Friday, December 26, 2025
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America छोड़िए…अडानी को एक और बड़ा झटका, इस देश ने 6000 करोड़ की डील कर दी कैंसिल

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अमेरिका में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट विवाद के बाद ईस्ट अफ्रीकन देश कीनिया ने अडानी ग्रुप को बड़ा झटका दिया है। कीनिया ने अडानी ग्रुप के साथ एक बड़ी एनर्जी डील की थी। जिसे अब कैंसिल कर दिया गया है। दरअसल, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन ने इसी साल अक्टूबर में कीनिया इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन कंपनी के साथ एक डील साइन की थी। एक समझौता किया था। ये समझौता तीस साल के लिए हुआ था। आपको बता दें कि अडानी ग्रुप पर हाल ही में अमेरिका में घूसखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। माना जा रहा है कि इन आरोपों के बाद कीनिया सरकार ने ये कदम उठाया है। पहले अमेरिका में कोर्ट में ये मामला गया। ये आरोप लगे कि उन्होंने यहां पर कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए रिश्वत दी है। जिसके बाद अब केनिया सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ 6 हजार करोड़ की पावर ट्रांसमिशन डील को रद्द कर दिया। इस प्रोजेक्ट के तहत अडानी ग्रुप कीनिया में पावर ट्रांसमिशन लाइंस का निर्माण करने वाली थी। 

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केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि उन्होंने संबंधित एजेंसियों को नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेकेआईए) और अडानी समूह के साथ एक राज्य के स्वामित्व वाली बिजली सेवा से संबंधित चल रही खरीद प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्र के नाम संबोधन में रुतो ने कहा कि यह निर्णय हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा प्रदान की गई नई जानकारी के आधार पर लिया गया है। हालांकि, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया। भ्रष्टाचार पर निर्विवाद सबूत या विश्वसनीय जानकारी मिलने पर मैं निर्णायक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करूंगा। अडानी समूह एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में था, जो नैरोबी में केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण करने वाला था। इसके अंतर्गत एक अतिरिक्त रनवे और टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा, जिसके बदले में समूह 30 वर्षों तक हवाई अड्डे को चलाया जाना था।  

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गौरतलब है कि अमेरिका के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन यानी एसईसी ने 20 नवंबर को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी समेत अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेज के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म अश्योर ग्लोबल पावर लिमिटेड के कार्याकारी सिरोल कोपनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूअल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर्य ऊर्जा संयंत्र परियोदना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। 

Delhi Election 2025: AAP का ‘रेवड़ी पर चर्चा’ कैंपेन लॉन्च, केजरीवाल बोले- बीजेपी आ गई तो भरने पड़ेंगे बिजली-पानी के बिल

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दिल्ली चुनावों से पहले सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को अपना ‘रेवड़ी पार चर्चा’ अभियान शुरू किया। अभियान के तहत आप ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को मुफ्त बिजली और पानी सहित छह गारंटी का वादा किया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, अगर बीजेपी सत्ता में आई तो उनकी पार्टी की ओर से दिल्ली के लोगों को दी जाने वाली छह रेवड़ियां बंद कर दी जाएंगी। केजरीवाल ने लॉन्च के दौरान घोषणा की कि आप दिल्ली चुनाव से पहले 65,000 ‘रेवड़ी पर चर्चा’ बैठकें आयोजित करेगी, लोगों से पूछेगी कि क्या उन्हें मुफ्त सुविधाओं की जरूरत है।
 

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केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने राज्यों में लोगों को मुप्त की रेवड़ी नहीं देती है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हमने मुप्त की रेवड़ी दी है। बीजेपी बोलती है की मुफ्त की रेवडी बंद करेगें। उन्होंने बार बार कहा कि अब अगर बीजेपी दिल्ली में आ जाती है तो वह जनता को मिलने वाली यह 6 रेवड़ियां बंद कर देगी और दिल्ली फिर से पुराने दौर में चली जाएगी। 
 

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सरकार में आकर आम लोगों के इज्जत से जीने के लिए काम किया। लोगों की बिजली, पानी, साफ़-सफ़ाई, पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए काम किया। अब दिल्ली में तमाम जन हितैषी कामों को जारी रखने के लिए फिर से जनता के बीच में जाना है। 

मुफ़्त की 6 रेवड़ियों की रक्षा

1. 24 घंटे मुफ़्त बिजली 
2. मुफ़्त पानी 
3. अच्छी और शानदार मुफ़्त शिक्षा 
4. शानदार मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी अस्पताल
5. महिलाओं को मुफ़्त बस यात्रा
6. बुजुर्गों को मुफ़्त तीर्थ यात्रा

Adani Controversy में आरोपों के घेरे में आंध्र प्रदेश की पूर्व सरकार, YSR कांग्रेस ने इसे बताया बेबुनियाद

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अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अडानी समूह पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस रेड्डी को रिश्वत देने का आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद जगन मोहन रेड्डी सहित अन्य लोगों से 200 मिलियन डॉलर (₹1,750 करोड़) की धोखाधड़ी के आरोपों को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने खारिज कर दिया है। एसईसी अभियोग में अडानी पर वाईएसआर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली आंध्र प्रदेश सरकार के साथ 7 गीगावाट सौर ऊर्जा सौदा हासिल करने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। पार्टी ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया है और दोहराया है कि इस सौदे से राज्य को लाभ होगा। इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और अडानी समूह की किसी कंपनी के बीच कोई सीधा समझौता नहीं हुआ है।

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एक बयान में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सात हजार मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद एक दिसंबर 2021 को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) और एपी डिस्कॉम (आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों) के बीच बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य लोगों पर अमेरिकी न्याय विभाग ने महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। 

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अमेरिकी ‘अटॉर्नी’ कार्यालय के अनुसार, 2021 और 2022 में गौतम अडानी ने सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें एसईसीआई के साथ बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रिश्वत की पेशकश की। उक्त अवधि अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। पार्टी ने कहा कि यह उल्लेख करना आवश्यक है कि एसईसीआई भारत सरकार का उद्यम है। आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां और अदाणी समूह से संबंधित किसी भी अन्य इकाई के बीच कोई सीधा समझौता नहीं हुआ था। इसलिए, अभियोग के मद्देनजर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।

 

आंध्र प्रदेश में अमेजन के Employee को शादी समारोह में पड़ा Heart Attack, हो गई मौत

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आंध्र प्रदेश के कुरनूल में एक शादी समारोह के आयोजन के दौरान कुछ ऐसा हो गया कि इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। शादी के दौरान जहां लोग आमतौर पर दुल्हा दुल्हन को गिफ्ट देते हैं। ऐसा ही कुछ इस शादी में भी हो रहा था। मगर इसी बीच कुछ ऐसा हुआ जो किसी ने नहीं सोचा था।
 
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कुरनूल में एक शादी समारोह में दूल्हा दुल्हन से मिलने आए कुछ लोगों में से एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आया। इसी दौरान वो व्यक्ति बेहोश हो गया। घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि वामसी नामक व्यक्ति मंच पर खड़े कपल को गिफ्ट दे रहा था। युवक के साथ उसके दोस्त भी थे।
 
इसी दौरान उसका अचानक उसका संतुलन बिगड़ने लगा। बेंगलुरु में अमेज़न के साथ काम करने वाला एक युवक वामसी अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए कुरनूल के पेनुमादा गांव गया था। जब दूल्हे ने उपहार को खोलना शुरू किया, तो वामसी बाईं ओर झुक गया। उसके पास मौजूद लोगों ने उसे गिरने से बचा लिया।
 
इसके बाद वामसी को डोन सिटी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने हृदयाघात के कारण उसकी मौत की पुष्टि की। दरअसल, चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, जिम और अन्य अप्रत्याशित स्थानों पर हृदयाघात के कारण युवाओं की मौत के मामले बढ़ गए हैं। मुंबई सेंट्रल स्थित वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि गुप्ता ने युवाओं में दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं के लिए मधुमेह, गतिहीन जीवन शैली, वायु प्रदूषण, तनाव, भारी व्यायाम और स्टेरॉयड को प्रमुख कारण बताया। हाल ही में तमिलनाडु के सुंदरपुर में पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल में पढ़ाते समय 49 वर्षीय एक शिक्षक की हृदयाघात से मृत्यु हो गई।

OTET Result 2024: ओडिशा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट का रिजल्ट जारी, ऐसे देख सकते हैं अपना परिणाम

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, ओडिशा ने 22 नवंबर, 2024 को ओटीईटी परिणाम 2024 घोषित कर दिया है। जो उम्मीदवार ओडिशा शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए उपस्थित हुए हैं, वे बीएसई ओडिशा की आधिकारिक वेबसाइट bseodish.ac.in के माध्यम से परिणाम देख सकते हैं। नतीजों के साथ ओएमआर शीट, ओडिशा टीईटी का डिजीटल सर्टिफिकेट, ओटीईटी की स्कोरिंग कुंजी भी जारी की गई है। ये सभी विवरण बीएसई ओडिशा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
 

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ओटीईटी परीक्षा 12 अगस्त, 2024 को आयोजित की गई थी। परीक्षा में दो पेपर शामिल थे: पेपर I में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I, भाषा II और गणित पर प्रश्न थे, और पेपर II में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 पर प्रश्न थे। अनंतिम उत्तर कुंजी 19 सितंबर को जारी की गई थी और आपत्ति विंडो 28 सितंबर, 2024 को बंद कर दी गई थी।
 

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ओटीईटी परिणाम 2024: कैसे जांचें

जो उम्मीदवार लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित हुए हैं, वे नीचे दिए गए चरणों का पालन करके परिणाम देख सकते हैं।
– बीएसई ओडिशा की आधिकारिक वेबसाइट bseodish.ac.in पर जाएं।
– होम पेज पर उपलब्ध ओटीईटी रिजल्ट 2024 लिंक पर क्लिक करें।
– एक नया पेज खुलेगा जहां उम्मीदवारों को लॉगिन विवरण दर्ज करना होगा।
– सबमिट पर क्लिक करें और आपका परिणाम प्रदर्शित होगा।
– परिणाम जांचें और पेज डाउनलोड करें।
– आगे की आवश्यकता के लिए इसकी एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें।

Waqf: कर्नाटक सरकार के खिलाफ BJP का विरोध प्रदर्शन, शोभा करंदलाजे बोलीं- हमारी जमीन हड़पने की साजिश

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वक्फ बोर्ड को लेकर कर्नाटक में सियासत जारी है। विपक्षी भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया और राज्य भर में वक्फ बोर्ड पर अतिक्रमण का आरोप लगाया। बीजेपी नेता डॉ सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि हम कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोगों की शिकायतों और भावनाओं को व्यक्त करते रहे हैं। वक्फ बोर्ड किसानों की सारी जमीन छीनने की कोशिश कर रहा है। इसलिए हम यहां मुख्यमंत्री को संदेश देने और यह सुनिश्चित करने के लिए आए हैं कि किसानों की जमीन वक्फ बोर्ड से सुरक्षित रहे। 
 

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अश्वथ नारायण ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हम तार्किक अंत तक नहीं पहुंच जाते और लोगों को न्याय नहीं मिल जाता। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि आज हम वक्फ के खिलाफ कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि वक्फ एक भारत विरोधी कानून है। वक्फ एक ‘भूमि जिहादी’ है, यह भूमि आतंकवाद है। यह हमारी जमीन हड़पने की साजिश है। हम इसके खिलाफ लड़ते रहेंगे। 
 

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विरोध प्रदर्शनों को विजयपुरा और अन्य क्षेत्रों के किसानों के आरोपों से हवा मिली, जिसमें दावा किया गया था कि उनकी भूमि को गलत तरीके से वक्फ संपत्तियों के रूप में नामित किया गया था। मठों सहित धार्मिक संस्थानों ने भी इसी तरह की चिंताएँ व्यक्त कीं। बढ़ते तनाव के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को किसानों को जारी किए गए नोटिस रद्द करने और उचित सूचना के बिना भूमि रिकॉर्ड में किए गए अनधिकृत संशोधनों को रद्द करने का निर्देश दिया।

संभल में जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? जुमे की नमाज से पहले चप्पे-चप्पे पर पुलिस, सपा सांसद ने उठाए सवाल

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जुमे की नमाज से पहले संभल में शाही जामा मस्जिद के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जो 19 नवंबर को एक सर्वेक्षण के बाद से सुर्खियों में है। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद को मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में एक सर्वेक्षण किया गया था। गुरुवार को संभल शहर एक किले में तब्दील हो गया और शहर के केंद्र में स्थित मस्जिद तक पहुंचने वाले तीन संपर्क मार्गों में से दो को सील कर दिया गया।
 

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एक स्थानीय मंदिर के पुजारी ने मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग करते हुए मंगलवार दोपहर 1.30 बजे एक स्थानीय अदालत में एक आवेदन दायर किया था। चंदौसी में कालका देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि ने अपने आवेदन में दावा किया कि मस्जिद के स्थान पर पहले एक मंदिर मौजूद था और आरोप लगाया कि मुस्लिम शासकों ने 1526 में शाही जामा मस्जिद बनाने के लिए इसे ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद से विवाद बढ़ गया। वादी का यह भी तर्क है कि यह स्थल प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के संरक्षण में आता है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन के अनुसार, एएसआई की निष्क्रियता ने मंदिर के रूप में इस स्थल के मूल उद्देश्य को अस्पष्ट कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान ने कहा कि जामा मस्जिद पिछले सैकड़ों वर्षों से हमारी है। मैं यहां नमाज पढ़ने आया था और मैंने देखा कि पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि संभल में सभी समुदाय मिलजुल कर रहते आये हैं। लेकिन याचिका दायर करने वाले कुछ शरारती तत्व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश को चुनौती देना मेरा अधिकार है। इतनी जल्दबाजी में सर्वेक्षण करने की क्या जल्दी थी?
 

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बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में है, किन्तु इस प्रकार से सदभाव व माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए।

एक पेड़ मां के नाम…PM मोदी ने जॉर्जटाउन में किया पौधारोपण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल बुधवार को वैश्विक हो गई। पीएम मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने जॉर्जटाउन में एक पौधा लगाया, जो पर्यावरण चेतना अभियान को वैश्विक रूप से अपनाने का प्रतीक है, जिसमें इस साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर लॉन्च होने के बाद से देश भर में बड़े पैमाने पर भागीदारी देखी गई थी। इस पहल ने लोगों को अपनी माताओं को श्रद्धांजलि के रूप में एक पौधा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें पर्यावरण देखभाल के विषयों को मातृ प्रेम के सार्वभौमिक बंधन के साथ जोड़ा गया।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अधिनियम केवल पर्यावरणवाद के बारे में नहीं था, बल्कि प्रकृति और मातृत्व के सम्मान के साझा मूल्यों के माध्यम से राष्ट्रों के बीच संबंध को बढ़ावा देने के बारे में भी था। बाद में एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि स्थिरता के लिए एक साझा प्रतिबद्धता! एक बहुत ही विशेष संकेत में, गुयाना के राष्ट्रपति और मेरे दोस्त, डॉ. इरफान अली ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ में हिस्सा लिया। अपनी दादी और सास के साथ एक पौधा लगाया। 

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राष्ट्रपति अली ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें उनके प्रभावशाली नेतृत्व और विकासशील विश्व में योगदान देने वाला अग्रणी नेता बताया। मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान अली ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपका यहां आना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है। आप नेताओं में अग्रणी हैं। आपने अविश्वसनीय रूप से नेतृत्व किया है।’’ उन्होंने मोदी की शासन शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुयाना और अन्य देशों के लिए यह काफी मायने रखता है।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने नेतन्याहू और हमास अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

हेग । अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री और हमास के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसमें उन पर गाजा में युद्ध और अक्टूबर 2023 के हमलों को लेकर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है। अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हमले के बाद फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल का हमला शुरू हुआ। संघर्ष में हमास के कई अधिकारी मारे गए हैं।
आईसीसी के इस निर्णय से नेतन्याहू और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित संदिग्ध बन गए हैं तथा इससे उनके अलग-थलग पड़ने एवं 13 महीने से जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम पर बातचीत करने के प्रयासों में जटिलता आने की आशंका है। हालांकि, इसके व्यावहारिक प्रभाव सीमित हो सकते हैं क्योंकि इजराइल और उसका प्रमुख सहयोगी अमेरिका, आईसीसी के सदस्य नहीं हैं। नेतन्याहू और अन्य इजराइली नेताओं ने आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान के वारंट के अनुरोध की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक और यहूदी विरोधी बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अभियोजक की निंदा की और हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने के इजराइल के अधिकार का समर्थन किया।

Trump ने जिसे बनाया था अटॉर्नी जनरल उसने नहीं स्वीकारा पद, जानें अब किसे मिली जिम्मेदारी?

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के पूर्व अटॉर्नी जनरल और वफादार पाम बॉन्डी को अमेरिका के अटॉर्नी जनरल के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया। नया नामांकन पूर्व कांग्रेसी मैट गेट्ज़ द्वारा नामांकन प्रक्रिया से हटने के खुलासा किए जाने के तुरंत बाद किया गया। गेट्ज़ 17 साल की कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाने और अवैध नशीली दवाओं के उपयोग के आरोपों की हाउस एथिक्स कमेटी की जांच का सामना कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने गलत काम करने से इनकार किया है।

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पाम बॉन्डी पर ट्रम्प ने क्या कहा
ट्रंप ने एक बयान में कहा कि मुझे ग्रेट स्टेट ऑफ फ्लोरिडा के पूर्व अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को संयुक्त राज्य अमेरिका के हमारे अगले अटॉर्नी जनरल के रूप में घोषित करते हुए गर्व हो रहा है। उन्होंने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में कार्य किया, इस दौरान वह “हिंसक अपराधियों पर बहुत सख्त थीं, और फ्लोरिडा के परिवारों के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि न्याय विभाग को उनके और रिपब्लिकन पार्टी के अन्य सदस्यों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि यह सब अब और नहीं।

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गेट्ज ने क्यों नामांकन लिया वापस
अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए अटॉर्नी जनरल नामित किये गए मैट गेट्ज ने अपना नाम वापस ले लिया था। पूर्व सासंद गेट्ज ने वेश्यावृत्ति से संबंधित मानव तस्करी के आरोपों की जांच के जारी रहने के कारण, देश के नये प्रमुख संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में अपने नाम को मंजूरी नहीं मिल पाने की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया। एक दिन पहले, गेट्ज ने इस पद के लिए अपने नाम के अनुमोदन के वास्ते समर्थन जुटाने के प्रयास के तहत सीनेट सदस्यों के साथ बैठक की थी। गेट्ज ने कहा कि वाशिंगटन में अनावश्यक रूप से लंबे समय तक चलने वालीबहस पर समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है, इसलिए मैं अटॉर्नी जनरल के पद से अपना नाम वापस लेता हूं।