ओडिशा के बालासोर जिले में यौन उत्पीडन से परेशान एक कॉलेज छात्रा द्वारा खुद को आग लगाने की दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य में हडकंप मचा दिया है। छात्रा ने अपने विभागाध्यक्ष पर बार-बार यौन संबंध बनाने की मांग करने और इनकार करने पर उसका भविष्य बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप लगाया था। बालासोर में कॉलेज छात्रा के आत्मदाह के प्रयास के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। कॉलेज प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है, जबकि आरोपी विभागाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है।
छात्रा की हालत गंभीर
रिपोर्ट्स के अनुसार, बालासोर के एफएम स्वायत्त कॉलेज की द्वितीय वर्ष की इंटीग्रेटेड बी.एड. छात्रा ने विभागाध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर समीर कुमार साहू के उत्पीडन से तंग आकर खुद को आग लगा ली। वह 90 प्रतिशत से अधिक जल चुकी है और उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। उसे बचाने की कोशिश करने वाला एक साथी छात्र भी 70 प्रतिशत तक जल गया है। दोनों का इलाज एम्स भुवनेश्वर में चल रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया दौरा
घटना की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने एम्स भुवनेश्वर पहुंचकर छात्रा और उसके माता-पिता से मुलाकात की। मुख्यमंत्री माझी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘भुवनेश्वर एम्स में उनका इलाज चल रहा है। अभी मरीज की हालत बहुत नाजुक है। मेडिकल टीम इलाज कर रही है… अगले 24 घंटे तक कुछ कहा नहीं जा सकता… हमने परिवार से बातचीत की… हम प्रार्थना करते हैं कि वे जल्दी ठीक हो जाएं।’
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राजनीतिक दलों में आक्रोश
इस घटना पर राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बीजेडी के नेताओं ने बालासोर में हुई इस घटना के खिलाफ भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। टीएमसी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया, ‘अलग दिन, अलग पीडित – भाजपा के राज में वही सडांध। ओडिशा के बालासोर में, एक छात्रा को अपने विभागाध्यक्ष द्वारा यौन संबंध बनाने की मांग और उसका भविष्य बर्बाद करने की धमकी देने के बाद खुद को आग लगाने के लिए मजबूर होना पडा। वह 95% जल चुकी है। उसे बचाने की कोशिश करने वाला एक साथी छात्र 70% तक जल चुका है।’ टीएमसी ने आगे कहा, ‘मोहन चरण माझी की चुप्पी शर्मनाक है, और प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किसी भी निंदा का अभाव केवल उसी बात की पुष्टि करता है जो हम पहले से ही जानते हैं: ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ एक तमाशा है।’
प्रिंसिपल पर लगा लापरवाही का आरोप
कॉलेज प्रिंसिपल ने बताया कि छात्रा कुछ दिन पहले उनके पास शिकायत लेकर आई थी। उन्होंने कहा, ‘शनिवार सुबह करीब 11 बजे वह मुझसे फिर मिली और बहुत परेशान थी। मैंने शिक्षिका को बुलाया और दोनों पक्षों से बात की। मेरे कार्यालय से निकलने के कुछ ही देर बाद, हमें चीखें सुनाई दीं।’ हालांकि, प्रिंसिपल का यह दावा कि “आंतरिक शिकायत समिति को यौन उत्पीडन के कोई ठोस सबूत नहीं मिले” सवालों के घेरे में है।
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल के निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं और मामले को ठीक से नहीं संभाला गया है। उन्हें जिला कलेक्टर की अनुमति के बिना बालासोर छोडने से भी रोक दिया गया है।
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आरोपी प्रोफेसर गिरफ्तार, मामला दर्ज
डीआईजी (पूर्वी रेंज) सत्यजीत नाइक ने पुष्टि की है कि आरोपी संकाय सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ आत्महत्या के प्रयास और यौन उत्पीडन का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी शिक्षक के निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह “प्रथम दृष्टया साक्ष्य” पर आधारित है।
एक फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। नाइक ने यह भी बताया कि कॉलेज परिसर में कानून-व्यवस्था का कडाई से पालन किया जा रहा है।