उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में एक दर्दनाक घॉना घटी है। शनिवार (19 अप्रैल) को सुबह करीब 3:00 बजे एक चार मंजिला आवासीय इमारत ढह गई। जिसमें सुबह के समय चार लोगों की मौत की खबरें आयी लेकिन अब मौत का आंकड़ा बढ़ गया है। मुस्तफाबाद की गली नंबर 1 में इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई, जिससे कई लोग मलबे में दब गए। अधिकारियों ने बताया कि इमारत में अब भी कई लोग फंसे हुए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
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राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों ने आज भी तलाशी और बचाव अभियान जारी रखा। जिन आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें चांदनी (23), दानिश (23), नावेद (17), रेशमा (38) और चार अन्य शामिल हैं। पांच लोग- शाहिद (45), रेहाना (38), अहमद (45), तनु (15) और जीनत (58) को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। छह अन्य – चांद (25), शान (4), सान्या (2), नेहा (19), अल्फेज (20) और आलिया (17) को चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
दिल्ली सीएम ने मुस्तफाबाद इमारत ढहने की जांच के आदेश दिए
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इमारत ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सभी घायलों के उचित उपचार की व्यवस्था की गई है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “मुस्तफाबाद में इमारत ढहने की दुखद घटना से बहुत दुख हुआ। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
गुप्ता ने कहा, “इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
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आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की अपील करता हूं।” वहीं आप नेता आतिशी ने भी घटना पर दुख जताया और आप कार्यकर्ताओं से अभियान में अधिकारियों का सहयोग करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने बचाव अभियान की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि यह इलाका भीड़भाड़ वाला है। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मोहसेन शाहेदी ने मीडिया को बताया, “स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 12 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। हमारी एनडीआरएफ टीम और अन्य एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हुई हैं। यह एक भीड़भाड़ वाला इलाका है और हमें भारी मशीनरी की आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है; हमें उम्मीद है कि हम लोगों की जान बचा पाएंगे…”।
इस बीच, दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने आज घोषणा की कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा। मुस्तफाबाद से विधायक बिष्ट ने मीडिया को बताया कि इस तरह की घटनाओं ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पोल खोल दी है और दावा किया कि उन्होंने हाल ही में इलाके के अपने दौरे के दौरान दुर्घटना की संभावना के बारे में चेतावनी दी थी। घटनास्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा, “तीन महीने पहले, जब मैं चुनाव जीता था, मैं इसी इलाके में था। मैंने उस समय कहा था कि यह इमारत दुर्घटना का कारण बन सकती है। मैंने दिल्ली के एलजी (वीके सक्सेना) और एमसीडी कमिश्नर से कहा है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्तफाबाद में कई दुर्घटना संभावित इमारतें हैं और बिजली कंपनियां गरीबों को बिजली नहीं दे रही हैं।