अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत में बैठकर हिंदी में एक ऐसा ऐलान किया है, जिसने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। किसी को नहीं पता था कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत में बैठकर अचानक हिंदी में पाकिस्तान को धमकी दे देंगे। ये धमकी अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक के बाद दी गई है। आमिर खान मुत्ताकी ने हिंदी में जो कहा है उसे सुनकर पाकिस्तान का खून सूख जाएगा। पाकिस्तान को धमकी देने के बाद आमिर खान मुत्ताकी ने भारत में बैठकर अपने बगराम एयरबेस पर भी बड़ा ऐलान कर दिया। ये वही एयरबेस है जिस पर कब्जा करने का ऐलान डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले किया था।
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भारत की तरफ से ऐलान किया गया कि हम अफगानिस्तान में अपना दूतावास शुरू करेंगे। भारत ने अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल स्थित अपने दूतावास से अधिकारियों को वापस बुला लिया था। जून 2022 में भारत ने ‘तकनीकी दल’ भेजकर उपस्थिति बहाल की थी। यह पहली बार है जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए हैं। बातचीत के बाद मुत्ताकी ने कहा कि हम किसी भी तत्व को अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए नहीं होने देंगे। हालांकि, भारत ने तालिबान को अब तक मान्यता नहीं दी है। इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में बड़ी ही रणनीति के साथ अफगानिस्तान को कंटीय्ूगस नेबर कहा यानी वो पड़ोसी देश जिनकी सीमा भारत से लगती है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जयशंकर ने कहा है कि अफगानिस्तान की सीमा भारत से लगती है। आधिकारिक तौर पर तो भारत और अफगानिस्तान बॉर्डर शेयर करते हैं, लेकिन फिलहाल वास्तविकता में भारत का जो इलाका अफगानिस्तान से लगता है वो पीओके का गिलगिट बाल्टिस्तान है। जहां पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। गिलगिट बाल्टिस्तान अफगानिस्तान के वखान कारिडोर से जुड़ा है। यानी विदेश मंत्री जयशंकर ने आमिर खान मुत्ताकी के सामने कहा है कि हमारी जमीनी सीमा अफगानिस्तान से जुड़ी है। यानी गिलगिट बाल्टिस्तान हमारा है।
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पाकिस्तान की काबुल पर स्ट्राइक्स को लेकर मुत्ताकी ने कहा कि अफगान लोगों के धैर्य को ना परखा जाए। जो ऐसा करते हैं, उन्हें पहले ब्रिटिश, अमेरिका और सोवियत से पूछना चाहिए, नाटो से पूछना चाहिए, जिससे उन्हें ये इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि अफगानिस्तान के साथ किसी तरह के खेल खेलना सही नहीं। उन्होंने पाकिस्तान के आतंक फैलाने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि जो ऐसा कहते हैं उन्हें सबूत भी पेश करने चाहिए। वहीं, द्विपक्षीय बातचीत में जयशंकर ने तालिबान के मंत्री से कहा कि सीमा पार आतंकवाद दोनों देशों के लिए साझी चुनौती है। दोनों देशों को इसका सामना करने के लिए समन्वयित तौर पर मिलकर काम करना चाहिए।