प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एनएमआईए) और मुंबई मेट्रो लाइन-3 के चरण 2बी का उद्घाटन किया। यह एक ऐसा अवसर था जिसे भारत की वित्तीय राजधानी में परिवहन क्रांति का निर्णायक मोड़ कहा जा सकता है। करीब ₹19,650 करोड़ की लागत से निर्मित एनएमआईए देश की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और सीआईडीसीओ (CIDCO) ने मिलकर विकसित किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आचार्य अत्रे चौक से कफ परेड तक फैली मेट्रो लाइन-3 (एक्वा लाइन) को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसका निर्माण लगभग ₹12,200 करोड़ की लागत से हुआ है। कुल मिलाकर ₹37,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ यह दिन मुंबई के शहरी ढांचे और भारत की आधारभूत संरचना की कहानी में एक ऐतिहासिक अध्याय बन गया है।
देखा जाये तो मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक धड़कन कहा जाता है, आज अपने शहरी और औद्योगिक पुनर्जागरण के एक नए दौर में प्रवेश कर रही है। नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना का शुभारंभ नहीं है, बल्कि यह भारत के वैश्विक आत्मविश्वास और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। यह एक ऐसे भारत का संकेत है जो अब विश्व के परिवहन मानचित्र पर सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता के रूप में उभर रहा है।
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हम आपको बता दें कि एनएमआईए भारत का पहला पूर्णतः डिजिटल और एआई-सक्षम हवाई अड्डा है। यात्री अपने वाहन पार्किंग स्लॉट से लेकर बैगेज ट्रैकिंग, ऑनलाइन इमीग्रेशन और बैगेज ड्रॉप जैसी सेवाएं अपने मोबाइल पर पा सकेंगे। अडाणी एयरपोर्ट्स के सीईओ अरुण बंसल के शब्दों में, यह “anxiety-free airport” होगा— यानी एक ऐसा हवाई अड्डा जहां तकनीक मानवीय अनुभव को सहज बनाएगी, न कि जटिल। हम आपको बता दें कि विश्वप्रसिद्ध वास्तुकार ज़ाहा हदीद की फर्म द्वारा तैयार डिजाइन भारतीय प्रतीक ‘कमल’ से प्रेरित है— जो पवित्रता और पुनर्जागरण का प्रतीक है। इस संरचना की स्टील-ग्लास छत ऐसे लगती है जैसे कमल का फूल आकाश में तैर रहा हो। बारह पंखुड़ीनुमा स्तंभ और 17 मेगाकॉलम इसे केवल सुंदर ही नहीं, बल्कि भूकंप-रोधी और टिकाऊ भी बनाते हैं। यह स्थापत्य न केवल भारतीयता की छाप लिए हुए है, बल्कि टोक्यो, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे महानगरों की आधुनिकता के मुकाबले में भी खड़ी है।
हम आपको यह भी बता दें कि एनएमआईए से विमानन, लॉजिस्टिक्स, आईटी, आतिथ्य और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में दो लाख से अधिक नौकरियों के सृजन का अनुमान है। प्रारंभिक चरण में यह एयरपोर्ट 20 मिलियन यात्रियों को संभाल सकेगा, जबकि पूरी क्षमता पर पहुंचने पर यह संख्या 155 मिलियन तक जाएगी। यह इसे एशिया के सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डों में स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा, एनएमआईए की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका बहु-संवहन एकीकरण (multi-modal integration) है। यह हवाई अड्डा एक्सप्रेसवे, मेट्रो, उपनगरीय रेल और जलमार्ग, चारों से जुड़ा होगा। यानी यह सिर्फ उड़ानों का केंद्र नहीं, बल्कि एक संपूर्ण परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र है जो मुंबई को न केवल भारत, बल्कि विश्व के साथ सहज रूप से जोड़ देगा।
इस तरह नवी मुंबई का यह केंद्र अगले दशक में भारत के logistics capital के रूप में उभर सकता है। साथ ही दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) के साथ मिलकर यह पूरे पश्चिमी भारत के औद्योगिक तंत्र को नई ऊर्जा देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा भी कि “आज भारत की उड़ान आत्मविश्वास की उड़ान है।” यह कथन केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि नीतिगत दिशा का संकेत है। देखा जाये तो ‘पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप’ के तहत निर्मित यह परियोजना भारत के नए आर्थिक मॉडल की मिसाल है— जहां सरकार सुविधा-संरचना देती है और निजी क्षेत्र नवाचार और दक्षता जोड़ता है। एनएमआईए इसका उत्कृष्ट उदाहरण है कि भारत अब कठोर नियमन से सहयोगात्मक विकास की ओर बढ़ चुका है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि लंदन (हीथ्रो-गैटविक), न्यूयॉर्क (जेएफके-ला गार्डिया) और टोक्यो (नारिता-हनैडा) जैसे महानगरों की श्रेणी में अब मुंबई का नाम भी एनएमआईए की वजह से जुड़ गया है। भारत का यह कदम केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि वैश्विक साझेदारी का संकेत भी देता है। यह दिखाता है कि भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर अब ‘catch up’ नहीं कर रहा, बल्कि ‘set benchmark’ कर रहा है। देखा जाये तो मुंबई मेट्रो लाइन-3 का उद्घाटन और नवी मुंबई एयरपोर्ट का शुभारंभ, यह दोनों मिलकर भारत के शहरी नवाचार और परिवहन दृष्टिकोण को नई दिशा दे रहे हैं। यह केवल स्टील और कंक्रीट की परियोजनाएं नहीं, बल्कि भारत के सपनों की उड़ानें हैं, जहां प्रत्येक रनवे राष्ट्र के आत्मविश्वास का विस्तार है और प्रत्येक मेट्रो ट्रैक विकास की रफ्तार का प्रतीक है।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और मेट्रो लाइन-3 का एक साथ उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के उस दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसमें “नया भारत” केवल आर्थिक महाशक्ति नहीं, बल्कि संरचनात्मक सभ्यता भी बन रहा है— ऐसा भारत जो उड़ान भी भरता है और धरातल पर भी स्थिर रहता है।
हम आपको यह भी बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तौर पर एनएमआईए छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भीड़भाड़ को कम किया जा सके और मुंबई को वैश्विक बहु-हवाई अड्डा प्रणालियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके। दुनिया के सबसे कुशल हवाई अड्डों में से एक के रूप में डिजाइन किये गये और 1160 हेक्टेयर क्षेत्र में बने इस हवाई अड्डे की सालाना नौ करोड़ यात्रियों (एमपीपीए) और 32.5 लाख मीट्रिक टन सामान को वहन करने की क्षमता होगी।
इसकी अनूठी पेशकशों में एक ऑटेमेटेड पीपुल मूवर (एपीएम) पारगमन प्रणाली है जो सुचारू अंतर-टर्मिनल स्थानांतरण के लिए सभी चार यात्री टर्मिनलों को जोड़ेगी, साथ ही मुंबई के किनारे के बुनियादी ढांचे को जोड़ने वाला एक लैंडसाइड एपीएम भी है। हवाई अड्डे में टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए समर्पित भंडारण, लगभग 47 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन एवं मुंबई भर में सार्वजनिक संपर्क के लिए ईवी बस सेवाएं शामिल होंगी। एनएमआईए देश का पहला हवाई अड्डा भी होगा जो वाटर टैक्सी से जुड़ा होगा।