प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए सांसदों को पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, पर विस्तृत जानकारी दी। यह संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के आग्रह पर शुरू हुई ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस के बाद हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष को अब चर्चा की अपनी मांग पर पछतावा हो रहा होगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाकर विपक्ष खुद को नुकसान पहुँचा रहा है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि वे इस तरह की और बहस की मांग करें और हम उन्हें सहर्ष स्वीकार करेंगे। पूरा देश उनके व्यवहार को देख रहा है। हमें उन्हें क्यों रोकना चाहिए?”
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प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेताओं और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी का हवाला दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “वह कुछ भी बोलते रहते हैं। वह अक्सर बचकानी हरकतें करते हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें फटकार लगाई है। पूरा देश उनका बचकानापन देख चुका है।” उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की भी सराहना की और कहा कि वह अब सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे हैं।
बैठक में क्या हुआ
एनडीए संसदीय दल हमारे सशस्त्र बलों के अद्वितीय साहस और अटूट प्रतिबद्धता को सलाम करता है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया। उनका साहस हमारे राष्ट्र की रक्षा के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाता है। हम पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सम्मान व्यक्त करते हैं। एनडीए संसदीय दल इस कठिन समय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदर्शित असाधारण नेतृत्व की सराहना करता है। उनके अटूट संकल्प, दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ नेतृत्व ने न केवल राष्ट्र को उद्देश्यपूर्ण दिशा दी है, बल्कि सभी भारतीयों के हृदय में एकता और गौरव की नई भावना भी जगाई है।
एनडीए संसदीय दल की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर एक प्रस्ताव पारित किया गया | बिहार की धरती से लिए गए उनके संकल्प को साकार करते हुए, यह संकल्प कार्यरूप में परिणत हुआ। पहलगाम हमले के जवाब में, 6-7 मई, 2025 की मध्यरात्रि को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। सैन्य शक्ति और दृढ़ नेतृत्व के माध्यम से, न्याय सुनिश्चित हुआ, जिससे यह पुष्टि हुई कि भारत आतंक को न तो भूलता है और न ही कभी माफ़ करता है। इसके अलाव कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा व्यक्त की गई दृढ़ता की भी सराहना करते हैं, जिसके साथ उन्होंने नई सामान्य स्थिति पर प्रकाश डाला, जो ऐसी चुनौतियों के प्रति हमारे दृष्टिकोण को परिभाषित करेगी। इसके लिए तीन बिंदु महत्वपूर्ण हैं।
पहला, यदि भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा। हम अपनी शर्तों पर ही उचित जवाब देंगे। हम उन सभी जगहों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे जहाँ से आतंकवाद की जड़ें उभरती हैं। दूसरा, भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में विकसित हो रहे आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमला करेगा। तीसरा, हम आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली सरकार और आतंकवाद के मास्टरमाइंड के बीच कोई अंतर नहीं करेंगे।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद, प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि विभिन्न दलों के 59 सांसद 32 देशों का दौरा करें और भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करें। यह भारत द्वारा शुरू किए गए अब तक के सबसे व्यापक वैश्विक प्रयासों में से एक है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि देश किस प्रकार आतंक का शिकार रहा है और दुनिया के किसी भी हिस्से में हुआ आतंकवादी हमला पूरी दुनिया में मानवता के विरुद्ध अपराध क्यों है। विपक्षी सांसदों की भागीदारी हमारे लोकतंत्र की परिपक्वता और प्रधानमंत्री की कूटनीतिक क्षमता को दर्शाती है, जो मानते हैं कि राष्ट्रीय हित के मामलों में हम सब एक साथ हैं।