33 देशों की यात्रा पर निकले भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अपने उद्देश्य को हासिल करने में सफल होते दिख रहे हैं क्योंकि दुनिया को पाकिस्तानी आतंकवाद के उन पहलुओं की अब बारीकी से जानकारी मिल रही है जिससे अब तक वे अनजान थे। हाल के भारत पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान कई देश खामोश दिखे थे लेकिन अब जब उन्हें पाकिस्तानी करतूतों और आतंकवाद से पीड़ित भारत के दर्द का अहसास हो रहा है तो वह खुलकर हमारा समर्थन कर रहे हैं। इस लिहाज से दुनियाभर में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की यह कवायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मास्टर स्ट्रोक साबित हो रही है। खास बात यह है कि विचारों, नीतियों और सिद्धांतों के आधार पर एक दूसरे से गहरे मतभेद रखने के बावजूद देशहित के नाम पर जिस तरह सभी दलों के सांसद पूरी दुनिया में एकता के साथ भारत की बात रख रहे हैं वह पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बना है।
हम आपको बता दें कि भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अपने पहले गंतव्य बहरीन पहुंच चुका है। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, भाजपा सांसद बैजयंत पांडा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, भाजपा सांसद फंगनन कोन्याक और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई को प्रदर्शित करने के लिए सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया का भी दौरा करेगा।
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दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुयाना के लिए रवाना हो गया है। वे न्यूयॉर्क से होकर गुजरेंगे और अपने पहले गंतव्य गुयाना पहुँचने से पहले 9/11 स्मारक का दौरा करेंगे। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, “हम लोगों को समझाने के लिए जा रहे हैं कि हमारा अनुभव क्या था और हमने जो किया वो क्यों किया और भविष्य में हम ऐसा क्यों करेंगे। हम लोगों से मिलने और समझाने के लिए जा रहे हैं। हमने कुछ सालों से जो सहा है उसके बारे में बोलेंगे।”
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल भी आज रवाना हो गया है। इस प्रनिनिधिमंडल में राजीव प्रताप रूडी (भाजपा), विक्रमजीत साहनी (आम आदमी पार्टी), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा), लावु श्रीकृष्ण देवरायलू (तेदेपा), पूर्व मंत्री मुरलीधरन और आनंद शर्मा और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल है। यह प्रतिनिधिमंडल मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा।
उधर, रूस ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। हम आपको बता दें कि भारत के बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद विरोधी लड़ाई पर शुक्रवार को रूस के साथ व्यापक चर्चा की तथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में रूसी पक्ष को जानकारी दी। संसदीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको से मुलाकात किये जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे पर घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की गई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की लोकसभा सदस्य कनिमोई के नेतृत्व में सांसदों का बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में मास्को में है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘‘आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ बिना किसी समझौते के संयुक्त लड़ाई के लिए निर्णायक प्रतिबद्धता दोहराई गई। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर, मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और एससीओ में इन मुद्दों पर घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने की तत्परता व्यक्त की गई।’’ रुडेंको ने शांतिपूर्ण कूटनीतिक माध्यमों से नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में तनाव को शीघ्र कम करने की आशा व्यक्त की।
भारतीय सांसदों ने रूसी फेडरेशन एसेंबली (संसद) के सर्वदलीय सदस्यों के साथ एक बैठक में विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया, जिसका नेतृत्व ‘ड्यूमा’ (निचले सदन) के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष और लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की ने किया। रूस स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई डेनिसोव और रूसी संघ की फेडरेशन काउंसिल के अन्य सीनेटर से भी मुलाकात की। पोस्ट में कहा गया है, ‘‘रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि रूस सभी रूपों में आतंकवाद के उन्मूलन के लिए भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत की स्थिति साझा है। रूस और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।’’ भारतीय टीम स्थानीय थिंक-टैंक के शीर्ष विशेषज्ञों के साथ भी बातचीत करेगी। इसके बाद टीम आज ही स्लोवेनिया के लिए रवाना होगी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल यूनान, लातविया और स्पेन का भी दौरा करेगा।
हम आपको यह भी बता दें कि जापान गये भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कई नेताओं से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकीकृत और दृढ़ रुख की जानकारी दी। इस अवसर पर जापानी नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के भारत के संकल्प के प्रति समर्थन व्यक्त किया। जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंचा है, जहां दल के नेता पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के बारे में जापान के नेताओं को जानकारी दे रहे हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान की सत्तारूढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एलडीपी) के आतंकवाद-रोधी अनुसंधान समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं पूर्व न्याय मंत्री यासुहिरो हनाशी से मुलाकात की। जापान के पूर्व रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा के साथ भी सार्थक बातचीत की। प्रतिनिधिमंडल ने एलडीपी के अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो के महानिदेशक शिनाको त्सुचिया को भी भारत के रुख से अवगत कराया। भारतीय सांसदों ने जापान-भारत संसदीय मैत्री लीग के अध्यक्ष यासुतोशी निशिमुरा और जापान के प्रतिनिधि सभा (संसद के निम्न सदन)के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा से भी मुलाकात की।
जापान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के आतंकवाद-रोधी अनुसंधान समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं पूर्व न्याय मंत्री यासुहिरो हनाशी से मुलाकात की। आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत के एकीकृत और दृढ़ रुख पर प्रकाश डाला गया। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने संबंधी दृष्टिकोण को दोहराया।’’
जापान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ”प्रतिनिधिमंडल ने यहां भारतीय दूतावास में एक ‘केंद्रित और जीवंत’ प्रेस वार्ता आयोजित की, जहां संसद सदस्यों ने जापानी मीडिया को सीमा पार हमलों के खिलाफ भारत की ‘नयी’ नीति, आतंकवाद के प्रति कतई न सहन करने की नीति और सभी पक्षों द्वारा राष्ट्रीय हित के सभी मामलों में एकजुट रहने के संकल्प के बारे में जानकारी दी।’’ दूतावास ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि जब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने चेयरमैन निशिमुरा के नेतृत्व में जापान-भारत संसदीय मैत्री लीग के साथ बातचीत की, तो ‘‘लीग के सदस्यों ने सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के भारत के संकल्प के प्रति समर्थन व्यक्त किया।’’ दूतावास ने सोशल मीडिया मंच के माध्यम से बताया कि इससे पहले, प्रतिनिधिमंडल ने यासुहिरो हनाशी से मुलाकात की, जहां ‘दोनों पक्षों ने आतंकवाद के प्रति अपने शून्य बर्दाश्त के दृष्टिकोण को दोहराया।’’ प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से भी मुलाकात की थी।
वहीं अबु धाबी में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने यूएई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और आतंकवाद एवं कट्टरपंथ से निपटने में भारत-यूएई सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। अबु धाबी स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने यूएई में सद्भाव, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का मजबूत संदेश भेजा, जो भारत और यूएई के साझा मूल्यों में शामिल है।” पोस्ट के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का दौरा किया, बीएपीएस हिंदू मंदिर में दर्शन किए और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा में मत्था टेका। पोस्ट में कहा गया है कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अनवर गरगाश डिप्लोमैटिक अकादमी के महानिदेशक निकोले म्लादेनोव से मुलाकात की और “आतंकवाद एवं कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में भारत-यूएई सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।”
हम आपको यह भी बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल भी रवाना होने वाला है। इसमें दग्गुबत्ती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-उबाठा), गुलाम नबी खटाना (मनोनीत), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क की यात्रा करेगा।