Tuesday, December 23, 2025
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हार्ट अटैक, कैंसर और प्रदूषण के खतरे को कम करती है शतावरी, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताए और भी फायदे

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Shatavari Ke Benefits: आयुर्वेद ने हमें ऐसे खजाने दिए हैं जो सेहत के लिए बेहतरीन माने जाते हैं। ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है शतावरी जिसकी अक्सर सलाह दी जाती है। इसमें कमाल के गुण होते हैं इसलिए यह किसी औषधि से कम नहीं है। यह अपने औषधीय गुणों से मानव शरीर में लाइपेस और एमाइलेज की गतिविधियों को बढ़ाकर पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है। इसमें मौजूद लाइपेस नामक तत्व हमारे शरीर में वसा के पाचन में मदद करता है, जबकि एमाइलेज हमारे शरीर के कार्बोहाइड्रेट के पाचन में मदद करता है

शतावरी के फायदे इसकी महत्ता को कई गुना बढ़ा देते हैं। यूपी के हरदोई में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार ने बताया कि अक्सर लोग शतावरी को आयुर्वेद तक ही सीमित रखते हैं। इसकी हरी पत्तियों का इस्तेमाल जहां रोजाना के खाने-पीने की चीजों में किया जाता है, वहीं यह लोगों के लिए सुपरफूड की तरह काम करती है।

शतावरी क्यों फायदेमंद है?

डॉ. अमित कहते हैं, “शतावरी में कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय रोगों, कैंसर और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से शरीर को बचाने में मदद करते हैं। यह शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है, क्योंकि इसमें मौजूद फोलेट मूड को बेहतर बनाता है और तनाव से निपटने की क्षमता को बढ़ाता है। शतावरी के सेवन से तनाव को काफी बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।”

गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा

महिलाओं के लिए गर्भावस्था की समस्याओं के दौरान शतावरी के फायदे गिनाते हुए डॉ. अमित कहते हैं, “आजकल कई महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, शतावरी इस समस्या को दूर करने में मददगार हो सकती है। यह हार्मोनल असंतुलन को सुधारने में मदद करती है, जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं और गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।”

इसके अलावा  शतावरी के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मौसमी संक्रमण को कम करते हैं और शरीर की रक्षा क्षमता को बेहतर बनाते हैं। शतावरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग, कैंसर और प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। यह अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है, क्योंकि इसमें विटामिन ई और फोलेट होते हैं, जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी समस्याओं से बचने में मदद करते हैं।

अंत में डॉ. अमित ने बताया कि अगर नींद न आने की समस्या है तो शतावरी इसका समाधान भी दे सकती है। यह नींद को बेहतर बनाने में मदद करती है और शरीर को तरोताजा रखती है, जिससे मन को शांति मिलती है।

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ आपको जहरीली हवा और मौसमी फ्लू से बचाएंगे, आज ही इसे अपने आहार का हिस्सा बनाएं

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कई शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में दमघोंटू हवा में सांस लेने के कारण कई बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। साथ ही सर्दी के मौसम में मौसमी फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं. ऐसे में बिगड़ते हालात में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है।

अगर आप भी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां की हवा दमघोंटू है और आप सर्दियों में खुद को वायरस से बचाना चाहते हैं तो अपने आहार में विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। विटामिन सी एक आवश्यक विटामिन है जो मुख्य रूप से खट्टे फलों में पाया जाता है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं कुछ विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जो आपको स्वस्थ रखते हैं-

नींबू

नींबू विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। एक साबुत कच्चे नींबू में 45 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जिसे आहार में शामिल करने से शरीर में इसकी कमी दूर हो जाती है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। नींबू रक्तचाप को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकता है।

कीवी

कीवी रक्त प्लेटलेट्स को रोक सकता है, संभावित रूप से रक्त के थक्कों और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। इतना ही नहीं, कीवी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में भी मदद करता है और विटामिन के, ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन प्रदान करता है।

केला

अगर आप विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों की तलाश में हैं तो केला आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित होगा। एक कप पका हुआ केला 21 मिलीग्राम विटामिन सी से भरपूर होता है। इसके अलावा यह विटामिन के और एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

अमरूद

अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन अच्छी मात्रा में होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 6 सप्ताह तक प्रतिदिन 400 ग्राम अमरूद का सेवन करने से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में काफी मदद मिली।

North Korea ने विस्फोटक ड्रोन का परीक्षण किया, किम ने बड़े पैमाने पर निर्माण का आह्वान किया

सियोल । उत्तर कोरिया ने लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने के लिए डिजाइन किए गए विस्फोटक ड्रोन का परीक्षण किया है, वहीं नेता किम जोंग उन ने इन हथियारों के बड़े पैमाने पर निर्माण में तेजी लाने का आह्वान किया है। देश ने यह परीक्षण ऐसे समय में किया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान निकटवर्ती अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में उन्नत लड़ाकू जेट विमानों और एक अमेरिकी विमानवाहक पोत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कुछ तस्वीरें प्रकाशित कीं जिनमें किम कम से कम दो अलग-अलग तरह के मानवरहित हवाई वाहनों के पास अधिकारियों से बात करते नजर आ रहे हैं।
इनमें ‘एक्स’-आकार की पूंछ और पंख वाले यान शामिल हैं जो उन ड्रोन की तरह प्रतीत होते हैं जिनका देश ने अगस्त में उस समय खुलासा किया था जब किम ने विस्फोट करने वाले ड्रोन के एक और प्रदर्शन का निरीक्षण किया था। केसीएनए ने बताया कि ड्रोन ने विभिन्न मार्गों से उड़ान भरी और लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया। इसके चित्रों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को निशाना बनाया गया।
किम ने हथियार विकसित करने की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और ‘‘जल्द से जल्द एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली बनाने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने’’ की आवश्यकता पर बल दिया। किम ने बताया कि कैसे ड्रोन आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। केसीएनए ने किम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कई सैन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर पिछले महीने उत्तर कोरिया विरोधी पर्चे गिराने के लिए अपने ड्रोन भेजने का आरोप लगाया था और धमकी दी थी कि अगर दोबारा ऐसा किया गया तो वह बलपूर्वक जवाब देगा। दक्षिण कोरिया की सेना ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है कि उत्तर कोरिया के ये दावे सही हैं या नहीं।

Bangladesh में बढ़ते चरमपंथ पर अमेरिका चिंतित: व्हाइट हाउस की पूर्व अधिकारी

वाशिंगटन । व्हाइट हाउस की एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ते चरमपंथ को लेकर अमेरिका में गंभीर चिंताएं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे अच्छी तरह से नियंत्रित किया था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पूर्व उप सहायक और 2017 से 2021 तक दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक पद पर सेवाएं दे चुकीं लीजा कर्टिस ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार के प्रयासों से बहुत उम्मीद है। लोगों को उम्मीद है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।
कर्टिस ने पीटीआई को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ लेकिन बहुत चिंता भी है। कुछ इस्लामी चरमपंथियों को जेलों से रिहा कर दिया गया है। अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों पर कुछ हमले हुए हैं।’’ कर्टिस ने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेश में आतंकवाद का इतिहास देखा है। 2016 में होली (आर्टिसन) बेकरी पर हमला हुआ था। यह बहुत गंभीर घटना थी। बांग्लादेश में आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) के कुछ आतंकवादी मौजूद थे। शेख हसीना ने बांग्लादेश में चरमपंथी समस्या को नियंत्रित करने में अच्छा काम किया।’’ 
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर चिंता है कि ये लोग राजनीतिक परिदृश्य में वापस आ जाएंगे, जो बांग्लादेश के लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे क्षेत्र, अमेरिका या किसी के लिए भी मददगार नहीं होगा। हम बांग्लादेश में एक नाजुक दौर से गुज़र रहे हैं। इसलिए भले ही यह ट्रंप की पहली प्राथमिकता न हो, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी टीम, उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को इस बात पर ध्यान देना होगा कि (वहां) क्या हो रहा है।’’ कर्टिस ने यह भी कहा कि आने वाले प्रशासन को भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए क्योंकि भारत को भी बांग्लादेश के भविष्य को लेकर चिंता है और पड़ोसी होने के नाते उस पर सबसे अधिक असर पड़ता है।

Prabhasakshi Newsroom | तबाही के मूड में Kim Jong Un, खतरनाक Drone बनाने के दिए आदेश, आखिर क्या है North Korea का प्लान?

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने आत्मघाती हमला करने वाले ड्रोन के “बड़े पैमाने पर उत्पादन” का निर्देश दिया है, शुक्रवार को राज्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने एक दिन पहले सिस्टम का परीक्षण देखा था। किम ने जमीन और समुद्र दोनों लक्ष्यों को मारने के लिए ड्रोन के परीक्षणों की निगरानी की, जिन्हें उत्तर कोरिया के मानव रहित हवाई प्रौद्योगिकी परिसर (UATC) द्वारा विकसित किया गया था। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने कहा, “उन्होंने जल्द से जल्द एक सीरियल प्रोडक्शन सिस्टम बनाने और बड़े पैमाने पर बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।”
 

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उत्तर कोरिया ने विस्फोटक ड्रोन का परीक्षण किया
उत्तर कोरिया ने लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने के लिए डिजाइन किए गए विस्फोटक ड्रोन का परीक्षण किया है, वहीं नेता किम जोंग उन ने इन हथियारों के बड़े पैमाने पर निर्माण में तेजी लाने का आह्वान किया है। यह जानकारी शुक्रवार को सरकारी मीडिया ने दी। देश ने यह परीक्षण ऐसे समय में किया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान निकटवर्ती अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में उन्नत लड़ाकू जेट विमानों और एक अमेरिकी विमानवाहक पोत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। 
लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने में योग्य ड्रोन
उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कुछ तस्वीरें प्रकाशित कीं जिनमें किम कम से कम दो अलग-अलग तरह के मानवरहित हवाई वाहनों के पास अधिकारियों से बात करते नजर आ रहे हैं। इनमें ‘एक्स’-आकार की पूंछ और पंख वाले यान शामिल हैं जो उन ड्रोन की तरह प्रतीत होते हैं जिनका देश ने अगस्त में उस समय खुलासा किया था जब किम ने विस्फोट करने वाले ड्रोन के एक और प्रदर्शन का निरीक्षण किया था। केसीएनए ने बताया कि ड्रोन ने विभिन्न मार्गों से उड़ान भरी और लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया। इसके चित्रों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को निशाना बनाया गया। 
 

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बड़े पैमाने पर उत्पादन करने का आदेश
किम ने हथियार विकसित करने की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और ‘‘जल्द से जल्द एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली बनाने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने’’ की आवश्यकता पर बल दिया। किम ने बताया कि कैसे ड्रोन आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। केसीएनए ने किम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कई सैन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर पिछले महीने उत्तर कोरिया विरोधी पर्चे गिराने के लिए अपने ड्रोन भेजने का आरोप लगाया था और धमकी दी थी कि अगर दोबारा ऐसा किया गया तो वह बलपूर्वक जवाब देगा। दक्षिण कोरिया की सेना ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है कि उत्तर कोरिया के ये दावे सही हैं या नहीं।

मादक पदार्थ तस्करी मामले में भारतीय समेत तीन लोग गिरफ्तार

भारत-नेपाल सीमा के निकट एक कस्बे में बृहस्पतिवार को एक भारतीय नागरिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 22 किलोग्राम से अधिक हशीश जब्त की गई।

पुलिस ने बताया कि 29 वर्षीय मुकेश कुमार और उसके दो नेपाली साथियों को बीरगंज मेट्रोपोलिटन सिटी के बिश्वो होटल के पास 22.5 किलोग्राम हशीश (एक प्रकार का मादक पदार्थ) के साथ गिरफ्तार किया गया।

भारतीय नागरिक के साथ 29 वर्षीय मकसूद अंसारी और 20 वर्षीय रामलाल साहनी को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों दक्षिणी नेपाल के बारा सिमरौनगढ़ के निवासी हैं।
पुलिस ने बताया कि उन्हें हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

प्रतिबंधित टीटीपी वैश्विक आतंकवादी संगठनों का केंद्र बन गया है : पाक सेना प्रमुख

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का आतंकवाद सभी वैश्विक आतंकवादी संगठनों और उनके छद्म संगठनों का केंद्र बन गया है।

यहां मर्गल्ला डायलॉग 2024 के विशेष सत्र में शांति और स्थिरता में पाकिस्तान की भूमिका विषय पर अपने संबोधन में सीमा की स्थिति पर चर्चा करते हुए थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मुनीर ने कहा कि पश्चिमी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए एक व्यापक सीमा प्रबंधन व्यवस्था लागू की गई है।

इस संगोष्ठी का आयोजन इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईपीआरआई) द्वारा किया गया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, जनरल मुनीर ने कहा, खवारिज का खतरा दुनिया भर के सभी आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों के लिए एक केंद्र बन गया है।

पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किए जाने पर रोक लगायेगी और इस संबंध में सख्त कदम उठाएगी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकवादियों के लिए खवारिज शब्द का प्रयोग करता है।

Prabhasakshi NewsRoom: Oxford University में Kashmir मुद्दे को लेकर विवादित बहस, पाकिस्तानियों को भारतीय छात्रों ने दिया करारा जवाब

पाकिस्तान विभिन्न मंचों पर कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार अभियान चलाता रहता है लेकिन भारत और भारतीय हर मंच पर पाकिस्तान को करारा जवाब देते हैं। ताजा मामला लंदन से सामने आया है जहां भारतीय छात्रों के एक समूह ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में कश्मीर पर आयोजित एक बहस के विरोध में नारे लगाए और तख्तियां दिखाईं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘ऑक्सफोर्ड यूनियन आतंकवाद के साथ खड़ा है’ के नारे लगाए गए। हम आपको बता दें कि इस बहस में आतंकवाद से जुड़ाव रखने वाले वक्ताओं को मंच दिया गया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार शाम को ‘कश्मीर को एक स्वतंत्र प्रदेश के रूप में देखने’ संबंधी एक प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़े जफर खान और ‘वर्ल्ड कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट’ से जुड़े मुजम्मिल अयूब ठाकुर ने भी भाषण दिया। हम आपको याद दिला दें कि इस साल मार्च में भारत ने आतंकवाद के आरोपी यासीन मलिक की अगुआई वाले जेकेएलएफ पर प्रतिबंध को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया था।
हम आपको बता दें कि विदेशों में पाकिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले प्रोफेसर जफर खान के संबोधन को पाकिस्तानी मीडिया में खूब तवज्जो मिली है। प्रोफेसर जफर खान ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत की सरकार, सेना और मीडिया पर तमाम तरह के आरोप लगाये। पाकिस्तानी मीडिया ने तो यहां तक दावा किया है कि इस सत्र के दौरान कई भारतीय छात्र भी शामिल थे जिन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए उसे स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।

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दूसरी ओर, कार्यक्रम के दौरान के जो वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हैं उसमें साफ देखा जा सकता है कि भारतीय छात्रों ने इस दौरान जमकर विरोध जताया। इंडियन ऑक्सफोर्ड यूनियन के सदस्य आदर्श मिश्रा ने बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘जेकेएलएफ एक आतंकी संगठन है।’’ सामुदायिक संगठन ‘इनसाइट यूके’ द्वारा ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, आदर्श मिश्रा को यह कहते हुए सुना जा सकता है ‘‘मुझे इस मंच पर भरोसा नहीं है और मैंने (ऑक्सफोर्ड यूनियन के) अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।’’ आदर्श मिश्रा ने कहा कि जफर खान और मुजम्मिल अयूब ठाकुर ‘‘(पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) आईएसआई और पाकिस्तान के लिए कठपुतली के तौर पर काम कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि ‘इनसाइट यूके’ विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों के नेतृत्व में प्रदर्शन का समर्थन करने वाले समूहों में से एक है।
इस बहस के खिलाफ भारतीय प्रवासी संगठनों ने रैली निकाली, जिसमें ऑक्सफोर्ड हिंदू सोसाइटी भी शामिल थी। हम आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनियन को कार्यक्रम रद्द करने के लिए एक औपचारिक पत्र भी जारी किया गया था। ऑक्सफोर्ड हिंदू सोसाइटी के पत्र में कहा गया था कि यह ध्यान देने योग्य है कि ये दोनों वक्ता हिंदू विरोधी घृणा फैलाने में शामिल रहे हैं और ऐसे संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिनका ब्रिटेन के साथ-साथ भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने से संबंध है। पत्र में कहा गया था कि हिंदू छात्र इस बात से भयभीत और निराश महसूस कर रहे हैं कि ऑक्सफोर्ड यूनियन ने जेकेएलएफ से जुड़े व्यक्ति को आमंत्रित किया है-जिसका हिंदुओं पर हमला करने का रिकॉर्ड है।
‘इनसाइट यूके’ द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनियन को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि कश्मीर क्षेत्र दशकों से आतंकवाद का निशाना रहा है, जिसके कारण हजारों कश्मीरी हिंदुओं को जबरन पलायन करना पड़ा और अनगिनत पीड़ाएं झेलनी पड़ीं। पत्र में कहा गया है कि कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का अभिन्न अंग माना जाता है और इस पर सवाल उठाने वाली कोई भी बहस भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती है। हम आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनियन की स्थापना 1823 में हुई थी। विभिन्न विषयों पर यहां जोरदार बहस होती रही है।

Karoline Leavitt कौन हैं ? ये लड़की 27 साल की उम्र में बनने जा रही हैं US White House की सबसे युवा प्रेस सचिव

वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की कि उनके अभियान की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव होंगी। 27 वर्षीय लेविट इस पद को संभालने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति बन जाएंगी, उन्होंने रोनाल्ड ज़िग्लर को पीछे छोड़ दिया, जो 1969 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के अधीन काम करते समय 29 वर्ष के थे। वर्तमान में, ट्रंप की संक्रमण टीम की प्रवक्ता, लेविट ने मीडिया में ट्रंप का मज़बूत बचाव करने के लिए पहचान हासिल की है।
ट्रंप ने कैरोलिन लेविट को ‘व्हाइट हाउस’ का प्रेस सचिव नामित किया 
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैरोलिन लेविट को ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) की प्रेस सचिव नामित किया है। लेविट ‘व्हाइट हाउस’ की वर्तमान प्रेस सचिव कैरीन पियरे का स्थान लेंगी। ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। लेविट, ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में राष्ट्रीय प्रेस सचिव थीं और इससे पहले वह ‘ट्रंप व्हाइट हाउस’ में सहायक प्रेस सचिव के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। ट्रंप ने लेविट के नाम का अनुमोदन करते हुए कहा, ‘‘लेविट ने मेरे ऐतिहासिक प्रचार अभियान में राष्ट्रीय प्रेस सचिव के रूप में अभूतपूर्व काम किया और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि वह व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव के रूप में काम करेंगी।’’
 
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने की कैरोलिन की जमकर तारीफ
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘‘ कैरोलिन बुद्धिमान, दृढ़ निश्चयी हैं तथा उन्होंने साबित कर दिया है कि वह एक अत्यंत प्रभावी वक्ता हैं।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि वह अमेरिकी लोगों तक हमारा संदेश पहुंचाने में मदद करेंगी…।’’ लेविट के अतिरिक्त ट्रंप ने स्टीवन चेउंग को राष्ट्रपति के सहायक और संचार निदेशक तथा सर्जियो गोर को राष्ट्रपति के सहायक और राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक के रूप में नामित किया है। ट्रंप ने कहा, ‘‘ स्टीवन चेउंग और सर्जियो गोर 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के प्रचार अभियान के समय से ही मेरे विश्वसनीय सलाहकार रहे हैं और मेरे पहले कार्यकाल से लेकर 2024 में हमारी ऐतिहासिक जीत तक उन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ के सिद्धांतों को आगे बढ़ाया है।
 

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कैरोलिन लेविट कौन है?
कैरोलिन लेविट न्यूयॉर्क प्रतिनिधि एलिस स्टेफनिक की संचार निदेशक थीं। स्टेफनिक, जिन्हें अब ट्रम्प द्वारा संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया गया है, ने लीविट को उनके प्रभावशाली योगदान का श्रेय दिया है।2022 में, लीविट ने न्यू हैम्पशायर के प्रथम जिले में कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा। उन्होंने रिपब्लिकन प्राइमरी जीती लेकिन डेमोक्रेट क्रिस पप्पस से हार गईं। इस अभियान के अनुभव ने उनके सार्वजनिक भाषण और मीडिया कौशल को निखारा, जिससे वे अपनी नवीनतम भूमिका के लिए तैयार हो गईं। ट्रम्प की टीम से उनका जुड़ाव तब भी जारी रहा जब वे MAGA Inc., एक ट्रम्प समर्थक सुपर PAC की प्रवक्ता बनीं और बाद में उनके 2024 के अभियान में एक प्रमुख आवाज़ के रूप में फिर से शामिल हुईं। परंपरागत रूप से, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव की भूमिका में दैनिक ब्रीफिंग आयोजित करना और प्रशासन का सार्वजनिक चेहरा बनना शामिल है।
 

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डोनाल्ड ट्रंप के लिए किए हैं कई बेहतरीन कार्य
हालाँकि, 2017 से 2021 तक ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अक्सर इन मानदंडों को दरकिनार कर दिया, रैलियों, सोशल मीडिया और स्व-संचालित प्रेस इंटरैक्शन के माध्यम से अपने स्वयं के प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। ट्रम्प के पहले प्रशासन के दौरान चार अलग-अलग प्रेस सचिव थे, जिनके दृष्टिकोण प्रेस के साथ नियमित टकराव से लेकर ब्रीफिंग से पूरी तरह बचने तक के थे। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल के दौरान, सीन स्पाइसर और सारा हुकाबी सैंडर्स जैसे प्रेस सचिव अक्सर पत्रकारों से उलझते थे, जबकि स्टेफ़नी ग्रिशम ने कभी ब्रीफिंग नहीं की, और कैली मैकनेनी ने सीधे मीडिया का सामना किया, खासकर महामारी के दौरान। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि लीविट को ट्रम्प के प्रशासन का प्रतिनिधित्व करते हुए पत्रकारिता की विश्वसनीयता बनाए रखते हुए जनता के साथ सीधे संवाद को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

Israel Hamas War | सीजफायर के लिए तैयार हमास ! इजरायल के सामने रखी ये शर्त

हमास ने गाजा में “तत्काल युद्ध विराम” के लिए तत्परता व्यक्त की, लेकिन कहा कि इजरायल गंभीर युद्ध विराम करने में विफल रहा। हमास प्रमुख बासम नैम ने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा सैन्य कार्रवाई का विकल्प चुनने से पहले जुलाई में चर्चा किए गए संभावित युद्ध विराम समझौते के पूरा होने के करीब है।
 

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इजरायल पर अमेरिकी दबाव का आह्वान
नैम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से इजरायल पर युद्ध विराम के लिए सहमत होने और हिंसा को समाप्त करने के लिए दबाव डालने का भी आग्रह किया। ट्रम्प ने पहले अपने अभियान के दौरान क्षेत्र में शांति की दिशा में काम करने की कसम खाई थी।
 

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हमास ने 7 अक्टूबर के हमले का बचाव किया
समूह की कार्रवाइयों का बचाव करते हुए, नैम ने कहा कि हमास को इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमले का पछतावा नहीं है, उन्होंने तर्क दिया कि फिलिस्तीनियों को फिलिस्तीन में इजरायली “नरसंहार” के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है। उन्होंने हमास के सदस्य और एक निर्दोष फिलिस्तीनी नागरिक के रूप में अपनी दोहरी पहचान पर जोर दिया, जो अपनी गरिमा और अधिकारों के लिए लड़ रहा है।