Friday, December 26, 2025
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विराट सिख समागम में बंदा सिंह के दसवें वंशज बाबा जतिन्दर पाल सिंह द्वारा सम्मान अर्पित

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पूर्व सांसद तरुण विजय को उनकी राष्ट्रीयता पूर्ण लेखनी और महान सिख वीर बाबा बंदा सिंह बहादुर के प्रति सेवा कार्यों के लिए प्रतिष्ठित सिख सम्मान बाबा बंदा सिंह बहादुर राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया गया। हरियाणा के फतेहाबाद में एक बड़े सिख समागम में यह पुरस्कार दिया गया जिसमें सिरोपा, प्रशस्ति पत्र, इक्यावन हज़ार रुपये शामिल हैं। विशिष्ट बात यह थी कि बाबा बंदा बहादुर सिंह के दसवें वंशज एवं महान सिख संत बाबा ज़तिंदरपाल सिंह सोढ़ी के करकमलों से यह सम्मान दिया गया।
रियासी (जम्मू कश्मीर) में चिनाब नदी पर बाबा बंदा सिंह घाट, उनकी तपस्थली तक पक्का पहुंच मार्ग, बनवाने तथा दिल्ली में महान धर्म योद्धा बंदा सिंह के उपेक्षित बलिदान स्थल के प्रति राष्ट्रीय ध्यान आकृष्टकरने में सहायता हेतु तरुण विजय को प्रशस्ति प्रदान की गयी।

संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति शुरू, Akhilesh Yadav ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

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संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर राजनीति शुरू हो गयी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हिंसा को भाजपा द्वारा ‘रची गयी’ करार दिया। अखिलेश ने कहा कि मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में अनियमितताओं पर से ध्यान हटाने के लिए भाजपा द्वारा रची गयी। बता दें, शनिवार को उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए, जिनमें समाजवादी पार्टी को सिर्फ दो सीट मिलीं, जबकि भाजपा और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने कुल मिलाकर सात सीटों पर जीत दर्द की। भाजपा की जीत के बाद से राज्य की राजनीति गर्मायी हुई है।
अखिलेश यादव ने रविवार को संभल हिंसा पर बयान देते हुए पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि संभल में एक गंभीर घटना हुई। चुनाव के बारे में चर्चा को रोकने के लिए सुबह जानबूझकर एक सर्वेक्षण टीम भेजी गई थी। इसका उद्देश्य अराजकता पैदा करना था ताकि चुनावी मुद्दों पर कोई चर्चा न हो सके।
 

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मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए अखिलेश ने कहा कि संभल में हुई हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं और सवाल किया कि जब मस्जिद का सर्वेक्षण पहले ही हो चुका था, तो फिर से नया सर्वेक्षण क्यों किया गया और वह भी सुबह-सुबह और बिना किसी तैयारी के? उन्होंने आगे कहा कि मैं कानूनी या प्रक्रियात्मक पहलुओं में नहीं जाना चाहता, लेकिन दूसरे पक्ष की बात भी नहीं सुनी गई। यह जानबूझकर भावनाओं को भड़काने और चुनाव में धांधली पर चर्चा से बचने के लिए किया गया था। यादव ने आरोप लगाया, ‘संभल में जो कुछ हुआ, वह चुनावी अनियमितताओं से ध्यान हटाने के लिए भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा रचा गया था।’ 
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर उपचुनाव के दौरान ‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी निष्पक्ष जांच होगी और बूथ रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि मतदाताओं ने अपना वोट नहीं डाला और बूथ के अंदर कोई और मतदाता बन गया।
 

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यादव ने दावा किया कि मतदान के दिन पुलिस और प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के लगभग सभी बूथ एजेंट और कई समर्थकों को हटा दिया, जो वोट देना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘अगर मतदाताओं को वोट देने से रोका गया, तो वोट किसने डाला? अगर समाजवादी पार्टी के वोट उन बूथ तक नहीं पहुंचे और हमारे उम्मीदवार को समर्थन नहीं मिला, तो वहां किसने वोट दिया? यह एक गंभीर मुद्दा है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘इसके अलावा, दो तरह की पर्चियां थीं, एक लाल निशान वाली और दूसरी सामान्य पर्ची। हमने मतदान के दिन ही यह मुद्दा उठाया था, जिसमें कहा गया था कि प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे भेदभाव हो रहा है।’

Hemant Soren ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 नवंबर से संभालेंगे Jharkhand की कमान

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झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत के बाद रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। उन्होंने राजभवन जाकर झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद हेमंत ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। वह 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बता दें, झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। राज्य के गठन के बाद यह पहला मौका है, जब किसी सरकार को दूसरी बार सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला है।
 

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गंगवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सोरेन ने कहा, ‘आज हमने महागठबंधन की ओर से नए सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू की है। आज हमने राज्यपाल के पास वर्तमान सरकार से इस्तीफा देते हुए आगामी सरकार के लिए दावा पेश किया है। उन्होंने मुझे कार्यवाहक मुख्यमंत्री का जिम्मा सौंपा है। इस दौरान कांग्रेस और आरजेडी के प्रभारी भी हमारे साथ रहे। 28 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम होगा।’
 

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हेमंत सोरेन की झामुमो नीत गठबंधन ने शनिवार को झारखंड में शानदार जीत हासिल करते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की। ‘इंडिया’ गठबंधन ने ​​81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट जीती हैं। हालांकि, भाजपा नीत राजग को भारी महज 24 सीट मिलीं। राज्य विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीट की जरूरत होती है। सोरेन झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था।

Akhilesh Yadav ने भाजपा पर लगाया था बूथ कैप्चरिंग का आरोप, Brajesh Pathak ने किया जबरदस्त पलटवार

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को भाजपा पर उत्तर प्रदेश उपचुनाव में ‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का आरोप लगाया। अब राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सपा के पैरों तले जमीन खिसक गयी है और अखिलेश यादव अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उप मुख्‍यमंत्री पाठक ने अखिलेश यादव के बयानों पर करार प्रहार किया। उन्होंने कहा, ‘सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यों है, सैफई घराने में हर शख्स परेशान सा क्यों है। सपा के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है और अखिलेश यादव इस हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि सपा नेताओं का ध्यान केवल माफियागीरी, संपत्तियों पर कब्जा और महिलाओं की इज्जत-आबरू को खतरे में डालने पर रहता है।
 

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पाठक ने सपा के शासनकाल और उनकी नीतियों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘अखिलेश यादव झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं। इन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान खतरे में है बताकर जनता को बरगलाया और महिलाओं को 8-8 हजार रुपये देने की बात कही थी, बाद में महिलाओं ने इनके कार्यालयों का घेराव भी किया, जिसे पूरे देश ने देखा।’
उप मुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि प्रदेश की जनता इन लोगों की असलियत जानती है और उन्हें पूरी तरह नकार चुकी है। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी भारत के संविधान की बात करती है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमेशा सपाइयों ने ही हमला किया है, कभी न्यायपालिका पर हमला किया, तो कभी निर्वाचन आयोग पर हमला किया। इनको लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है। इसी निर्वाचन आयोग ने लोकसभा का चुनाव कराया था तब ईवीएम अच्छी थी, तब निर्वाचन आयोग बहुत अच्छा काम कर रहा था, तब अधिकारियों की तारीफ करते नहीं थकते थे।’
पाठक ने कहा कि इनकी सबसे बड़ी पीड़ा चुनाव हारना तो है ही, उसे बड़ी पीड़ा यह है कि ये जानते हैं कि इनका मूल वोटर इनसे दूर जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग हो या दलित समाज सब ने सपा को छोड़ने का काम किया है, मुसलमान को भी यह सिर्फ वोटर समझते हैं। उन्होंने कहा कि ये कुंदरकी की बात करते हैं वहां उनके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है, भाजपा को सबसे ज्यादा वोट मिला है।
 

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उन्होंने कहा, ‘वे कहते हैं कुंदरकी में गड़बड़ी हुई तो पोस्टल बैलेट एक उदाहरण है। पोस्टल बैलेट में भाजपा प्रत्याशी को 68 वोट मिलें हैं जबकि सपा प्रत्याशी को मात्र 29 वोट मिलें है। आंकड़े बताते हैं कि जिस तरह हमें पोस्टल बैलेट में 70 फीसदी और सपा को 30 फीसदी वोट मिला, वहीं रुख ईवीएम में भी चला। इसका जबाब इनके पास नहीं है।’ उन्‍होंने कहा कि लाल टोपी वालों के काले कारनाम जनता जान चुकी है, अब इन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी।

देश तोड़ने की बात करने वालों को जनता ने सबक सिखाया, Maharashtra Assembly Elections के नतीजों पर बोलीं Kangana Ranaut

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भाजपा सांसद कंगना रनौत ने रविवार को कहा कि लोगों ने देश को तोड़ने की बात करने वालों को करारा सबक सिखाया है। वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का जिक्र कर रही थीं जहां उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) को करारी शिकस्त दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए अभिनेत्री-राजनेता ने कहा कि उनका मानना ​​है कि उनका जन्म देश के उद्धार के लिए हुआ है और वह अजेय हैं।
रनौत और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एमवीए सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट आ गयी थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी नीत महायुति ने शनिवार को महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस नीत एमवीए का सत्ता हासिल करने का सपना टूट गया और विपक्षी गठबंधन सिर्फ 46 सीटें हासिल करने में कामयाब रहा।
 

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नयी दिल्ली रवाना होने से पहले हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भुंतर हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए रनौत ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने विकास और स्थिर सरकार के लिए वोट दिया है। उन्होंने महायुति की चुनावी सफलता के लिए मोदी को बधाई दी और कहा कि भाजपा आलाकमान महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करेगा।
मंडी से सांसद ने कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान मैंने देखा कि हर बच्चा ‘मोदी-मोदी’ का नारा लगा रहा था। प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं। भाजपा एक ब्रांड है और आज भारत के लोग इस ब्रांड पर भरोसा करते हैं।” उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री का जन्म देश के उद्धार के लिए हुआ है और वह अजेय हैं।’’
 

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रनौत ने दावा किया कि आजादी के बाद कांग्रेस भी एक ब्रांड थी लेकिन आज यह एक क्षेत्रीय पार्टी बन गई है क्योंकि लोगों का इसमें विश्वास खत्म हो गया है। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

किसी का समर्थन नहीं किया, तो मेरा मुद्दा कैसे विफल हो सकता है, Maharashtra Assembly Elections के नतीजों पर बोले जरांगे

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जालना। मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनके आंदोलन का कोई असर नहीं होने की चर्चा को रविवार को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किए गए। महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं। महायुति ने मराठवाड़ा क्षेत्र की 46 में से 40 सीट जीतीं, जिनमें जालना की सभी पांच सीट शामिल हैं।
जालना, नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे के आंदोलन का केंद्र रहा है। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन के खराब प्रदर्शन का श्रेय काफी हद तक जरांगे के आंदोलन को दिया गया था। जरांगे ने विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
 

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जरांगे ने कहा, ‘‘कोई यह कैसे कह सकता है कि विधानसभा चुनाव में जरांगे फैक्टर विफल हो गया, जबकि मैंने न तो चुनाव लड़ा और न ही किसी का समर्थन किया? मैंने मराठा समुदाय को इन राजनीतिक दलों के चंगुल से मुक्त कराया। मराठा समुदाय को अपनी पसंद के अनुसार वोट देने की आजादी मिली। मेरा ध्यान मराठाओं को सशक्त बनाने पर है।’’ उन्होंने चुनाव परिणामों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 204 मराठा उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं।
 

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जरांगे 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नियमित रूप से उम्मीदवार उतारने या समुदाय की आरक्षण मांग का विरोध करने वालों को हराने की बात करते रहे थे। विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) सिर्फ 46 सीट ही जीत सका। एमवीए में कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उबाठा) शामिल हैं। भाजपा को 132 सीट मिलीं, शिवसेना को 57, जबकि राकांपा को 41 सीट मिलीं। एमवीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 और कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीट पर जीत दर्ज की।

विधानसभा चुनाव के लिए Kejriwal ने जारी की पहली लिस्ट, भाजपा और कांग्रेस की है सूची पर खास नजर

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी और कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाते हुए केजरीवाल ने जिन 11 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। इस लिस्ट पर बीजेपी और कांग्रेस की भी नजर बनी हुई है। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करके केजरीवाल ने इस बात का भी ऐलान कर दिया है कि उन्हें दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं है और वो अकेले ही इस चुनावी समर में उतरने को तैयार हैं। केजरीवाल का दूसरा मैसेज बीजेपी के लिए है कि भले ही बीजेपी खुद को चुनाव जीतने की मशीन बताती हो, लेकिन बात दिल्ली की आएगी तो पहली चाल केजरीवाल की ही होगी।
आप की इस लिस्ट में 11 उम्मीदवारों की है तो उम्मीदवारों में से 6 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो इतिहास में या तो बीजेपी का हिस्सा रहे हैं या फिर कांग्रेस के सदस्य रहे हैं। इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही ध्यान रखा है और दोनों ही पार्टियों का हिस्सा रह चुके तीन-तीन नेताओं को चुनाव में झाड़ू थमा दी है।
पूर्व बीजेपी नेता को केजरीवाल ने बनाया प्रत्याशी
भाजपा का साथ छोड़कर केजरीवाल के झाडू के साथ आए ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा अब आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हैं। ब्रह्म सिंह तंवर दक्षिण दिल्ली और दिल्ली देहात में बीजेपी का बड़ा चेहरा थे, जो तीन बार विधायक रहे थे। लेकिन केजरीवाल के साथ आने के बाद वो छतरपुर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके बीबी त्यागी को आप ने लक्ष्मीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो बीजेपी में रहते हुए लक्ष्मीनगर से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। अनिल झा बीजेपी के टिकट पर किराड़ी से दो बार के विधायक रहे हैं। इस बार उनकी सीट तो वही पुरानी है लेकिन पार्टी अब आम आदमी पार्टी है। 
कांग्रेस के नेता भी आप के अपने हुए
कांग्रेस के भी तीन कद्दावर नेता अब आम आदमी पार्टी का हिस्सा हैं, जिन्हें अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। इनमें पहला नाम है जुबैर चौधरी का, जो सीलमपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता मतीन चौधरी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं, जिन्होंने सीलमपुर से ही पांच-पांच बार विधानसभा का चुनाव जीता था। कांग्रेस के ही नेता रहे चुके सुमेश शौकीन दिल्ली देहात से दो बार के विधायक थे और अब वो झाड़ू के निशान पर मटियाला से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता रहे हैं वीर सिंह धींगान, जो सीमापुरी से तीन बार विधायक रहे हैं. और अब वो आप में शामिल होकर फिर से सीमापुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। बाकी तो अरविंद केजरीवाल ने 2020 में चुनाव हार चुके दीपक सिंगला को विश्नास नगर से, सरिता सिंह को रोहतास नगर से और राम सिंह नेताजी को बदरपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। घोंडा सीट से गौरव शर्मा और करावल नगर से मनोज त्यागी आप के उम्मीदवार हैं।

दिल्ली चुनाव के लिए AAP ने जिताऊ उम्मीदवारों को बनाया प्रत्याशी, समझिए आखिर कौन हैं प्रमुख यह नेता

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पीएसी की बैठक में दिल्ली विधानसभा 2025 चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के बाद 11 नामों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में छह नाम ऐसे हैं जो बीते 25 दिन के अंदर ही कांग्रेस या भाजपा से आप में आए हैं। पार्टी ने 2020 में हारे तीन उम्मीदवारों पर भी फिर से भरोसा जताया है। आइये जानते हैं उन 11 चेहरों के बारे में जिन्हें आप ने अपनी पहली सूची में जगह दी है। उम्मीदवार हैं जो 3 से 25 दिन पहले पार्टी में आए हैं और अब उन्हें आप ने टिकट दे दिया है।
छह सीटों पर तय हुए उम्मीदवार
आप को जिन आठ सीटों पर 2020 में हार मिली थी, उनमें रोहिणी, बदरपुर, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, गांधी नगर, रोहतास नगर, घोंडा और करावल नगर शामिल हैं। इनमें से पार्टी ने छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। सिर्फ दो सीटों रोहिणी और गांधी नगर सीट पर उम्मीदवारों का एलान नहीं हुआ है। वहीं, लक्ष्मी नगर, रोहतास नगर, विश्वास नगर, बदरपुर, घोंडा और करावल नगर पार्टी ने प्रत्याशी तय कर दिए हैं। इनमें से तीन सीटों पर 2020 में आप के हारे उम्मीदवारों राम सिंह, सरिता सिंह और दीपक सिंगला को दोबारा मौका दिया है।
1. ब्रह्म सिंह तंवर: छतरपुर से आम आदमी पार्टी ने ब्रह्म सिंह तंवर को उम्मीदवार बनाया है। 2020 और 2015 के विधानसभा चुनाव में तंवर छतरपुर से भाजपा उम्मीदवार थे। दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पिछले चुनाव में उन्हें आप उम्मीदवार करतार सिंह तंवर ने  3,720 वोट से हरा दिया था। तीन बार के पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर बीते 31 अक्तूबर को ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। यानी, पार्टी में आने की तीन हफ्ते बाद उन्हें उम्मीदवार बना दिया गया है। ब्रह्म सिंह तंवर 2013 में छतरपुर सीट से भाजपा के टिकट पर तीसरी बार विधायक बने थे। इससे पहले 1993 और 1998 के विधानसभा चुनाव में उन्हें महरौली सीट से जीत मिली थी। ब्रह्म सिंह तंवर दोनों बार भाजपा के टिकट पर जीते थे। जबकि, 2003 में उन्हें महरौली सीट पर और 2008 में छतरपुर सीट पर उन्हें कांग्रेस के बलराम तंवर से हार मिली थी।
2.अनिल झा: दिल्ली पश्चिम जिले की किराड़ी सीट से पूर्व भाजपा विधायक अनिल झा को आप का उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्वांचली नेता अनिल झा 2020 में किराड़ी सीट पर 5,654  वोट से हार गए थे। उन्हें आप के ऋतुराज गोविंद ने हराया था। अनिल झा ने बीते रविवार यानी 17 नवंबर को ही आप का दामना थामा है। दो बार के भाजपा विधायक अनिल झा 2008 और 2013 में किराड़ी सीट से जीतने में सफल रहे थे। 2020 की तरह ही 2015 में भी उन्हें आप के ऋतुराज गोविंद ने हराया था।
3. बीबी त्यागी: आम आदमी पार्टी ने बीबी त्यागी को लक्ष्मीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को इस सीट पर हार का माना करना पड़ा था। ब्रह्म सिंह तंवर और अनिल झा की तरह त्यागी को भी आम आदमी पार्टी में आए अभी एक महीने भी नहीं हुए हैं। त्यागी ने चार नवंबर को ही आप की सदस्यता ली है। त्यागी दो बार भाजपा के टिकट पर पार्षद रह चुके हैं।
4.  जुबैर चौधरी: आप ने सीलमपुर सीट से अब्दुल रहमान का टिकट कट गया है। रहमान ने बीते 29 अक्तूबर को ही आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि उन्होंने विचारों में बढ़ते फासले को देखते हुए, यह निर्णय लिया है। तब से ही उनका टिकट कटने की अटकलें थीं। यहां से पार्टी ने जुबैर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। जुबैर अहमद चौधरी पांच बार के कांग्रेस विधायक मतीन अहमद के बेटे हैं। जुबैर बीते 29 अक्तूबर को ही अपनी पार्षद पत्नी शगुफ्ता के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। जुबैर के पिता और सीलमपुर से पांच बार विधायक रहे मतीन अहमद ने भी 10 नवंबर को आप की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। चौधरी मतीन अहम 1993 से 2013 तक यहां से विधायक रहे हैं।
5. वीर सिंह धींगान: सीमापुरी सीट से वीर सिंह धींगान को पार्टी ने टिकट दिया है। तीन बार के विधायक रहे वीर सिंह धींगान ने बीते 15 नवंबर को ही कांग्रेस पार्टी छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थामा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में सीमापुरी सीट से आप के राजेंद्र पाल गौतम ने जीत दर्ज की थी। गौतम ने बीते सितंबर में ही पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उसके बाद से पार्टी यहां से किसी बड़े चेहरे की तलाश में थी। धींगान 1998, 2003 और 2008 में सीमापुरी सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। धींगान 2013 में दूसरे तो 2015 और 2020 में तीसरे स्थान पर रहे थे। 2020 में उन्हें महज 7,661 वोट पा सके थे और उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी।
6. सोमेश शौकीन: मटियाला सीट पर पार्टी ने सोमेश शौकीन को उतारा है। सोमेश शौकीन ने बीते 18 नवंबर को ही कांग्रेस छोड़कर आप का दामन थामा है। 2013, 2015 और 2020 में सोमेश शौकीन मटियाला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार थे। तीनों बार उन्हें तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा था। जबकि, 2008 में शौकीन मटियाला से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। यहां से 2020 में आप के गुलाब सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। मटियाला सीट से लगातार दो बार जीते गुलाब सिंह यादव के ठिकानों पर बीते मार्च में ईडी की रेड पड़ी थी।
7. सरिता सिंह: आप ने सरिता सिंह को एक बार फिर रोहतास नगर से उतारा है। 2020 में सरिता को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में सरिता को भाजपा के जितेंद्र महाजन के मात दी थी। 2015 में भी रोहतास नगर सीट पर मुकाबला सरिता सिंह और जितेंद्र महाजन के बीच ही हुआ था। उस चुनाव में सरिता ने जितेंद्र महाजन को 7,874 वोट से पटखनी दी थी।
8. दीपक सिंगला: विश्वास नगर सीट पर आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर दीपक सिंगला को टिकट दिया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में गई थी। तब भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा ने आम आदमी पार्टी के दीपक सिंगला को  16,457 वोट से मात दी थी। 2020 में हारने के बाद भी पार्टी ने एक बार फिर सिंगला पर ही भरोसा जताया है।
9. राम सिंह: 2020 के विधानसभा चुनाव में आप को जिन आठ सीटों पर हार मिली थी, उनमें बदरपुर सीट भी शामिल थी। इस सीट पर पार्टी ने एक बार फिर राम सिंह नेताजी को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में राम सिंह को भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी ने 3,719 वोट से हराया था। बिधूड़ी दक्षिण दिल्ली से सांसद हैं। जहां तक राम सिंह नेताजी की बात है तो वो मूलत: कांग्रेस नेता रहे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले जनवरी 2020 में उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था।
10. गौरव शर्मा: घोंडा सीट भी उन आठ सीटों में शामिल हैं जहां 2020 में आप को हार मिली थी। यहां से पार्टी ने गौरव शर्मा को टिकट दिया है। गौरव आप के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हैं। गौरव की पत्नी ब्रह्मपुरी वार्ड से पार्षद हैं।
11. मनोज त्यागी: करावल नगर सीट पर भी 2020 में आम आदमी पार्टी हारी थी। यहां से पार्टी ने मनोज त्यागी को उम्मीदवार बनाया है। 2020 में यहां से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने आप के दुर्गेश पाठक को मात दी थी। इस पार्टी ने पाठक की जगह मनोज त्यागी को टिकट दिया है।

Delhi के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुआ Odisha Parv Samaroh 2024, पीएम मोदी ने की शिरकत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘ओडिशा पर्व समारोह 2024’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने ओडिशा की हस्तशिल्प प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ‘ओडिशा पर्व’ की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस साल ‘स्वभाव कवि’ गंगाधर मेहर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।’
पीएम ने कहा, ‘अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी श्री​मति द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण के लिए हजारों करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू हुई हैं। ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा में ही नहीं, पूरे देश के आदिवासियों का हित कर रही हैं।’
 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशा वासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा के कामों में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले केंद्र सरकार, ओडिशा को जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को उससे तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।’
मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ओडिशा में Ease Of Doing Business को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष, उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही पहले 100 दिनों के भीतर ही 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विजन भी है और रोड मैप भी है।’
 

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पीएम मोदी ने कहा, ‘आज के आधुनिक युग में आधुनिक बदलावों को हमें आत्मसात भी करना है और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व इसका एक माध्यम बन सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज ओडिशा के साथ देश में भी ऐसी सरकार है, जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। पिछले साल भारत में आयोजित हुए G20 सम्मेलन के दौरान हमने इतने सारे राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने सूर्य मंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था।’

विधानसभा चुनाव की मजबूत तैयारी में जुटे Kejriwal, ‘रेवड़ी पर चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत की

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राजधानी दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को ‘रेवड़ी पर चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने 6 रेवड़ियों का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और जनता को बीजेपी को वोट देने के नुकसान बताए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को हमने छह मुफ्त की ‘रेवड़ी’ दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंचों से और कई बार ये बोल चुके हैं कि केजरीवाल दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ी बांट रहे हैं। ये बंद होनी चाहिए। दिल्ली की जनता हमें बताए कि ये मुफ्त की रेवड़ी चाहिए या फिर नहीं चाहिए?
भाजपा बंद कर देगी सुविधाएँ
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल कहा कि भाजपा यहां पर आई तो ये छह सुविधा बंद कर देगी। देश के 20 राज्यों में भाजपा की सरकार है। इन 20 राज्यों में से एक भी राज्य में दिल्ली में जो हम रेवड़ी दे रहे हैं, उनमें से एक भी नहीं है। जब इन राज्यों में नहीं है तो फिर दिल्ली में भी नहीं देंगे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने छह रेवड़िया गिनाईं। उन्होंने कहा कि पहला है दिल्ली में मुफ्त बिजली और वो भी 24 घंटे बिना पावर कट के। इससे पहले जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, उन दिनों 8 से 10 घंटे पावर कट रोज लगते थे। हमारी सरकार बनने के बाद यहां पर 24 घंटे बिजली दी है। दिल्ली में अब पावर कट नहीं लगते हैं। इनकी बीस राज्यों में सरकार है, लेकिन, एक भी राज्य में 24 घंटे बिजली नहीं दे पाए।
आप देती है 24 घंटे बिजली
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में 30 साल से इनकी सरकार है। 30 साल में भी वहां 24 घंटे बिजली नहीं दे पाए है। हमें 24 घंटे बिजली देनी आती है। अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी को वोट नहीं दिया और भाजपा को वोट दिया तो दिल्ली के अंदर भी 8 से 10 घंटे के पावर कट लगने चालू हो जाएंगे। कमल का बटन दबाने से पहले सोच लें कि आप लंबे-लंबे पावर कट के लिए बटन दबा रहे हो, नहीं तो झाड़ू का बटन दबा देना। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में फोन करके देख लो कितने घंटे के पावर कट लगते हैं। हमारी सरकार ने दिल्ली में 24 घंटे बिजली कर दी। दिल्ली और पंजाब देश के दो राज्य ऐसे हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और फ्री बिजली दी है।
दिल्ली सरकार ने दिया मुफ्त पानी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दूसरी रेवड़ी है मुफ्त पानी। दिल्ली में हम सभी परिवार को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देते हैं। इनके (भाजपा) 20 राज्यों में किसी के अंदर पानी मुफ्त नहीं है। जब मैं जेल गया था, उन्होंने पीछे से कई लोगों के हजार रुपये के गलत पानी के बिल भेज दिए। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनी तो हम आपके सारे गलत बिल माफ कर देंगे और फिर से जीरो बिल आने लग जाएंगे।
मोहल्ला क्लीनिक और अच्छी शिक्षा
उन्होंने कहा कि तीसरी रेवड़ी है मुफ्त शिक्षा, अच्छी और शानदार फ्री शिक्षा। दिल्ली के अंदर हमने अच्छे और शानदार स्कूलें बनाई. आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों से बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर बन रहे हैं। अगर आपने इनको वोट दिया तो फिर इनका भविष्य खराब हो जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि चौथा मोहल्ला क्लीनिक है। आज दिल्ली के अंदर शानदार मोहल्ला क्लीनिक, सरकारी अस्पताल बन गए, जहां पर इलाज और दवाइयां मुफ्त मिलती हैं।