ओडिशा के पुरी जिले में कुछ दिनों पहले आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लडकी की दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस खबर की पुष्टि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को की। इस बीच, इस मामले पर पुलिस के हालिया बयान ने कई सवाल खडे कर दिए हैं। पुलिस ने कहा है कि उनकी गहन जांच में किसी और की संलिप्तता नहीं मिली है, जबकि लडकी की मां का आरोप है कि उनकी बेटी का अपहरण कर उसे जलाया गया था।
मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुख
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बलंगा घटना में पीडिता की मौत की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। सरकार और एम्स दिल्ली की विशेषज्ञ चिकित्सा टीम के चौबीसों घंटे किए गए प्रयासों के बावजूद, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।’
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घटना का विवरण
यह भयावह घटना 19 जुलाई को भार्गवी नदी के तट पर हुई थी। लडकी दो हफ्तों से अधिक समय तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही थी। वह 75% तक जल चुकी थी। पहले उसका इलाज एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में हुआ, फिर उसे एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया। 20 जुलाई को, उसे बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु से पहले कई सर्जरी और त्वचा प्रत्यारोपण किए गए।
मां और चचेरे भाई का बयान
पीडिता की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी बेटी का अपहरण कर हत्या कर दी गई है। उनके अनुसार, नाबालिग लडकी का सुबह करीब 8.30 बजे तीन अज्ञात व्यक्तियों ने अपहरण कर लिया था, जब वह अपनी सहेली के घर से लौट रही थी। उसे भार्गवी नदी के पास एक सुनसान जगह पर ले जाकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। लडकी के चचेरे भाई ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका अपहरण किया गया था।
पिता का बयान
वहीं, लडकी के पिता ने एक अलग बयान में दावा किया है कि उनकी बेटी ने अवसाद के कारण आत्महत्या कर ली। उन्होंने इस दुखद घटना पर राजनीति न करने की अपील करते हुए कहा, ‘मेरी बेटी की मौत पर राजनीति न करें। सरकार ने यथासंभव सहयोग किया है। मेरी बेटी की जान मानसिक अवसाद के कारण गई है।’
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पुलिस का बयान
ओडिशा पुलिस ने इस मामले की गहन जांच की बात कही है। पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि जांच में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता नहीं पाई गई है। पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि लडकी को आग कैसे लगी। पुलिस ने लोगों से इस दुखद घडी में संवेदनशील टिप्पणी न करने का भी अनुरोध किया है।
राजनीतिक हंगामा
इस घटना ने राज्य में एक बडा राजनीतिक मुद्दा खडा कर दिया है। विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की आलोचना की है। उनका आरोप है कि सरकार की निष्क्रियता के कारण राज्य में महिलाएं लगातार असुरक्षित होती जा रही हैं। बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीडिता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।