Saturday, December 27, 2025
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फरीदाबाद : कंपनी से एल्यूमीनियम का सामान चुराने वाला आरोपी गिरफ्तार

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फरीदाबाद, 26 नवंबर (हि.स.)। चोरी के मामले में अपराध शाखा उंचा गांव की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ जारी है। पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार काे बताया कि थाना डबुआ में सब्बिर शेख निवासी नंगला ऐनक्लेव पार्ट-2 ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी कम्पनी एस.एस इंटरप्राइजेज गाजीपुर रोड पर है। उसकी कंपनी में एल्यूमीनियम इनगॉट बनता है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह रात को 1 बजे ताला लगाकर घर चला गया था। जब सुबह 7 बजे अगले दिन गेट का ताला खोलकर देखा तो कम्पनी के छोटे गेट का ताला टूटा हुआ था।

कंपनी से लगभग 70-75 इनगॉट (प्लेट वेट 1875 किलो) जो एल्यूमीनियम की गायब थी। जिसके बाद पीडि़त की शिकायत पर इसके संबंध में थाना डबुआ में चोरी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। मामले में अपराध शाखा के द्वारा कार्रवाई करते हुए आरोपी इस्लाम निवासी कुरेशीपुर को नगला ऐनक्लेव से गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना से गिरफ्तार किया है। आरोपी से पूछताछ के दौरान चोरी की वारदात का खुलासा हुआ है। इस्लाम कबाड़ी का काम करता है। आपराधिक रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी पर पहले भी 4 चोरी के मुकदमे दर्ज है। आरोपी को पूछताछ के लिए अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

अयोध्या से जनकपुर के लिए निकली राम बारात , छह दिसंबर को होगा विवाह 

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अयोध्या, 26 नवंबर (हि.स.)। गाजे-बाजे के साथ रामसेवक पुरम से जनकपुर के लिए श्री राम बारात ने मंगलवार को प्रस्थान किया। बारात में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए सैकड़ों की संख्या में बाराती शामिल हैं। बारात में भगवान श्री सीताराम के स्वरूप श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा के साथ 51 तीर्थ स्थलों का पवित्र जल भी जनकपुर जा रहा है।

बारात की अगुवाई श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय कर रहे हैं, जो भगवान राम के पिता दशरथ की भूमिका में हैं। भगवान श्री राम के विवाह में कलयुग में त्रेता का नजारा देखने को मिल रहा है। बारातियों के उत्साह से लग रहा है कि कलयुग में भी इस तरह की बारात कभी नहीं निकाली होगी। भागड़ा, ढोल की धुन पर जगह-जगह लोग नाचते हुए झूम रहे हैं और सीताराम विवाह के गीत,भजन गा रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व श्रीराम बरात के संयोजक राजेंद्र सिंह ‘पंकज’ ने बताया कि श्रीराम विवाह में साधुओं और श्रद्धालुओं की सहभागिता है| आज रामसेवकपुरम परिसर से बरात ने जनकपुर के लिए प्रस्थान किया है। बारात बक्सर, पटना, कांटी, सीतामढ़ी पुनौरा धाम, आदि स्थानों पर विश्राम लेते हुए 3 दिसंबर को बारात जनकपुर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को समधी मिलन, 5 दिसंबर को मटकोर और 6 दिसंबर को राम जानकी मंदिर 12 छत बीघा मैदान में विवाह समारोह का आयोजन होगा। विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय के संरक्षण में यह आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में प्रमुख रूप से नरेंद्र बिंदल, रघुनाथ शाह, राम प्रकाश मिश्र, रमेश मिश्र व राजकिशोर सिंह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

रेवाड़ीः जनकार्यों को बेवजह लंबित रखने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई: अभिषेक मीणा

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रेवाड़ी, 26 नवंबर (हि.स.)। उपायुक्त अभिषेक मीणा ने कहा कि जनकार्यों को बेवजह लंबित रखने तथा बिना किसी ठोस कारण के नागरिकों के अपने कार्यालयों में चक्कर लगवाने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह बात मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित समाधान शिविर के दौरान आमजन की शिकायतें सुनते हुए कही। उन्होंने अधिकारियों को शिविर के दौरान आने वाली शिकायतों पर आगामी कार्रवाई करने की हिदायत दी। समाधान शिविर के दौरान सात शिकायतें मिली, जिनके समाधान के लिए उपायुक्त अभिषेक मीणा ने समय सीमा निर्धारित करते हुए विभाग अध्यक्षों की जिम्मेवारी तय की है।

उन्होंने कहा कि शिकायत का समाधान करने की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जाए। हरियाणा सरकार और ज़िला प्रशासन का यही लक्ष्य है कि नागरिकों को सभी मूलभूत सुविधाएं समय पर मुहैया कराई जाएं। समाधान शिविर में पुलिस अधीक्षक गौरव राजपुरोहित, एसडीएम सुरेंद्र सिंह, सीईओ विकास यादव, सीटीएम प्रीति रावत सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

समानता और न्याय के मामले में भारत का संविधान अमेरिका से भी आगे: न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव

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लखनऊ, 26 नवंबर (हि.स.)। 75वें संविधान दिवस के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन पीठ में मंगलवार को केन्द्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ की ओर एक संगोष्ठी व चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संविधान की महत्ता, इसके निर्माण की यात्रा और इसके प्रभाव पर चर्चा की गई।

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि समानता और न्याय के मामले में भारत का संविधान अमेरिका से भी आगे है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में पूरा संविधान निहित है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. अमर पाल सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के मार्गदर्शन में भारत जल्द ही विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. विनीता काचर ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश को रोशनी दिखाने वाला एक चिराग है। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित पारदर्शिता के कारण भारत की महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और लोकसभा अध्यक्ष जैसे उच्च पदों पर आसीन रही हैं।

बीबीएयू की प्रोफेसर डॉ. सुदर्शन वर्मा ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को तैयार किया गया संविधान केवल सरकार को नियम ही नहीं, बल्कि उद्देश्यों का भी मार्ग दिखाता है। उन्होंने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान की प्रशंसा की, जिन्होंने दो वर्ष 11 महीने और 18 दिनों में संविधान का निर्माण किया, जो एक मजबूत और सशक्त भारत की नींव बना।

इस अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो के निदेशक अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि “संविधान इस देश की आत्मा है। यह हमें अधिकार प्रदान करने के साथ-साथ कर्तव्यों का भी स्मरण कराता है।” उन्होंने संविधान के निर्माण की यात्रा पर आधारित चित्र प्रदर्शनी को देखने की अपील की।

संगोष्ठी में विधि अध्ययन पीठ के विद्वानों, प्राध्यापकों और छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और संविधान की भावना को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

जींद : किसान आंदोलन की चौथी बरसी पर मजदूरों व किसानाें ने किया प्रदर्शन

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जींद, 26 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा एवं ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को ऐतिहासिक किसान आंदोलन की चौथी बरसी एवं संविधान दिवस के अवसर पर किसान, मजदूरों नें शहर में चेतावनी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने लघु सचिवालय पहुंच कर उपायुक्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले किसान-मजदूर के नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और जनसभा की। जिसकी अध्यक्षता सयुंक्त रूप से किसान सभा की नेता अनीता कर्मगढ़, किसान यूनियन से रामफल कंडेला, सतबीर खरल, आजाद आदि ने की।

मजदूर व किसान ने बताया कि चार साल पहले आज ही के दिन लामबांदी के माध्यम से मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। लंबे संघर्ष के बाद कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों से किए गए वादे आजतक पूरे नहीं हुए हैं। श्रम की आउटसोर्स और ठेकाकरण की नीति खत्म हो। संगठित, असंगठित, स्कीम वर्कर्स और कृषि क्षेत्र के सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये मासिक व सामाजिक सुरक्षा लागू की जाए। किसानों व मजदूरों की कर्जामुक्ति हो।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सामाजिक सेवाओं का निजीकरण बंद होद्ध बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने बंद किए जाए। अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण समाप्त हो। मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपये मजदूरी दी जाए। सभी लोगों को जो किसी योजना में शामिल नहीं हैं उनकों 10 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए। निर्माण मजदूरों का कल्याण बोर्ड में पंजीकरण हो। खेत मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून बने व लागू हो। डीएपी, यूरिया खाद की आपूर्ति बढाई जाए ताकि किसानों को आपूर्ति अनुसार दिया जा सके। पराली जलाने के नाम पर बनाए गए झूठे मुकदमों को रद्द किया जाए। इस मौके पर सतीश बडौदी, संजीव ढांडा, नफे सिंह ईगराह, विक्रम सिंह, फूल सिंह श्योकंद रमेश, आजाद पालवां आदि ने संबोधित किया।

‘मुख्यमंत्री के लिए नाम फाइनल, एकनाथ शिंदे नाखुश हैं, उन्हें मनाना जरूरी…, बोले रामदास अठावले

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महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई-अठावले अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र विवाद जल्द खत्म होना चाहिए क्योंकि बीजेपी आलाकमान ने फैसला किया है कि देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया जाना चाहिए, लेकिन एकनाथ शिंदे नाखुश हैं और उनकी नाराजगी दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विवाद जल्द ख़त्म होना चाहिए। बीजेपी आलाकमान ने फैसला किया है कि देवेन्द्र फडणवीस को सीएम बनाया जाए लेकिन एकनाथ शिंदे नाखुश हैं और उनकी नाराजगी दूर करने की जरूरत है।
 

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अठावले ने कहा कि बीजेपी के पास इतनी सीटें हैं कि बीजेपी भी नहीं मानेगी। मुझे लगता है कि एकनाथ शिंदे को 2 कदम पीछे हटना चाहिए, जैसे देवेन्द्र फडणवीस 4 कदम पीछे हटे और उनके नेतृत्व में काम किया। एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम या कम से कम केंद्रीय मंत्री बनना चाहिए। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में जरूर सोचेंगे और जल्द ही कुछ फैसले लेने होंगे। हमें एकनाथ शिंदे और उनके 57 विधायकों की बहुत जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जल्दी से समझौता होना चाहिए और बड़े विश्वास के साथ कैबिनेट का विस्तार होना चाहिए, लेकिन मेरी पार्टी को उस कैबिनेट में एक मंत्री पद मिलना चाहिए। मैंने ऐसी ही मांग देवेन्द्र फड़णवीस से की थी। मुख्यमंत्री समेत महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में चार से पांच दिन और लग सकते हैं। 2 दिसंबर को भव्य कार्यक्रम आयोजित करने पर चर्चा चल रही है, बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी जोरों पर है। सूत्रों से पता चला है कि जहां 2 दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित करने पर चर्चा चल रही है, लेकिन आयोजन में देरी का मुख्य कारण मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर चल रही खींचतान है।
 

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यह गतिरोध नेतृत्व को लेकर भाजपा और शिवसेना गुटों के बीच मतभेदों के कारण उत्पन्न हुआ है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर अड़े हुए हैं और उनके नेतृत्व को गठबंधन की शानदार जीत के लिए महत्वपूर्ण बताते हैं। सेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखना गठबंधन की एकता और नेतृत्व का सम्मान होगा।

कांग्रेस के महाराष्ट्र हारते ही INDIA गठबंधन में रार, TMC की सलाह, अहंकार छोड़ें और ममता बनर्जी को बनाएं नेता

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हरियाणा और महाराष्ट्र में अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस आलोचनाओं में घिर गई है। कांग्रेस की लगातार हार के बाद, टीएमसी ने भी अपने इंडिया गठबंधन के सहयोगी पर सवाल खड़े कर दिए है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कांग्रेस से अपने अहंकार को दूर करने और ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक के नेता के रूप में मान्यता देने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस न तो हरियाणा में और न ही महाराष्ट्र में वांछित परिणाम हासिल करने में सफल रही है।
 

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कल्याण बनर्जी ने कहा कि हमें कांग्रेस से जबरदस्त उम्मीद थी कि वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। अगर उन्होंने बेहतर किया होता तो बीजेपी और नरेंद्र मोदी दबाव में होते। इंडिया गठबंधन तो है लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। और परिणाम हासिल करने में कांग्रेस की ओर से बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरी है कि बीजेपी से लड़ना है तो इंडिया गठबंधन मजबूत हो। और इसे मजबूत बनाने के लिए एक लीडर की जरूरत होती है। अब नेता कौन हो सकता है? यही मूल प्रश्न है। कांग्रेस ने यह किया है। सारे प्रयोग हो चुके हैं, लेकिन असफल रहे हैं। 
महाराष्ट्र चुनावों का जिक्र करते हुए जहां राकांपा और कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया, बनर्जी ने कहा कि शरद पारद भी वह नहीं कर सके जो उनसे अपेक्षित था। शरद पवार की राकांपा सिर्फ 10 सीटें जीत सकी जबकि कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 16 सीटें हासिल कीं। उन्होंने कहा कि अन्य नेताओं ने भी कोशिश की और असफल रहे। बाकी तीन लोग हैं- स्टालिन, हेमंत सोरेन और ममता दीदी। इन तीनों में से, ममता जी को संसदीय राजनीति में व्यापक अनुभव है, वह 7 बार सांसद, कैबिनेट मंत्री, 3 बार मुख्यमंत्री हैं। उनका सबसे अच्छा रिकॉर्ड पश्चिम बंगाल से सीपीएम को खत्म करना है। उनका स्वभाव लड़ाकू है। 
 

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उम्मीद थी कि कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी, लेकिन भाजपा ने एक और कार्यकाल के लिए राज्य छीन लिया। महाराष्ट्र, जहां विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था, वहां भी एमवीए के साथ जाने की उम्मीद थी। हालाँकि, सत्तारूढ़ महायुति ने केवल पाँच महीनों में स्थिति बदल दी और प्रचंड जीत के साथ राज्य को बरकरार रखा। बनर्जी ने महाराष्ट्र में चुनावी हार के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए “एकजुट और निर्णायक” नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया।

महाराष्ट्र में अडानी का बहुत बड़ा हाथ था, खड़गे बोले- हमें नहीं चाहिए EVM, बैलेट पेपर पर होने चाहिए चुनाव

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को चुनावों में मतपत्रों की वापसी को चिह्नित करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जैसे अभियान का आह्वान किया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी के संविधान दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें मतपत्र चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की, जिसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने चुनाव के संचालन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। कांग्रेस के महाराष्ट्र पर्यवेक्षक और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य में ईवीएम हैकिंग का भी आरोप लगाया।
 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर वार करते हुए खड़गे ने कहा कि आप (सत्ता में) आए और लूट रहे हैं और इसे अडानी, अंबानी और उनके जैसे अन्य लोगों को दे रहे हैं। इन लोगों ने कभी देश के लिए नहीं सोचा। मोदी और ये एक-दूसरे के लिए सोचते हैं।’ मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि महाराष्ट्र के चुनाव में अडानी की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने उन्हें बहुत सारी संपत्तियां दीं और वह इसे संभाल नहीं पा रहे हैं।’ वह इसे बीजेपी की तरफ से चुनाव में बांट रहे हैं। उनके पास कोई संवैधानिक मूल्य नहीं है। उनमें संस्थागत अखंडता का अभाव है। उनका संघीय चरित्र नहीं है। 
खड़गे ने कहा कि संविधान में स्वतंत्रता, समानता, न्याय, मानवीय गरिमा को शामिल किया गया है और ये सभी लोकतंत्र के मूल्य हैं। आज जो लोग संविधान को कमजोर कर रहे हैं, इनके पुरखे अंग्रेजों के मुखबिर थे। आजादी की लड़ाई में इनका कोई योगदान नहीं है। इनके पूर्वज अंग्रेजों की नौकरी कर रहे थे और उनकी मदद करते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग आजादी के लिए लड़े और आजादी हासिल की। आज सब जानते हैं कि जिस व्यक्ति ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, उसे गोली मारने वाले कौन थे।   
 

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उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अगर सच में देश में एकता चाहते हैं, तो उन्हें नफरत छोड़नी होगा। मोदी जी हमेशा नफरत फैलाने की बात करते हैं और आरोप हम पर लगाते हैं।  जबकि सच ये है कि कांग्रेस ने देश को एक रखने और समान अधिकार देने के लिए संविधान बनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में न तो बोलने की आजादी है और न ही धार्मिक स्वतंत्रता है। ये केवल काटो-बांटों की बात करते हैं। इनके राज में महिलाओं के साथ रेप होता है, आदिवासियों पर पेशाब किया जाता है और दलितों को शादी में घोड़े से उतारकर मारपीट करते हैं। ये खुद को संविधान का रक्षक कहते हैं, जबकि ये भक्षक हैं।

Jan Gan Man: Parliament Winter Session में किन बड़े मुद्दों पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए?

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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। दोनों सदनों का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष के जिस तरह के तेवर दिखाई दे रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि संसद का यह शीत सत्र राजनीतिक रूप से गर्म बना रहेगा। देखा जाये तो सरकार ने इस सत्र के लिए जो विधायी कामकाज तय किया है वह तो किसी ना किसी तरह पूरा हो जायेगा लेकिन चिंता इस बात की है कि जनता के असल मुद्दों का क्या होगा? देश के सामने ऐसी कई ज्वलंत समस्याएं हैं जिन पर संसद में चर्चा होना बहुत जरूरी है। देश के समक्ष कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संसद में चर्चा कर उनका निराकरण करना बहुत जरूरी है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या विपक्ष संसद को चलने देगा ताकि जनता के मुद्दों का हल निकल सके। सवाल उठता है कि क्या विपक्ष संसद को चलने देगा ताकि सांसद जो विषय संसद में उठाने के लिए अपनी तैयारी करके आये हैं उनको मौका मिल सके?
देखा जाये तो यह अब चलन-सा हो गया है कि एक तो संसद के सत्र छोटे होते जा रहे हैं दूसरा बैठकों को बाधित किया जाता है और हो-हल्ले के बीच ही बजट तथा अन्य महत्वपूर्ण विधेयक पास हो जाते हैं जिससे जनता को पता ही नहीं चलता कि उनके लिए सरकार ने कौन-सा और किन प्रावधानों वाला कानून बना दिया है। विपक्ष जिस तरह संसद की बैठकों को बाधित करता है उससे संसदीय लोकतंत्र पर भी सवाल उठ रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी संसदीय अवरोध कायम रहता है तो इससे लोकतंत्र कमजोर ही होगा। भारत पूरी दुनिया में संसदीय प्रणाली का सबसे बड़ा लोकतंत्र है मगर संसद में कई बार मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को लांघता हुआ हंगामा देखने को मिलता है। संसद का यह शीतकालीन सत्र व्यर्थ ना जाये, इसके लिए दोनों पक्षों को मिलकर चर्चा करनी चाहिए।

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बहरहाल, देश के समक्ष कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संसद में चर्चा कर उनका निराकरण करना बहुत जरूरी है। क्या हैं वह प्रासंगिक मुद्दे और भारत कैसे उनके चलते हो रहा है प्रभावित, इस बारे में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने कई बड़ी बातें कही हैं।

Dhirendra Krishna Shastri: झांसी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर हमला! बागेश्वर बाबा में खुद बताई पूरी सच्चाई

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर उनके नेतृत्व में चल रही सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के छठे दिन हमला हुआ है। पदयात्रा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित पर किसी ने हमला करने के लिए मोबाइल फोन फेंक दिया। सूत्रों के मुताबिक, यात्रा के दौरान उनके स्वागत में फूलों के साथ मोबाइल फोन भी फेंका गया था। हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री ने इससे खुद इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कोई हमला नहीं हुआ। पुष्पवर्षा कर रहे एक भक्त का गलती से मोबाइल फोन गिर गया। यह कोई हमला नहीं था। हम इस यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से चला रहे हैं।
 

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बताया जा रहा है कि मोबाइल फोन सीधे धीरेंद्र शास्त्री के चेहरे पर लगा। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है, ने 160 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की। 11 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में कई संतों, राष्ट्रवादी विचारकों और अन्य लोगों की भागीदारी शामिल है। शास्त्री द्वारा मध्य प्रदेश के छतरपुर से ओरछा तक की जा रही ‘सनातन पदयात्रा’ को समर्थन देने के लिए कई संत एक साथ आए हैं।
 

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आपको बता दें कि बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में हिंदू एकता के लिए अपने समर्थकों के साथ 160 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की। नौ दिवसीय ‘‘हिंदू एकता पद यात्रा’’ बागेश्वर धाम से शुरू हुई जो निवाड़ी जिले के ओरछा में श्री राम राजा मंदिर में समाप्त होगी। ओरछा में श्रीराम को भगवान और राजा के रूप में पूजा जाता है तथा अक्सर भक्तों द्वारा इसे ‘‘दूसरी अयोध्या’’ कहा जाता है। यात्रा में उनके सैकड़ों समर्थक ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की मांग वाली तख्तियां लिए हुए थे। यात्रा की शुरुआत में भाग लेने वालों में प्रदेश भाजपा प्रमुख और लोकसभा सांसद वी डी शर्मा और राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार शामिल थे।