नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े एक और बड़े खुलासे में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दोनों वरिष्ठ नेताओं से जुड़ी एक कंपनी को भारी रकम दान करने के लिए कहा गया था। केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि यंग इंडियन लिमिटेड को कई कांग्रेस नेताओं से लाखों की रकम मिली है। वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने के लिए कंपनी की अब जांच की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी दान के बहाने यंग इंडियन लिमिटेड को हस्तांतरित धन के प्रत्यक्ष लाभार्थी थे। मात्र 50 लाख रुपए में 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की।
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ईडी का दावा है कि यंग इंडियन लिमिटेड ने नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति केवल 50 लाख रुपये में हासिल की। इस लेन-देन ने संभावित हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। इन विवादास्पद लेन-देन का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर तेलंगाना से आया था। तत्कालीन विधायक और वर्तमान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के कथित निर्देशों पर काम करते हुए, चार कांग्रेस नेताओं ने 2022 में यंग इंडियन को 80 लाख रुपये से अधिक का दान दिया। कांग्रेस के नेता जिन्होंने दान दिया।
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दानदाताओं में 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार गली अनिल कुमार ने जून 2022 में 20 लाख रुपये का योगदान दिया है। पूर्व विधायक अली शब्बीर ने भी 20 लाख रुपये का दान दिया, जबकि तत्कालीन तेलंगाना कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पी सुदर्शन ने 15 लाख रुपये दिए। कथित तौर पर सबसे अधिक एकल दान, 25 लाख रुपये, तेलंगाना कांग्रेस के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष से आया था। ये सभी योगदान एक महीने के भीतर किए गए थे। ईडी की जांच में कर्नाटक और पंजाब में भी इसी तरह के दान पैटर्न का पता चला है। सूत्रों के मुताबिक, दिग्गज कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कथित तौर पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और उनके भाई, सांसद डीके सुरेश को अप्रैल 2022 में 25-25 लाख रुपये दान करने का निर्देश दिया था। उसी महीने, शिवकुमार से जुड़े एक ट्रस्ट, नेशनल एजुकेशन ट्रस्ट ने यंग इंडियन को 2 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण योगदान दिया।