Monday, September 1, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयMaratha Reservation | मराठा आरक्षण आंदोलन का निर्णायक मोड़, जरांगे का जल-त्याग,...

Maratha Reservation | मराठा आरक्षण आंदोलन का निर्णायक मोड़, जरांगे का जल-त्याग, मुंबई में गहराया तनाव

मुंबई के आज़ाद मैदान में मराठा आरक्षण आंदोलन सोमवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने सोमवार से पानी पीना बंद करने की कसम खाई है और कहा है कि वह अपनी मांगों के लिए “गोली” भी खा सकते हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर जारंगे शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने पानी पीना बंद करने का संकल्प लेते हुए कहा कि वह मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण देने की अपनी मांग को लेकर ‘‘गोलियां’’ खाने को भी तैयार हैं।
उन्होंने सरकार से उपलब्ध रिकॉर्ड को आधार बनाते हुए आरक्षण के आधार पर एक सरकारी आदेश जारी करने की मांग की है।

महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए कुनबी (एक ओबीसी जाति) का दर्जा देने संबंधी हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए कानूनी राय लेगी।
हालांकि, जरांगे इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वह दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान स्थित धरना स्थल से नहीं हटेंगे, चाहे देवेंद्र फडणवीस सरकार प्रदर्शनकारियों पर गोलियां ही क्यों न चला दे।
वह ओबीसी श्रेणी में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: SCO Summit in Tianjin | चीन में एससीओ का महामंच! पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों पर भारत का रुख बताया, ग्लोबल साउथ को प्राथमिकता!

जरांगे ने रविवार को कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास 58 लाख मराठों और कुनबियों का रिकॉर्ड है।’’
सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘कल (सोमवार) से मैं पानी पीना बंद कर दूंगा क्योंकि सरकार मांगें नहीं मान रही है। लेकिन जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती, मैं वापस नहीं जाऊंगा। हम ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों को आरक्षण दिलाकर रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।’’

इसे भी पढ़ें: ‘राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है’, SCO से भारत का अमेरिका को सीधा संदेश! मोदी-पुतिन की गर्मजोशी से मुलाकात

जरांगे ने रविवार रात प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘सरकार को यह कहना चाहिए कि मराठा कुनबियों की एक उपजाति हैं। 58 लाख अभिलेख मिले हैं, जो मराठों को कुनबियों से जोड़ते हैं। जो आरक्षण चाहते हैं, वे इसे ले लेंगे। अगर कोई कानूनी मुद्दा है, तो मराठों को कुनबी के रूप में सामान्यीकृत न करें।’’

उन्होंने दावा किया कि मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण मिलने से कोई नहीं रोक सकता।
मराठा प्रदर्शनकारियों के आजाद मैदान और आसपास के विभिन्न इलाकों में जमा होने और सप्ताहांत के बाद सोमवार को सरकारी और निजी कार्यालयों के फिर से खुलने के साथ पुलिस ने सुबह के समय दक्षिण मुंबई की ओर यातायात में कभी-कभी होने वाली रुकावटों के बारे में वाहन चालकों को आगाह किया है।

मुंबई यातायात पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया, ‘‘आजाद मैदान: जारी आंदोलन के कारण कल (सोमवार) सुबह दक्षिण मुंबई की ओर जाते समय यातायात धीमा रह सकता है और कभी-कभी व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। यातायात चौराहों पर दिए गए निर्देशों का पालन करते रहें।’’

व्यापारियों ने भी जारी मराठा आंदोलन पर चिंता जताई है और सामान्य स्थिति बहाल करने तथा दक्षिण मुंबई में व्यवसायों को दीर्घकालिक नुकसान से बचाने के लिए सरकार या उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है।
‘फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि आजाद मैदान में उमड़ी भारी भीड़ ने दक्षिण मुंबई को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है और दुकानों व बाजारों में सप्ताहांत की बिक्री प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा है कि मुंबई को बंधक बना लिया गया है।’’

निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक दांव-पेंच में उलझी सरकार ने कहा कि कैबिनेट उप-समिति मराठों के लिए कुनबी दर्जे से संबंधित हैदराबाद गजेटियर को लागू करने पर कानूनी राय लेगी, जो जरांगे की एक प्रमुख मांग थी।
मराठा आरक्षण मुद्दे पर कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख राज्य के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने रविवार को आरक्षण मुद्दे पर यहां दो बैठकों की अध्यक्षता की।
उप-समिति की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए विखे पाटिल ने कहा कि महाधिवक्ता बीरेन सराफ और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे ने समिति को बताया कि उन्हें यह अध्ययन करने के लिए समय चाहिए कि क्या हैदराबाद और सतारा गजेटियर को जरांगे की मांग के अनुसार लागू किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलूंगा और उप-समिति द्वारा की गई चर्चाओं से उन्हें अवगत कराऊंगा। मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता देने के संबंध में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी है। हम उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी (कि मराठा और कुनबी एक नहीं हैं) को नकार नहीं सकते। हम चर्चा के लिए तैयार हैं।’’
राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच मराठा प्रदर्शनकारियों ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले की कार रोक दी और पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ नारे लगाए।

सुले जरांगे से उनके धरना स्थल पर मिलने आई थीं।
सुले ने महाराष्ट्र सरकार से मराठा आरक्षण के विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र और एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।
इस बीच, टीवी पत्रकार संघ ने जरांगे से शिकायत की है कि उनके कुछ समर्थकों ने आजाद मैदान में महिला पत्रकारों से कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
संगठन ने सपष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं घटती रहीं तो मीडिया इस आंदोलन का बहिष्कार करेगा।

रविवार को सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच आरक्षण के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधा, जिन्होंने एक दिन पहले कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण पर लगाई गई ‘‘52 प्रतिशत की सीमा’’ को हटाने के लिए संविधान संशोधन आवश्यक है।
ओबीसी आरक्षण को कम करने का विरोध करते हुए राकांपा नेता और राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी नेताओं की एक बैठक बुलाई है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments