ओडिशा की एक कॉलेज छात्रा, जिसने एक प्रोफेसर द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के बाद खुद को आग लगा ली थी। छात्रा ने सोमवार देर रात एम्स भुवनेश्वर में दम तोड़ दिया। बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की इंटीग्रेटेड बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा ने प्रोफेसर के खिलाफ कथित निष्क्रियता के कारण शनिवार को खुद को आग लगा ली और 95% तक जल गई। तीन दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद उसकी मौत हो गई। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी- मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी
छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि मामले में सभी दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
छात्रा को पहले बालासोर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर बेहतर उपचार के लिए भुवनेश्वर स्थित एम्स भेज दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार ‘बर्न सेंटर’ विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उसका उपचार किया जा रहा था।
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‘बर्न सेंटर’ ने एक बयान में कहा, ‘‘मरीज को ‘फ्लूइड्स’ (अंतरशिरा तरल) और‘एंटीबायोटिक्स’ (संक्रमण को खत्म करने वाली दवा) दी गईं, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। विभाग के आईसीयू में उपचार किया गया और गुर्दे की ‘रिप्लेसमेंट थेरेपी’ सहित सभी संभव सहायक उपायों के बावजूद, उसे बचाया नहीं जा सका और 14 जुलाई की रात 11 बजकर 46 मिनट पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’
मुख्यमंत्री माझी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की छात्रा की मृत्यु की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं। सरकार द्वारा सभी जिम्मेदारियों को निभाने और विशेषज्ञ चिकित्सा दल के अथक प्रयासों के बावजूद, छात्रा को नहीं बचाया जा सका।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और भगवान जगन्नाथ से उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। मैं छात्रा के परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले में सभी दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। इसके लिए मैंने खुद अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार परिवार के साथ है।’’
भुवनेश्वर स्थित एम्स के पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार शाम को बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के ‘बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी’ विभाग का दौरा किया था और छात्रा का हालचाल जाना था।
सोमवार रात एम्स में पोस्टमार्टम के बाद छात्रा का शव बालासोर जिले के उसके पैतृक गाँव पलासिया भेज दिया गया।
कांग्रेस के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में विरोध-प्रर्दशन भी किया
इस बीच, विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में विरोध-प्रर्दशन भी किया।
जैसे ही अस्पताल ने छात्रा की मौत की सूचना जारी की, तो बीजद और कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता सोमवार देर रात एम्स परिसर के अंदर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंच गए। शव ले जा रहे वाहन को वहां निकालने के लिए पुलिस को सड़क से विपक्षी सदस्यों को बलपूर्वक खदेड़ना पड़ा।
बीजद नेता इप्सिता साहू ने आरोप लगाया, ‘‘हम चाहते हैं कि छात्रा को न्याय मिले। सरकार ने अपनी नाकामी और असमर्थता को छिपाने के लिए रातों-रात शव का पोस्टमार्टम करवा दिया।’’
शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी के इस्तीफे की भी मांग की
उन्होंने छात्रा को न्याय दिलाने में नाकाम रहने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी के इस्तीफे की भी मांग की।
कांग्रेस के युवा नेता सैयद यासिर नवाज ने दावा किया कि छात्रा न्याय के लिए दर-दर भटकती रही, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के खिलाफ अपनी लड़ाई में हार के बाद, उसने आहत होकर यह कदम उठाया।
नवाज ने भी उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि वह पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा स्थानीय विधायक बाबू सिंह के साथ सोमवार रात छात्रा के परिजनों को सांत्वना देने अस्पताल पहुंचीं।
इस मामले में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू और फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष को गिरफ्तार किया जा चुका है।