नेपाल में जेन जी (Gen Z) प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई से उनका गुस्सा और बढ़ गया। इसकी जद में संसद, राष्ट्रपति भवन से लेकर नेताओं के घर और पार्टियों के दफ्तर तक आ गए। गुस्से की आग ऐसी भड़की की प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए और उसे आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी संसद से कुर्सी-टेबल साथ लूटकर ले गए। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व पीएम झलनाख खनाल के घर में आग लगा दी। पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बावजूद भी प्रदर्शन और उग्र होता जा रहा है। कई जगह से आगजनी की खबरें आ रही हैं। इससे लग रहा है कि सवाल सिर्फ सोशल मीडिया बैन, या फिर प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे तक का नहीं था। सवाल कुछ और ही है।
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जवाब मिल गया है और ये जवाब इस बड़े प्रोटेस्ट की अगुवाई करने वाले संगठन हामी नेपाल के फाउंटर सुदान गुरंग ने दिया है। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में गुरुंग ने कहा कि उनके समूह ने औपचारिक रूप से रैलियाँ आयोजित करने की अनुमति मांगी थी और छात्रों से स्कूल यूनिफॉर्म पहनने और किताबें साथ रखने की अपील की थी, जिससे ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण प्रतिरोध का प्रतीक बन गए। वीडियो में सुदार गुरुंग की एनजीओ करप्शन के खिलाफ लोगों को मोबलाइज करती दिखी। सुदान ही वो शख्स हैं जो नेपाली युवाओं को यूथ एगेस्ट करप्शन के बैनर तले लेकर आए। सुदान ने अपने वीडियो में बड़ी मांगे रखी थी। जिसनें से एक पूरी हो चुकी है। मुमकिन है कि दूसरी मांग जल्द ही पूरी हो जाए। सुदान ने इसे डिमांड ऑफ यूथ नाम दिया।
सुदान ने वीडियो जारी करते हुए कहा था कि नेपाल के हर नौजवान को कहना चाहता हूं कि यहां सब जेन जेड हैं। अगर खुदा न खास्ता कुछ भी होता है। किसी वालंटियर के साथ कुछ भी होता है तो ये नेपाल सरकारी की जिम्मेदारी होगी। ये आंदोलन चलता रहेगा।
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वीडियो जारी कर रखी मांगें
प्रधानमंत्री केपी ओली को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने हमारे काफी भाइयों और बहनों को मार डाला है। इसलिए इस सरकार के पास सरकार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
सरकार से जुड़े सभी प्रांतीय मंत्रियों को भी तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
हमारे भाइयों को गोली किसने मारी? नीचे से लेकर ऊपर तक हर कोई जिम्मेदार है। इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
नेपाल युवाओं की एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाए।