Monday, July 14, 2025
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जनजातीय गौरव दिवस समारोह के रूप में मनायी गयी बिरसा मुंडा की जयंती

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हरिद्वार, 15 नवंबर (हि.स.)। धरती अब्बा के रूप में प्रसिद्ध बिरसा मुंडा का 150 वां जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विकास खंड बहादराबाद में जनजातीय गौरव दिवस समारोह आयोजित हुआ।

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने राज्यसभा के सदस्य डॉ. कल्पना सैनी काे बुके देकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि राज्य सभा सासंद डॉ कल्पना सैनी, जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह तथा ब्लॉक प्रमुख आशा नेगी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके बाद स्वागत समारोह में स्कूली छात्राओं द्वारा स्वागत गीत, गढ़वाली एवं जौनसारी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान उन्होने जनपद के लाभार्थियों को पोषण किट, आयुष्मान कार्ड, उज्वल योजना के तरह गैस सिलेंडर और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों की चाबी सौंपी गई। इस दौरान बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6900 करोड़ की योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़कर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा।

मुख्य अतिथि डॉ. कल्पना सैनी ने अपने संबोधन में बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा जी देश के जनजातीय समुदायों के शौर्य, साहस, पराक्रम और बलिदान के प्रतीक हैं। हमें यह आजादी उपहार के रूप में नहीं मिली बल्कि इसके पीछे अनेकों कुर्बानी दी गई,आदिवासी जनजातियां जिस भी क्षेत्र में निवास करती है वहां वनों की, उत्पादन की और अपनी संस्कृति की अदम्य साहस के साथ रक्षा की।

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने धरती अब्बा भगवान बिरसा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज बिरसा मुण्डा की जयन्ती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में पूरे देश मे मनाई जा रही है। बिरसा मुण्डा ने हमारे देश, अपनी संस्कृति, हमारे परम्पराओं, हमारे मूल्यों के लिए अपने प्राणों की आहूति देकर अपनी छोटी सी आयु मे बड़ा कार्य किया था। उन्होने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, जनजातीय समुदाय के संस्कृति विरासत के संरक्षण, राष्ट्रीय गौरव, वीरता तथा भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष मनाया जाता है। जनजातीय गौरव के सम्मान का यह दिवस देश के सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने के साथ ही जनजातीय समाज के योगदान को सम्मानित करने का भी अवसर है।

जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल पांच जनजातीय निवास करती हैं। उनमें से एक जनजाति बुक्सा हमारे जनपद हरिद्वार में निवास करती है। हरिद्वार जनपद में चार ग्राम सभाओ में नौ बस्तियां हैं, जिसमें कुल 874 परिवार रहते हैं। सर्व के अनुसार 3952 लोग उन गांव में रहते हैं।

जनजातीय गौरव दिवस समारोह के अवसर पर बहादराबाद ब्लॉक के प्रांगण में बहुद्देशीय शिविर में समाज कल्याण, कृषि, पशुपालन विभाग ,स्वयं सहायता समूह, अक्षय ऊर्जा(उरेडा), स्वास्थ्य, ग्रामीण उद्योग वेग वृद्धि परियोजना, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पोस्ट ऑफिस, महिला कल्याण आदि ने स्टॉलों के माध्यम से अपने-अपने उत्पाद प्रदर्शित करने के साथ ही जन-कल्याणकारी जो भी योजनाएं सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं, उनके सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी आगन्तुकों को दी।

इस दौरान सीएमओ आरके सिंह ,पीडी केएन तिवारी, डीडीओ वेदप्रकाश ,जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा, यूपीसीएल ई.ई. दीपक सैनी, बीडीओ मानस मित्तल, सहायक सूचना विज्ञान अधिकारी यशपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए बदला सरकारी दफ्तरों में कामकाज का टाइम शेड्यूल

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नई दिल्ली, 15 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकारी दफ्तरों के कामकाज के समय में बदलाव किया गया है। सड़कों पर ट्रैफिक और उससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में सभी सरकारी कार्यालय, दिल्ली सरकार, नगर निगम और केंद्र सरकार के कार्यालयों के कामकाज के समय में बदलाव किया गया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज इस आशय की एक पोस्ट सोशल मीडिया एक्स पर साझा की। इसमें कहा गया है कि सड़कों से ट्रैफिक और उससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में स्थित सभी सरकारी कार्यालय अलग-अलग समय पर काम करेंगे।

नए शेड्यूल के तहत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कार्यालय सुबह 8.30 बजे से शाम 5.00 बजे तक, केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9.00 बजे से शाम 5.30 बजे तक और दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10.00 बजे से शाम 6.30 बजे तक काम करेंगे। इस कदम का उद्देश्य व्यस्त समय के दौरान वाहनों की आवाजाही को कम करना है।

दिल्ली सरकार के इस कदम से अलग-अलग समय पर कार्यालय खुलने और बंद होने से सुबह और शाम के पीक आवर्स के दौरान ट्रैफिक का दबाव कम होगा और ट्रैफिक न होने के कारण इससे होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।

गौरतलब है कि देश में दिल्ली में सबसे खराब प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया है। पिछले दो दिनों से वायु गुणवत्ता लगातार “गंभीर” श्रेणी में रही। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बुधवार से ग्रैप-3 की पाबंदियां लगाई गई हैं। इसी के तहत दिल्ली में सरकारी दफ्तरों के कामकाज के समय में बदलाव किया गया है।

शुक्रवार को शहर की वायु गुणवत्ता 411 के एक्यूआई के साथ गंभीर श्रेणी में थी।

दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण शुक्रवार से ही राजधानी के सभी प्राथमिक विद्यालयों को अगले निर्देश तक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की हिदायत दे रखी है।

आदिवासी क्षेत्र के विकास कार्य धनाभाव में कभी अवरुद्ध नहीं होंगे : भूपेन्द्र पटेल

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आहवा, 15 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को डांग जिला मुख्यालय आहवा में राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस पर 102.87 करोड़ रुपये के लगभग 37 विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने लगभग 548 लाभार्थियों को अनुमानित 234 करोड़ के योजनागत लाभों का वितरण भी किया। आदिजाति बहुल डांग में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर वंदन करते हुए उपस्थित सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदिवासी समुदाय स्वतंत्रता के बाद दशकों तक विकास से वंचित रहे थे। आज आदिजाति विकास में गुजरात अग्रसर है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वनबंधु कल्याण योजना की शुरुआत करवा कर आदिजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केन्द्रित किया था। दस सूत्री आधारित इस योजना के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी, स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की व्यवस्था की गई है। वनबंधु कल्याण योजना से बेटियों की शिक्षा का स्तर सुधरा है तथा आदिजाति समुदाय में साक्षरता की दर बढ़ी है। अब आदिजाति क्षेत्र में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज सहित उच्च शिक्षा की सुविधाएं मिल रही हैं। वलसाड, दाहोद, बनासकांठा, गोधरा (पंचमहाल) सहित आठ मेडिकल कॉलेज आदिजाति क्षेत्रों में हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आदिजाति क्षेत्र के विकास कार्य धनाभाव में कभी अवरुद्ध नहीं होंगे। जनजातीय सशक्तीकरण के माध्यम से विकसित भारत का संकल्प साकार होगा। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि वे विकसित गुजरात से विकसित भारत बनाने के लिए कटिबद्ध हों। पटेल ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत देश के 63 हजार से अधिक आदिवासी गांवों के पांच करोड़ से अधिक वनबंधुओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। पहली बार ऐसी कल्याणकारी योजना अंतर्गत शत प्रतिशत जनजातीय समुदाय को लाने का लक्ष्य इस अभियान में रखा गया है। कार्यक्रम में आदिजाति विकास मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर और अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

डॉ. डिंडोर ने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान पर प्रकाश डालते हुए इस जनजातीय गौरव दिवस पर राज्यव्यापी आयोजन की रूपरेखा दी। उन्होंने कहा कि आदिजाति समाज को गुमराह करने वाले तत्वों के विरुद्ध सनातन हिन्दू संस्कृति के जतन-संवर्धन के लिए योगदान देने वाले, अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले लोगों का इतिहास साक्षी है। विजयभाई पटेल ने डांग की जल समस्या के स्थायी निवारण के लिए दिए गए प्रोजेक्ट सहित जिले को मिले श्रृंखलाबद्ध विकास कार्यों की झांकी प्रस्तुत की।

प्रधानमंत्री की उपस्थिति में बिहार स्थित जमुई में आयोजित राष्ट्री स्तर के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी आहवा में सभी ने दृश्य-श्राव्य माध्यम से देखा। मुख्यमंत्री व महानुभावों ने वलसाड-डांग के सांसद धवलभाई पटेल द्वारा लिखित मोदी विद ट्राइबल्स पुस्तक का अनावरण किया। जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए विकास रथ को भी महानुभावों ने प्रस्थान कराया। योजनाओं के लाभार्थियों ने मंच से अपनी साफल्य गाथा प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के आरंभ में राज्य के आदिजाति विकास आयुक्त सुप्रीत सिंह गुलाटी ने महानुभावों का स्वागत किया, जबकि अंत में डांग जिला कलेक्टर महेश पटेल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में वलसाड-डांग के सांसद तथा लोकसभा के सचेतक धवलभाई पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष निर्मलाबेन गाइन, राजवी, धार्मिक अग्रणी, जनप्रतिनिधि, आदिजाति समाज के अग्रणी, आदिजाति विभाग के अपर मुख्य सचिव जेपी गुप्ता, केन्द्र सरकार के नोडल अधिकारी प्रदीप सिंह, जिला विकास अधिकारी राज सुधार, जिला पुलिस अधीक्षक यशपाल जगाणिया तथा बड़ी संख्या में आदिजाति परिवार उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गुरूग्राम अस्पताल का नाम श्री गुरु नानक देव किया

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चंडीगढ़, 15 नवम्बर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार ने 14 नवम्बर को विधानसभा सत्र में गुरूग्राम में लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 700 बेड के सरकारी अस्पताल का नामकरण श्री गुरू नानक देव जी के नाम पर करने का फैसला किया है। इसके अलावा आज प्रकाश पर्व पर किसानों को 300 करोड़ रुपये की बोनस की दूसरी किस्त जारी की है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार काे पंचकूला के गुरुद्वारा नाडा साहिब में मत्था टेकने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सदैव किसान व समाज हित में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में चिल्ला साहिब गुरुद्वारा की 77 एकड़ भूमि भी गुरूघर के नाम करने का निर्णय लिया है। इस भूमि की लगातार मांग चली आ रही थी। श्री गुरु नानक देव जी इस भूमि पर आए और 40 दिन तक लगातार तपस्या की। इसलिए सरकार ने यह भूमि गुरूद्वारे को सौंप दी। यह हम सब के लिए बड़े गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएसवीपी के 7000 प्लाट धारकों की इनहांसमेंट समस्याओं का निवारण करने के लिए आज पोर्टल लांच किया गया है। यह पोर्टल लगातार छह माह तक खुला रहेगा और इनकी समस्याओं का निवारण करेगा। इसके अलावा किसानों को उनकी भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की जानकारी देने के लिए मृदा कार्ड बनाए जाएगें। हर तीन साल के बाद किसानों की भूमि के मृदा कार्ड बनाए जाते हैं। अब 40 लाख किसानों के मृदा कार्ड बनाकर जारी किए जाएंगे जो किसानों को भूमि की उत्तम स्वास्थ्य की जानकारी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वे गुरुद्वारा नाडा साहिब में प्रदेश के नागरिकों की खुशहाली और समृद्धि की कामना करने के लिए आए है।

चंडीगढ़ में विधानसभा भवन बनाने के लिए मिलने वाली भूमि को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के हित में निर्णय ले तो सही होगा। इसके साथ ही किसानों की फसल खरीदने का कार्य भी करे। पंजाब सरकार अपनी कमियां छुपाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार लोगों के हित में निर्णय लेती तो हरियाणा में लोग उन्हें हराने का कार्य नहीं करते। इसी प्रकार पंजाब के लोग आप सरकार के लिए भी ऐसा ही कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी ने सदियों पहले मानवता को ‘किरत करो, नाम जपो और वंड छको’ का पाठ पढ़ाया। बाबा नानक की वाणी और शिक्षा को प्रदेश सरकार ने सर्वोपरि माना है। आध्यात्मिक बोध, सांसारिक समृद्धि और सामाजिक समरसता के लिए श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को सदा याद किया जाता रहेगा।

इस मौके सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हरियाणा के चेयरमैन बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार बधाई की पात्र है जिन्होंने किसान हित में अनेक निर्णय लिए है। इसके अलावा श्री गुरु नानक देव जी के नाम पर हॉस्पिटल का नाम और सिरसा गुरुद्वारे की भूमि सौंपने का नेक कार्य किया है।

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 21 दिसंबर को,  टर्म इंश्योरेंस को मिल सकती है टैक्स से छूट

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नई दिल्ली, 15 नवंबर (हि.स.)। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम को टैक्स से छूट देने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जा सकता है। काउंसिल की 55वीं बैठक 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में होगी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। पहले ये बैठक नवंबर में होने वाली थी, लेकिन बाद में इसकी तारीख 21 दिसंबर तय की गई। बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री अगले साल 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट के लिए भी अपने सुझाव पेश करेंगे।

बताया जा रहा है कि जैसलमेर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में आम इस्तेमाल वाली कई चीजों पर लगने वाले टैक्स को 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत के स्लैब में लाने पर फैसला लिया जा सकता है। इस संबंध में राज्यों के मंत्रियों की एक समिति (जीओएम) अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। अक्टूबर में ही स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर गठित मंत्रियों के समूह ने जीएसटी काउंसिल से कुछ महत्वपूर्ण अनुशंसाएं की है। इन अनुशंसाओं में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की बात पर सहमति दी गई है। इसके साथ ही मंत्रियों के समूह ने सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव दिया है। माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। इसके तहत अधिकतम 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी में छूट दी जा सकती है, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज वाली पॉलिसी के प्रीमियर पर पहले की तरह जीएसटी जारी रहेगा।

फिलहाल जीएसटी के तहत कुल 4 स्लैब में टैक्स की वसूली की जाती है। इनमें पहला स्लैब 5 प्रतिशत का है। इसके अलावा 12 प्रतिशत 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब में भी टैक्स की वसूली होती है। कई जरूरी वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी से छूट मिली हुई है या उन्हें 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है। वहीं, लग्जरी आइटम्स पर अधिक टैक्स की वसूली होती है। अब जीएसटी के स्लैब की भी समीक्षा की मांग की जा रही है। जानकारों का कहना है कि सरकार जल्दी ही जीएसटी के चार स्लैब को घटाकर तीन स्लैब कर सकती है।

विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन तत्परता से किया जाए : ऊर्जा मंत्री तोमर

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भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। ऊर्जा मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। इसमें किसी के भी स्तर पर लापरवाही नहीं होना चाहिए। मंत्री तोमर ने यह निर्देश शुक्रवार को शिवपुरी में विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।

तोमर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को चिकित्सालय में सुरक्षा गार्ड, पेयजल व्यवस्था, टॉयलेट साफ सफाई के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सेवाओं में जिन चीजों की कमी है, उसके संबंध में जनसहयोग के लिए मीटिंग में प्रस्ताव रखें।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रावास में खाने-पीने की व्यवस्था ठीक रहे। स्कूल और छात्रावास में स्टाफ उपलब्ध रहे। आंगनवाड़ी में बच्चों को दिया जाने वाला सुबह का नाश्ता गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। नल जल योजना का भौतिक सत्यापन कराया जाए। काम में गुणवत्ता का ध्यान रहे।

मंत्री तोमर ने कहा कि विधानसभा स्तर पर प्रत्येक माह जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन करें। इसमें लोगों की समस्याएं सामने आएंगी। उनका समय-सीमा में निराकरण करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो। उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभागीय अधिकारी को चिन्हित कर एक अधिकारी को हर महीने सम्मानित किया जाएगा। खाद्य विभाग द्वारा गरीब हितग्राहियों को जो राशन वितरण किया जा रहा है, वह पूरी पारदर्शिता से किया जाए। जहां कहीं भी शिकायत प्राप्त होती है उसकी जांच कर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। बैठक में कलेक्टर एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

माँ नर्मदा के तट का प्रत्येक कंकड़ स्वयं शंकरः उप मुख्यमंत्री शुक्ल

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भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि कार्तिक मास की पूर्णिमा का शुभ दिन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है। आज के दिन मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त करना हम सभी के लिए परम सौभाग्य और जीवन का पावन क्षण है। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं का दर्शन और उनसे आत्मीय मुलाकात करना मेरे लिए हर्ष और गर्व का विषय है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शुक्रवार को अनूपपुर जिले के अमरकंटक में कबीर चबूतरा पर मां नर्मदा की परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने कहा कि नर्मदा पुराण में वर्णित है कि मैकल की परिक्रमा पूरे विश्व की परिक्रमा के समान है। माँ नर्मदा के तट का प्रत्येक कंकड़ स्वयं शंकर है। यह हमारी सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। इसे न केवल हमें समझना चाहिए, बल्कि इसे सहेजकर आने वाली पीढ़ियों को भी सौंपना हमारा परम दायित्व है। इसी से मानव जाति का कल्याण संभव है।

उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा हमारी संस्कृति की सबसे गहरी आस्था और जीवनशैली का प्रतीक है। यह आध्यात्मिक यात्रा निश्चित रूप से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने पुराणों का उल्लेख करते हुए कहा कि मां गंगा के पवित्र स्नान का जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य मां नर्मदा के केवल दर्शन मात्र से प्राप्त होता है। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, और परिक्रमा वासियों से मिलना तो मेरे जीवन का परम गौरव है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अमूल्य प्रयासों से न केवल देश बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की रक्षा में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है। उनका जीवन और आदर्श हमें प्रेरणा देते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कबीर चबूतरा में मां नर्मदा की आरती की। कार्यक्रम में साधु-संतों के साथ विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष रामदास पुरी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

सृजन का संदेश देता है बोनसाईः मंत्री सारंग

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भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि व्यक्ति अगर सार्थक रूप से समाज के माध्यम से प्रकृति को आगे बढ़ाना चाहे तो बोनसाई जैसी कलाकृति सृजित होती है। प्रकृति से जोड़कर नई कलाकृति देना ही बोनसाई है। बोनसाई हमेशा सृजन का संदेश देता है।

मंत्री सारंग ने यह बात शुक्रवार को गुलाब उद्यान में तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी का शुभारंभ कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करें पर्यावरण को आगे बढ़ाएं ताकि आने वाली पीढ़ी इस दुनिया में स्वच्छ वातावरण में रह सके। दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए हमें सृजन की ओर जाना पड़ेगा। हर वर्ग, हर सेक्टर में प्रकृति के साथ सृजन की जरूरत है।

लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन के तत्वावधान में 15 से 17 नवंबर तक तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन लिंक रोड नंबर एक स्थित गुलाब उद्यान में किया गया है। प्रदर्शनी में 400 से अधिक बोनसाई पौधों की अनूठी प्रतिकृतियों प्रदर्शित की गई है। प्रदर्शनी 16 और 17 नवंबर को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक खुली रहेगी।

इस मौके पर भोपाल लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन की संस्थापक सदस्य अरुंधति तिवारी और देश-विदेश से आए विशेषज्ञ उपस्थित थे। इंडोनेशिया के बोनसाई विशेषज्ञ ययात हिदायत, अधित्य आजी पमुनगकास के साथ ही सौमिक दास नई दिल्ली, अनुपमा वडेचला बेंगलुरु, गोविंद राज हैदराबाद आदि बोनसाई प्रेमियों को इस विधा की बारीकियों से अवगत करवाया। भोपाल के 40 साल से ज्यादा समय से बोनसाई से जुड़े लोगों ने संग्रह का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में जैड, मधुकामिनी, फाइकस, बुद्धा पीपल के 50 से 55 साल पुराने पेड़ विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। इन्हें बड़े गमलों में विशेष आकार दिया गया।

कार्यक्रम में चेयरमेन मनीष श्रीवास्तव, अध्यक्ष जेएस बिंद्रा, सचिव दीपक नलावडे सहित पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।

संस्कृति की रक्षा करने में जनजातीय समुदाय का अहम योगदानः उदय प्रताप सिंह

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भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि संस्कृति की रक्षा करने में जनजातीय समुदाय का अहम योगदान है। राज्य सरकार इन जनजातीय महापुरूषों के द्वारा स्थापित मूल्यों और आदर्शों को लोगों के सामने लाने के लिये सदैव तत्पर है।

मंत्री सिंह शुक्रवार को नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा क्षेत्र के ग्राम डंगहा- चांदनखेड़ा में हुए भगवान बिरसा मुंडा जंयती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापना के लिये भूमि-पूजन भी किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में जरूरी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना है। इसमें बुनियादी ढांचा विकसित करना, आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, अच्छी शिक्षा एवं स्वस्थ जीवन प्रमुख है।

कार्यक्रम में मौजूद जनजातीय समुदाय के लोगों से हुए संवाद में मंत्री सिंह ने कहा कि डंगहा में भव्य एवं आकर्षक मैरिज भवन बनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने 30 लाख रुपये देने की घोषणा की। मंत्री सिंह ने ग्रामीणों की मांग पर चबूतरा निर्माण के लिये 2 लाख 50 हजार रूपये की स्वीकृति दी। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

अमिताभ बच्चन की फिटनेस का राज 1 लाल फल, 82 साल की उम्र में भी हैं एक्टिव

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82 साल की उम्र में भी अमिताभ बच्चन फिट और एक्टिव हैं, इसकी वजह यह है कि वह अपनी सेहत का बहुत ख्याल रखते हैं। रोज सुबह नाश्ते में एक सेब खाएं। जिससे इस उम्र में भी उनकी सेहत दुरुस्त रहती है।

सेब खाने के फायदे

 इससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है.

• रक्त कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग में मदद करता है।

• मधुमेह के खतरे को कम करता है।

• आंतों को स्वस्थ रखने में सहायक।

• कैंसर के खतरे को कम करता है।

• अस्थमा से लड़ने में मदद मिल सकती है।

• मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

• पाचन संबंधी समस्याओं से बचाता है।

• कुल मिलाकर सेब कई बीमारियों को दूर रखता है।

100 ग्राम सेब में पोषक तत्व होते हैं

• कैलोरी: 52

• पानी: 86%

• प्रोटीन: 0.3 ग्राम

• कार्बोहाइड्रेट: 13.8 ग्राम

• चीनी: 10.4 ग्राम

• फाइबर: 2.4 ग्राम

• वसा: 0.2 ग्राम

अमिताभ बॉलीवुड के वो सितारे हैं जिन्होंने उम्र को मात देते हुए साबित कर दिया कि सादा और संयमित जीवन जीकर आप खुद को लंबे समय तक फिट और स्वस्थ रख सकते हैं। जहां ज्यादातर लोग 60-65 की उम्र में काम बंद कर आराम करने लगते हैं, वहीं अमिताभ 82 साल की उम्र में भी रोजाना 12-16 घंटे काम करते हैं। इस उम्र में भी वह फिल्मों, टीवी शो और विज्ञापनों में सक्रिय रहते हैं। अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में महानायक, शहंशाह, बिग बी आदि नामों से जाना जाता है और इसकी वजह उनकी लगातार कड़ी मेहनत और दर्शकों के बीच उनकी पहुंच है। आज भी नए कलाकार अमिताभ की बुलंद आवाज की बराबरी नहीं कर सकते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमिताभ की फिटनेस का राज क्या है? आइए आपको बताते हैं मेगास्टार अमिताभ बच्चन के 10 फिटनेस सीक्रेट्स।

1. अमिताभ हर दिन एक्सरसाइज करते हैं

अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी व्यायाम को लेकर काफी अनुशासित हैं। समय की कमी, काम का बोझ और यहां तक ​​कि उम्र भी उनके व्यायाम की दिनचर्या को प्रभावित नहीं करती है। अगर किसी कारण से बच्चन सुबह वर्कआउट नहीं कर पाते हैं तो वह शाम को जिम जाने की पूरी कोशिश करते हैं। प्रसिद्ध फिटनेस ट्रेनर और आहार विशेषज्ञ वृंदा मेहता उन्हें नियमित वर्कआउट में मदद करती हैं। अमिताभ रोजाना योग भी करते हैं.

2. चाय या कॉफ़ी का सेवन न करें

आपको जानकर हैरानी होगी कि अमिताभ बच्चन चाय या कॉफी नहीं पीते हैं। वैसे तो अमिताभ पहले कॉफी पीते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से उन्होंने चाय और कॉफी पीना बंद कर दिया है। चाय और कॉफी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जो एक उम्र के बाद काफी हानिकारक साबित हो सकती है। इसका असर दिमाग और याददाश्त पर भी पड़ता है।

3. मांसाहारी खाना छोड़ा, अब पूरी तरह शाकाहारी

अमिताभ बच्चन पूर्णतः शाकाहारी हैं। पांच साल पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पहले वह नॉनवेज खाते थे लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने नॉनवेज खाना छोड़ दिया और पूरी तरह से शाकाहारी बन गए। आपको बता दें कि मांसाहारी भोजन में विटामिन और वसा होती है लेकिन यह भारी होता है और इसे पचाने में पेट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। सब्जियाँ और फल सभी प्रकार के विटामिन के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट और खनिज भी प्रदान करते हैं।

4. कोल्ड ड्रिंक या सोडा वाटर भी न पियें

अमिताभ बच्चन कोल्ड ड्रिंक और सोडा नहीं पीते। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह कार्बोनेटेड ड्रिंक नहीं लेते हैं. कोल्ड ड्रिंक और पैकेज्ड फ्रूट ड्रिंक कार्बोनेटेड होते हैं और इनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

5. शराब और बीयर से भी दूर रहें

शायद आप भी ये बात मानते होंगे कि फिल्मी हस्तियों के बीच शराब और बीयर पीना आम बात है. लेकिन आपको बता दें कि अमिताभ बच्चन ने 40 साल पहले शराब छोड़ दी थी और तब से वह शराब और बीयर से पूरी तरह दूर हैं। मादक पदार्थ आपके पूरे शरीर और दिमाग पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

6. धूम्रपान भी छोड़ दें

अमिताभ बच्चन भले ही स्क्रीन पर स्क्रिप्ट के मुताबिक सिगरेट पीते नजर आते हों, लेकिन असल जिंदगी में वह सिगरेट नहीं पीते। यह सच है कि अमिताभ सिगरेट पीते थे लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया। सिगरेट आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसे छोड़ने के लिए बहुत अधिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि आप लंबे समय तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको धूम्रपान भी छोड़ना चाहिए।

7. नींबू पानी पीना पसंद है

एक इंटरव्यू में अमिताभ कहते हैं कि पीने के नाम पर वह सिर्फ पानी और नींबू पानी पीते हैं। पानी पीना सेहत के लिए बहुत जरूरी है और नींबू पानी आपके पाचन और पेट को स्वस्थ रखता है।

8. मिठाई और चावल न खाएं

अमिताभ बच्चन न तो मिठाई खाते हैं और न ही चावल, यानी उन्होंने खुद को चीनी और कार्बोहाइड्रेट दोनों से दूर कर लिया है। हालाँकि उन्हें कभी जलेबी और खीर बहुत पसंद थी, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने यह सब छोड़ दिया। सफेद चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

9. चॉकलेट और पेस्ट्री भी न खाएं

अमिताभ बच्चन चॉकलेट, पेस्ट्री और यहां तक ​​कि पैन भी नहीं खाते हैं. चॉकलेट और पेस्ट्री जैसे खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिए खराब हैं क्योंकि इनमें कैलोरी अधिक होती है।

10. प्रतिदिन एक चम्मच शहद

बच्चन परिवार का प्रत्येक सदस्य प्रतिदिन एक चम्मच शहद का सेवन करता है। ये बात उनकी बहू और मशहूर एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने एक इंटरव्यू में कही थी.