो उत्तराखंड से हैं। दोनों की मुलाकात एक पुरानी कंपनी में महज दो महीने के लिए हुई थी, लेकिन वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को लेकर उनकी सोच एक जैसी थी। यही सोच उन्हें साथ लेकर आई।

शुरुआत में नहीं था पैसा, भाषा की दिक्कत भी आई

शुरुआत आसान नहीं थी। अमल को हिंदी नहीं आती थी, कोई इन्वेस्टर नहीं था, पूंजी भी नहीं थी और रिश्तेदारों ने भी खास समर्थन नहीं किया। फिर भी परिवार से छोटे-मोटे उधार लेकर, जज्बे और मेहनत के बल पर दोनों ने 24PAY की नींव रखी।

शुरुआत में खुद किराना दुकानों में बैठकर मनी ट्रांसफर और बिल पेमेंट किए, ताकि लोगों का भरोसा जीता जा सके। लोग यह यकीन नहीं कर पाते थे कि यही लोग कंपनी के फाउंडर हैं।

आज 10 राज्यों में फैला है नेटवर्क

24 PAY की टीम

आज 24PAY देश के 10 राज्यों में 5,000 से ज्यादा सक्रिय एजेंट्स के साथ काम कर रही है। सेवाओं में डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर, नकद निकासी, बिल पेमेंट, मोबाइल रिचार्ज और ट्रैवल सर्विसेज शामिल हैं। यह कंपनी गांवों और छोटे शहरों में उद्यमियों को सशक्त बना रही है।

अब लक्ष्य है – हर गांव तक पहुंचे 24PAY

अमल कहते हैं, “हम अभी शुरुआत में हैं। मेरा सपना है कि 24PAY हर गांव और कस्बे का नाम बने – ताकि हर भारतीय को डिजिटल इंडिया का फायदा मिल सके।”

अमल की कहानी हमें सिखाती है कि अगर इरादा सच्चा हो और मेहनत जारी रहे, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।

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