Thursday, December 25, 2025
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भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत संचालित अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

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इस समझौते का उद्देश्य भारत में मधुमेह देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाना तथा मधुमेह के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना है। इससे मधुमेह रोगियों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इस समझौते के तहत एनएबीएच और आरएसएसडीआई मधुमेह प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम नैदानिक ​​दिशा-निर्देश विकसित करने तथा स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

भारत में मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, देश में 250 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए NABH और RSSDI के बीच हुए समझौते का उद्देश्य इस बीमारी का प्रबंधन प्रभावी तरीके से करना है। मधुमेह के बेहतर उपचार और देखभाल के लिए क्लीनिकल और डिजिटल स्वास्थ्य मानकों का पालन किया जाएगा, ताकि रोगियों को बेहतरीन परिणाम मिल सकें।

डिजिटल स्वास्थ्य मानकों को लागू किया जाएगा

समझौते के तहत, NABH और RSSDI मिलकर मधुमेह रोगियों के लिए नवीनतम डिजिटल स्वास्थ्य मानकों को लागू करेंगे। इससे रोगियों और डॉक्टरों को नए तकनीकी उपकरणों और दिशा-निर्देशों का उपयोग करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, RSSDI की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए मधुमेह प्रबंधन और अनुसंधान के लिए सर्वोत्तम नैदानिक ​​दिशा-निर्देश विकसित किए जाएंगे। ये दिशा-निर्देश सुनिश्चित करेंगे कि मधुमेह के रोगियों को वैज्ञानिक और साक्ष्य-आधारित उपचार मिले।

मान्यता प्राप्त क्लीनिकों के उच्च मानक

इस समझौते के तहत एनएबीएच और आरएसएसडीआई यह सुनिश्चित करेंगे कि मान्यता प्राप्त मधुमेह क्लीनिक उच्चतम मानकों का पालन करें। इसमें मरीजों के लिए शिक्षा, शोध और दिशा-निर्देश आधारित देखभाल कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके साथ ही ये क्लीनिक आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करेंगे, ताकि मरीज अपने स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस साझेदारी से एलोपैथिक क्लीनिकों के लिए एनएबीएच मानकों को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल मिल सकेगी।

आरएसएसडीआई की भूमिका

देश में 12,000 से ज़्यादा मधुमेह देखभाल विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करने वाली RSSDI इस समझौते में अपनी अहम भूमिका निभाएगी। मंत्रालय ने कहा कि RSSDI अपने सदस्यों के बीच NABH के एलोपैथिक क्लिनिक मानकों के प्रमाणन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरे देश में मधुमेह देखभाल के मानक उच्च हों।

महिलाओं के व्यायाम पर गर्भनिरोधक गोलियों का असर? आईआईटी मद्रास के शोध के नतीजे चौंकाने वाले

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महिलाओं के लिए मौखिक गर्भ निरोधकों (बर्थ कंट्रोल पिल्स) के इस्तेमाल को लेकर एक सकारात्मक खबर सामने आई है। आईआईटी मद्रास और अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि मौखिक गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल से बड़ी मांसपेशियों की गतिविधि (जैसे साइकिल चलाना या दौड़ना) के दौरान रक्तचाप नहीं बढ़ता है।

 

अध्ययन में 20-25 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को शामिल किया गया और पाया गया कि न तो मौखिक गर्भ निरोधकों और न ही मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव का उनके व्यायाम रक्तचाप पर कोई प्रभाव पड़ा।

 

मौखिक गर्भनिरोधक और हार्मोनल प्रभाव

गर्भनिरोधक के साथ-साथ मुंहासे, मासिक धर्म के दर्द और डिम्बग्रंथि अल्सर के जोखिम को कम करने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में आराम की स्थिति में इनका उपयोग रक्तचाप बढ़ा सकता है। हालांकि, गहन व्यायाम के दौरान इसका प्रभाव अभी तक स्पष्ट नहीं था।

अध्ययन में पाया गया कि मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन एस्ट्राडियोल या मौखिक गर्भनिरोधक के उतार-चढ़ाव का महिलाओं के रक्तचाप पर कोई खास असर नहीं पड़ा। निष्कर्षों से यह भी पता चला कि व्यायाम दबाव प्रतिवर्त (जो हृदय से मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है) महिलाओं में प्रभावित नहीं हुआ।

 

भविष्य के दिशानिर्देश

आईआईटी मद्रास की डॉ. निनिथा ए.जे. इस शोध से महिलाओं को व्यायाम के दौरान रक्तचाप को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। साथ ही, मिनेसोटा विश्वविद्यालय की डॉ. मंदा केलर रॉस ने कहा कि अगला कदम यह समझना होगा कि क्या यह ईपीआर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ाता है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी-रेगुलेटरी, इंटीग्रेटिव एंड कंपेरेटिव फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।

टमाटर जैसा दिखने वाला ये फल सिर्फ दो महीने बिकता है, हाई बीपी-मोटापे से पीड़ित लोग जरूर करें सेवन

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रामफल टमाटर की तरह दिखने वाला एक फल है, जो ठंड के मौसम में खूब बिकता है। यह फल न सिर्फ स्वाद में मीठा और खुशबूदार होता है, बल्कि इसमें विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं। ऐसे में रामफल का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

वैसे तो रामफल का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके कुछ खास फायदे कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों के लिए ज्यादा जरूरी हैं। इस लेख में आप जान सकते हैं कि रामफल का फल किसे खाना चाहिए और इसके 5 मुख्य स्वास्थ्य लाभ क्या हैं-

रक्तचाप नियंत्रित करता है

रामफल में पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो बीपी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह फल खास तौर पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। पोटैशियम का सेवन रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्त प्रवाह को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है, जिससे बीपी कम होता है। नियमित रूप से रामफल खाने से दिल की सेहत भी बेहतर हो सकती है।

पाचन तंत्र में सुधार करता है

रामफल में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच या एसिडिटी की समस्या है, तो रामफल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, यह आंतों को स्वस्थ रखने और पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है

रामफल में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। यह फल शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी पोषण प्रदान करता है और सर्दी-जुकाम, खांसी जैसी आम बीमारियों से बचाता है। इसका सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत हो सकता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

वजन घटाने में मदद करता है

रामफल का सेवन वजन घटाने में भी कारगर है। इसका कारण यह है कि इसमें कम कैलोरी और अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जिससे पेट भरा हुआ लगता है और भूख नियंत्रित रहती है। यह फल मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है, जिससे फैट बर्निंग प्रक्रिया में मदद मिलती है।

 

त्वचा के लिए फायदेमंद

रामफल एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है, जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह त्वचा को निखारने, झुर्रियों को कम करने और मुंहासों से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले तत्व त्वचा के ऊतकों को पुनर्जीवित करते हैं और त्वचा को चमकदार बनाए रखते हैं। अगर किसी व्यक्ति की त्वचा थकी हुई या रूखी है, तो रामफल का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

बहुत ज़्यादा सफ़ेद पानी आने का क्या कारण है? इसे रोकने के घरेलू उपाय जानें

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ज़्यादातर महिलाएं सफ़ेद पानी या व्हाइट डिस्चार्ज से परेशान रहती हैं, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ कर देती हैं। इस समस्या को मेडिकल भाषा में ल्यूकोरिया कहते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है, जो अक्सर पीरियड्स के दौरान या प्रेग्नेंसी में बढ़ जाती है। हालांकि, आमतौर पर यह चिंता का कारण नहीं होता है, लेकिन जब यह अत्यधिक हो जाता है, तो यह परेशानी और परेशानी का कारण बन सकता है।

 

ऐसे में सफेद पानी अधिक आने का कारण और इससे बचाव के घरेलू उपाय जानना जरूरी है। इस लेख की मदद से आप यह जानकारी विस्तार से जान सकते हैं-

 

श्वेत प्रदर का कारण

– महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन अत्यधिक सफेद पानी के स्राव का मुख्य कारण हो सकता है। जब हार्मोन असंतुलित होते हैं, तो शरीर का प्राकृतिक स्राव बढ़ सकता है, जो सफेद पानी के रूप में दिखाई देता है।

– अधिक सफेद डिस्चार्ज संक्रमण के कारण भी हो सकता है। अगर इसके साथ बदबू, खुजली या जलन की समस्या हो रही है तो समस्या गंभीर हो सकती है।

 

– कई बार गर्भनिरोधक गोलियों या अन्य दवाओं के सेवन से भी सफेद पानी का स्राव बढ़ सकता है। इन दवाओं के कारण हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे यह समस्या हो सकती है।

– असंतुलित आहार, कम पानी पीना और मानसिक तनाव भी अधिक सफेद पानी का कारण बन सकता है। इससे शरीर का आंतरिक संतुलन प्रभावित होता है, जिससे योनि से अधिक स्राव हो सकता है।

– गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी सफेद पानी का स्राव बढ़ सकता है। यह स्थिति सामान्य है, लेकिन कभी-कभी संक्रमण भी हो सकता है।

 

श्वेत प्रदर के लिए घरेलू उपचार

सेब का सिरका

सेब का सिरका प्राकृतिक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार पीने से शरीर के अंदर की विषाक्तता कम होती है। यह संक्रमण को रोकने में मदद करता है।

तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। तुलसी के कुछ पत्तों को उबालकर उसका पानी पीने से शरीर के अंदर के संक्रमण को खत्म करने में मदद मिलती है।

कुल

मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर को मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे सफेद पानी का स्राव कम हो सकता है।

गरम पानी में नमक

गर्म पानी में एक चम्मच नमक डालकर योनि को धोने से संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। यह एक प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल एजेंट के रूप में काम करता है और श्वेत प्रदर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

 

प्रोबायोटिक्स का सेवन

दही जैसे प्रोबायोटिक्स शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह योनि में बैक्टीरिया के असंतुलन को रोकने में मदद करता है और सफेद पानी की समस्या को नियंत्रित करता है।

एक छोटी सी पानी की बोतल से कार आग का गोला नहीं बन सकती, क्या आप यह गलती नहीं कर रहे हैं?

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कार में आग लगने का कारण:  यह पढ़कर आपको अपनी आँखों पर यकीन नहीं होगा, लेकिन एक छोटी सी पानी की बोतल भी आपकी कार में भीषण आग का कारण बन सकती है, और यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। यह समस्या तब होती है जब प्लास्टिक की पानी की बोतल को कार के अंदर धूप में रखा जाता है। आइए समझते हैं कि ऐसा कैसे होता है:

पानी की बोतल से आग कैसे लग सकती है?

लेंस प्रभाव:

जब प्लास्टिक की पारदर्शी बोतल में पानी होता है तो वह लेंस की तरह काम करता है।

यदि सूर्य का प्रकाश बोतल से होकर गुजरता है, तो यह प्रकाश को केन्द्रित कर सकता है, जिससे गर्मी पैदा होती है।

यह गर्मी इतनी तीव्र हो सकती है कि कार की सीट, कपड़े या अन्य ज्वलनशील पदार्थ आग पकड़ सकते हैं।

बढ़ा हुआ आवरण या तापमान:

गर्मियों में कार का इंटीरियर पहले से ही बहुत गर्म हो जाता है। पानी की बोतल से निकलने वाली केंद्रित किरणें इसे और भी गर्म कर सकती हैं, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

इससे कैसे बचें:

पानी की बोतल को सीधी धूप से बचाएं:

कार में पानी की बोतल को खुले में न रखें, खासकर धूप वाली जगह पर। इसे डैशबोर्ड या सीट पर रखने से बचें। बोतल को बैग या किसी ढके हुए हिस्से में रखें।

पारदर्शी बोतलों का उपयोग कम करें:

यदि संभव हो तो स्टील या अपारदर्शी बोतलों का उपयोग करें जो लेंस प्रभाव पैदा न करें।

कार में शेड की व्यवस्था करें:

डैशबोर्ड और सीटों को धूप से बचाने के लिए सनशेड का उपयोग करें।

अपना ध्यान रखना:

कार से बाहर निकलने से पहले सीट या डैशबोर्ड पर रखी किसी भी पारदर्शी वस्तु को हटा दें।

महत्वपूर्ण चेतावनी:

ऐसी घटना दुर्लभ हो सकती है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है। इसलिए कार में कुछ भी रखने से पहले उसकी सुरक्षा के बारे में ज़रूर सोचें।

शाह के बाद PM मोदी…कनाडा ने तो हद पार कर दी, भारत ने लगाई लताड़

भारत ने कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट को बदनाम करने वाला अभियान बताते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया। कनाडाई मीडिया की तरफ से दावा किया गया था कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित साजिश की जानकारी भारतीय प्रधानमंत्री को की पहले से थी। एक अनाम अधिकारी के हवाले से आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि ऐसे हास्यास्पद बयानों को उस अवमानना ​​के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्टों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालाँकि, कनाडाई सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उस अवमानना ​​के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। 

इसे भी पढ़ें: India Canda Relations Part 6 | भारतीयों के लिए कनाडा पहली पसंद क्यों? | Teh Tak

अखबार ने रिपोर्ट में एक वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी से मिली जानकारी का हवाला दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री भी इस साजिश के बारे में जानते थे। पिछले महीने कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और कुछ अन्य राजनयिकों को हत्या के आरोपों से जोड़ने के बाद भारत-कनाडा संबंधों में खटास आ गई थी। भारत ने इस मामले में कनाडा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया और बाद में उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है। कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने कनाडा के प्रभारी राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। 

इसे भी पढ़ें: India Canda Relations Part 7 | भारत-कनाडा की तल्खी का दुनिया पर असर | Teh Tak

हालांकि, कनाडा सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर किसी अख़बार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं। वह कनाडाई अबखार द ग्लोब एंड मेल की खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। खबर में अखबार ने एक वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी का हवाला दिया है। खबर में दावा किया गया है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं विदेश मंत्री को भी इस साजिश की जानकारी थी। निज्जर की पिछले साल गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। भारत इस मामले में कनाडा द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर चुका है। 

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भारतीय टीम की हर खिलाड़ी को 10-10 लाख देगी बिहार सरकार, कोच हरेंद्र सिंह और सपोर्ट स्टाफ पर भी होगी पैसों की बारिश

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भारत ने बिहार के राजगीर में दीपिका के गोल की बदौलत चीन के खिलाफ फाइनल में 1-0 से जीत हासिल कर तीसरी बार महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती। साउथ कोरिया के साथ भारत अब इस टूर्नामेंट का सबसे ज्यादा 3 बार खिताब जीतने वाला देश है। महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारत ने 7 में से 6 मैच में क्लीन शीट हासिल की। 
बिहार सरकार ने भारतीय महिला हॉकी टीम की हर खिलाड़ी को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने का फैसला किया। फाइनल मैच के बाद जारी बयान में कहा गया कि, टीम की हर खिलाड़ी को टूर्नामेंट के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 10 लाख रुपये मिलेंगे। मुख्य कोच हरेंद्र सिंह को 10 लाख, जबकि अन्य सहयोगी स्टाफ को 5-5 लाख रुपये भी मिलेंगे। 
सीएम कार्यालय की ओऱ से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने भारतीय टीम के खेळ की सराहना की, खासतौर चीन के साथ फाइनल मैच के दौरान। ये बिहार में भारतीय महिला हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत है, जहां पहली बार इस तरह का टूर्नामेंट आयोजित किया गया। इसने हर भारतीय के दिल को गर्व से भर दिया है। टीम की सभी खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया और बहुत अनुशासित तरीके से खेला। 
सीएम ने अपने बयान में कहा कि, ये जीत सभी भारतीयों के लिए गर्व और गौरव की बात है। सभी टीम सदस्यों को मेरी हार्दिक बधाई। बाद में मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, राज्य सरकार विजेता टीम की सभी सदस्यों और मुख्य कोच को 10-10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगी। टीम के सहयोगी स्टाफ के हर सदस्यो को 5-5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। 

जीत के साथ ‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028’ का आगाज किया भारतीय महिला हॉकी टीम ने

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राजगीर (बिहार) । पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाने के गम को भुलाते हुए भारत की युवा और पहले से फिट महिला हॉकी टीम ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब बरकरार रखकर ‘मिशन 2028 लॉस एंजिलिस’ अभियान का आगाज किया। भारत की पुरूष जूनियर टीम को लखनऊ में 2016 में विश्व कप जिता चुके अनुभवी कोच हरेंद्र सिंह और इस टीम के लिये यह नयी शुरूआत है। अप्रैल में टीम के साथ फिर जुड़ने के बाद से हरेंद्र का एक ही लक्ष्य है …लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 के लिये क्वालीफाई करना। उनका मानना था कि एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर विश्व कप 2026 और ओलंपिक 2028 की तैयारियों की सही शुरूआत की जा सकती है।
चीन पर फाइनल में 1 . 0 से मिली जीत के बाद कप्तान सलीमा टेटे ने कहा ,‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि इस जीत से अधिक से अधिक लड़कियों को हॉकी खेलने की प्रेरणा मिलेगी। मुझे खुशी है कि हम अपने देश को और प्रशंसकों को इस जीत का तोहफा दे सके।’’ हरेंद्र का फोकस भारतीय टीम की फिटनेस का स्तर सुधारने पर रहा है और इस टूर्नामेंट में उसकी बानगी भी देखने को मिली कि खिलाड़ियों ने वाकई इस पर काफी मेहनत की है। सलीमा ने कहा ,‘‘ हम इस जीत का जश्न मना रहे हैं लेकिन हमारे लक्ष्य दीर्घकालिन है। हमें रोज कड़ी मेहनत करनी है और हर टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। हम भारत का परचम हर टूर्नामेंट में लहराना चाहते हैं।’’
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में सभी सात मैच जीते। सबसे अच्छी बात दोनों फ्लैंक से आपसी तालमेल रही है। रक्षापंक्ति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिर्फ दो गोल गंवाये जबकि भारत ने टूर्नामेंट में 29 गोल किये जिसमें से 15 फील्ड गोल थे। इस टूर्नामेंट से कई सितारों का जन्म हुआ जिनमें 20 वर्ष की युवा स्ट्राइकर दीपिका शामिल है। दीपिका ने 11 गोल किये जिसमें चार फील्ड गोल थे। संगीता कुमारी ने चार, प्रीति दुबे, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी ने तीन तीन गोल दागे। सत्रह वर्ष की सुनेलिता टोप्पो ने शानदार ड्रिबलिंग और फ्लैंक से दौड़ते हुए विरोधी डिफेंस को तहस नहस कर डाला।
उदिता, सुशीला चानू , ज्योति और नेहा गोयल ने दमदार प्रदर्शन किया। गोलकीपर सविता पूनिया और बिछू देवी खारीबम को ज्यादा मेहनत करनी ही नहीं पड़ी। लेकिन टीम के प्रदर्शन की एक कमजोर कड़ी पेनल्टी कॉर्नर रही। भारत को हर मैच में बेशुमार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन तब्दीली की दर बहुत कम रही। जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए लिहाजा इस पर मेहनत करनी होगी। भारतीय महिला हॉकी के नये युग का सूत्रपात 12 से 26 जनवरी तक रांची में होने वाली चार टीमों की पहली महिला हॉकी लीग के जरिये होने वाला है। उससे ठीक पहले इस खिताबी जीत से देश में खेल को अच्छा प्रचार मिला है।

स्व. पवन भदौरिया पर प्रदेशवासियों को गर्व है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल, 21 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अपनी जान की परवाह न करते हुए साहस के साथ नक्सलियों से मुकाबला करते हुए शहादत को प्राप्त स्व. पवन भदौरिया पर प्रदेशवासियों को गर्व है। शहीद परिवार के साथ शासन साथ खड़ा है। राज्य शासन शहीद परिवार की सहायता के लिए सदैव तत्पर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहीद जवान के परिजन को संबोधित कर रहे थे। दरअसल, सीआरपीएफ के शहीद जवान स्व. पवन भदौरिया के परिजन ने गुरुवार की रात भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व भवन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री ने जवान शहीद स्व. पवन कुमार भदौरिया के परिजन को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक भेंट किया।

राष्ट्रपति द्वारा वीरतापूर्ण कार्य के लिए जवान स्व. भदौरिया को मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश के भिंड जिले के निवासी शहीद स्व. पवन भदौरिया के परिजन को प्रावधान के अनुसार एक करोड़ रुपये की राशि का चेक भेंट किया। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ के जवान स्व. पवन भदौरिया छत्तीसगढ़ में ड्यूटी पर रहते हुए नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार की रात्रि शहीद स्व. भदौरिया के पिता राजकुमार भदौरिया, शहीद की पत्नी आरती भदौरिया, पुत्र अर्पण और बिटिया शिवी से चर्चा की। भदौरिया परिवार भिंड जिले की मेहगांव तहसील के ग्राम कुपावली में निवास करता है।

देश का सर्वेश्रेष्ठ फिल्म अनुकूल राज्य है मध्य प्रदेश: प्रमुख सचिव शुक्ला

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भोपाल, 21 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा गोवा में चल रहे 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आई.एफ.एफ.आई) का गोवा में सहभागित कर प्रदेश में फिल्म शूटिंग संभावनाओं का प्रचार किया। मप्र पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव और टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला व अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने फिल्म निर्माता, निर्देशक, अभिनेता व उद्योग से जुड़े हितधारकों से चर्चा कर प्रदेश में फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग हेतु आंमत्रित किया।

फिल्म महोत्सव के दौरान टूरिज्म बोर्ड द्वारा गुरुवार को एक नॉलेज सेशन आयोजित किया। ‘लाइट्स, कैमरा, सहयोग: मध्य प्रदेश में फिल्मांकन के लिए सरकार और उद्योग साझेदारी’ श्रृंखला में प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला सहित फिल्म निर्देशक अमर कौशिक, आमिर खान प्रोडक्शंस की सीईओ अपर्णा पुरोहित, अभिनेता अभिषेक बनर्जी, अभिनेता नितांशी गोयल, अभिनेता स्पर्श श्रीवास्तव और अभिनेता-निर्माता वाणी टीकू त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान प्रमुख सचिव शुक्ला ने प्रदेश में फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहित करने और राज्य को एक प्रमुख फिल्म निर्माण गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से म.प्र. फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के विभिन्न बिंदुओं से अवगत कराया।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि “मध्य प्रदेश को 2017 और 2020 के लिये दो बार फिल्म अनुकूल राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर गर्व है। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवंत वन्य जीवन और पवित्र आध्यात्मिक स्थलों से राज्य के विविध स्थान एक प्राकृतिक फिल्म सेट का रूप देते है। उन्होंने हाल ही में शूट की गई फिल्मों व वेब सीरिज (स्त्री-2, भूल भुलैया-3, लापता लेडीज, पंचायत, महारानी, गुल्लक आदि) के उदाहरण देकर राज्य की लोकप्रियता का उल्लेख किया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से फिल्म निर्माताओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता का विवरण दिया और शूटिंग की मंजूरी के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सरल और पारदर्शी प्रक्रिया की जानकारी दी।

शुक्ला ने बताया कि, प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच आसान है। उक्त क्षेत्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे बिजली, इंटरनेट, और परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध है। शूटिंग के दौरान स्थानीय प्रशासन और समुदाय का पूर्ण सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि, देश में फिल्म शूटिंग के लिए म.प्र. की पहचान “सस्ती और सुविधाजनक” गंतव्य के रूप में है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने फिल्म निर्माताओं से राज्य की लोकेशन पर फिल्म शूटिंग के लिए प्रस्ताव लाने का आग्रह किया और प्रशासन द्वारा शूटिंग में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। नॉलेज सेशन में फिल्म निर्माताओं ने मध्य प्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी की सराहना की। कई प्रोडक्शन हाउस ने राज्य में भविष्य की परियोजनाओं के लिए रुचि दिखाई।

फिल्म टूरिज्म पॉलिसी 2.0 जल्द- प्रमुख सचिव शुक्ला

सेशन में प्रमुख सचिव शुक्ला ने जानकारी दी कि, देशभर के फिल्मकारों, फिल्म उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों व हितग्राहियों से मिले सुझावों के आधार पर म.प्र. फिल्म टूरिज्म पॉलिसी में बदलाव किये जा रहे हैं। फिल्म टूरिज्म पॉलिसी 2.0 को जल्द जारी किया जाएगा। जो राज्य में फिल्म शूटिंग को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए तैयार की गई एक नवीन और समग्र नीति होगी। इसका उद्देश्य फिल्म निर्माताओं को अतिरिक्त सुविधाएं और प्रोत्साहन प्रदान करना है ताकि मध्य प्रदेश को भारत का शीर्ष फिल्म निर्माण स्थल बनाया जा सके। अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करना, राज्य के अनछुए पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देना, स्थानीय समुदाय और युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये पॉलिसी में बदलाव किये जा रहे हैं।