पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी कर काफी ध्यान आकर्षित किया है कि अमेरिका अब भी किसी महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार नहीं है। मौजूद जानकारी के अनुसार, उन्होंने यह बात उस समय कही जब मंच पर उनकी नई किताब को लेकर बातचीत चल रही थी और चर्चा महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर भी पहुंच गई थी। बता दें कि इससे पहले हिलेरी क्लिंटन और कमला हैरिस दोनों ही राष्ट्रपति पद की दौड़ में असफल रही हैं, जिसे ओबामा ने एक बड़े संकेत के रूप में देखा है।
उन्होंने साफ कहा कि “जैसा हमने हाल के चुनाव में देखा, अफसोस, हम तैयार नहीं हैं।” मिशेल ओबामा ने यह भी जोड़ा कि अब भी समाज के एक बड़े हिस्से में ऐसे पुरुष मौजूद हैं जो यह स्वीकार नहीं कर पाते कि कोई महिला नेतृत्व कर सकती है। गौरतलब है कि अमेरिका की राजनीति में लंबे समय से यह सवाल उठता रहा है कि आखिर देश पहली महिला राष्ट्रपति कब देखेगा।
मिशेल ओबामा खुद लंबे समय से डेमोक्रेटिक पार्टी का एक मजबूत चेहरा मानी जाती हैं। हर चुनाव से पहले यह अटकलें तेज होती हैं कि क्या वह राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश करेंगी। लेकिन मौजूद जानकारी के मुताबिक, उन्होंने हमेशा इन अटकलों को खारिज किया है। 2016 में भी उन्होंने स्पष्ट कहा था कि “मैं राष्ट्रपति नहीं बनूंगी, बिल्कुल नहीं।”
2024 के चुनावों के दौरान भी उनके नाम को लेकर कई तरह के कयास लगाए गए थे, खासकर तब जब जो बाइडेन के प्रति मतदाताओं का असंतोष बढ़ रहा था और कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से प्रमुख चेहरा माना जा रहा था। मिशेल ओबामा ने हैरिस के लिए चुनाव प्रचार भी किया था और एक रैली में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला करते हुए महिलाओं के अधिकारों पर बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि ट्रंप को वोट देना महिलाओं की सेहत और अधिकारों के खिलाफ वोट देने जैसा है।
कुल मिलाकर, मिशेल ओबामा के इस बयान ने अमेरिका की राजनीतिक बहस को एक बार फिर तेज कर दिया है और इस सवाल को केंद्र में ला दिया है कि क्या दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र वास्तव में महिला नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार है या नहीं हैं।

