Wednesday, February 12, 2025
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LoC के पास दो जवानों की शहादत पर भड़का अमित शाह का गुस्सा, आतंकवाद को पूरी तरह उखाड़ फेंकने का निर्देश दिया

जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास मंगलवार को संदिग्ध आतंकवादियों की ओर से किए गए एक आईईडी विस्फोट में सेना के कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य घायल हो गया। हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को आतंकवाद को पूरी तरह उखाड़ फेंकने के लिए कई निर्देश दिये हैं। हम आपको बता दें कि शहीद सैनिकों की पहचान कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी और नायक मुकेश के रूप में हुई है। यह हमला ऐसे समय में हुआ, जब सेना की जम्मू स्थित ‘व्हाइट नाइट कॉर्प्स’ इकाई के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने सोमवार को राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर ‘‘शत्रुतापूर्ण गतिविधियों’’ का जायजा लिया था। सेना ने आईईडी विस्फोट में दो जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा, ‘‘हमारे जवानों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और तलाश अभियान जारी है।’’
अधिकारियों ने बताया कि जवान भट्टल इलाके में गश्त कर रहे थे, तभी दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर एक अग्रिम चौकी के पास शक्तिशाली विस्फोट हुआ और वे इसकी चपेट में आ गए। उन्होंने बताया कि घायल जवानों को अस्पताल ले जाया गया, जहां एक कैप्टन समेत दो सैन्यकर्मियों की मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट में एक अन्य जवान घायल हो गया और उसकी हालत ‘‘खतरे से बाहर’’ बताई जा रही है। सेना की जम्मू स्थित ‘व्हाइट नाइट कॉर्प्स’ इकाई ने दोनों जवानों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया। उधर दोनों जवानों के परिजनों ने कहा कि हमें शहादत पर गर्व है और हम चाहते हैं कि आतंकवादियों को कतई बख्शा नहीं जाये।

इसे भी पढ़ें: राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म नहीं करेगा, फारूक अब्दुल्ला बोले- हमें लोगों के समर्थन की जरूरत

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को कड़ी निगरानी, सीमा ग्रिड को मजबूत करने और निगरानी तथा सरहद की हिफाज़त के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ पूरी तरह से रोकने का निर्देश दिया। उन्होंने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को केंद्र शासित प्रदेश में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ तालमेल जारी रखने का भी निर्देश दिया। गृह मंत्री ने सीआरपीएफ की शीतकालीन कार्य योजना की समीक्षा की और सुरक्षा बल के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में वर्चस्व में कोई कमी न रहे तथा जम्मू क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करें और ऊंचे स्थानों पर अपना दबदबा बनाए रखें।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ‘आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर’ के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अर्धसैनिक बलों की भूमिका पर बल दिया। गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे खुफिया तंत्र की भी समीक्षा की और उन्हें गुणवत्तापूर्ण खुफिया जानकारी उत्पन्न करने के लिए कवरेज और पैठ बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने ख़ुफ़िया जानकारी उत्पन्न करने के लिए प्रौद्योगिकी के महत्व को दोहराया। शाह ने कहा कि आतंक-वित्तपोषण की निगरानी, नार्को-आतंकवादी मामलों पर कड़ी पकड़ और जम्मू-कश्मीर में पूरे आतंक के ‘इकोसिस्टम’ को खत्म करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘शून्य आतंक योजना’ के लिए मजबूत कदम उठाये जा रहे हैं। गृह मंत्री ने राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा किए जा रहे नकारात्मक प्रचार का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्देश दिया, ताकि लोगों के सामने सही तस्वीर पेश की जा सके।
दूसरी ओर उपराज्यपाल ने एक बैठक कर केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि कल ही हमारे जवान शहीद हुए हैं… हमें लोगों की मदद की आवश्यकता है… यहां अमन से ही कुछ हो सकता है।
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