Monday, December 22, 2025
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IOA में आंतरिक चुनौतियों के बावजूद, 2036 ओलंपिक की मेजबानी की प्रतिबद्धता दृढ़: Usha

नयी दिल्ली । भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि इस खेल संगठन में कार्यकारी परिषद के सदस्यों के साथ विवाद और ‘आंतरिक चुनौतियों’ के बावजूद 2036 ओलंपिक की मेजबानी की उनकी प्रतिबद्धता ‘अटल’ है। उषा आईओए सीईओ के रूप में रघुराम अय्यर की नियुक्ति के मामले में कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों के साथ विवाद में उलझी हुई हैं। उषा ने यहां जारी वीडियो में कहा, ‘‘आईओए के भीतर कुछ आंतरिक चुनौतियों के बावजूद, 2036 ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी के लिए हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ बनी हुई है। आईओए आईओसी के साथ लगातार संपर्क में है और मुझे आशा है कि भारत को एक उदार मेजबान के रूप में देखा जाएगा।’’
भारत ने 2036 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए देश की इच्छा व्यक्त करने से संबंधित आशय पत्र अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को सौंप दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सबसे पहले 2036 ओलंपिक की मेजबानी की अपनी सरकार की आकांक्षा के बारे में बात की थी।
उषा ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आईओसी सत्र के दौरान 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक की मेजबानी के लिए भारत के दृष्टिकोण को सामने रखा था। तब से हमने आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक और भविष्य के मेजबान आयोग के अधिकारियों के साथ नियमित संचार बनाए रखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पेरिस ओलंपिक के दौरान आईओसी के साथ एक सार्थक चर्चा में भी लगे हुए थे। हमारे अधिकारियों ने पेरिस ओलंपिक के दौरान आईओसी द्वारा आयोजित कार्यकारी कार्यक्रम और पर्यवेक्षक कार्यक्रम में भाग लिया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन बातचीत और सीख को अपनाते हुए भारत ने इस साल अक्टूबर की शुरुआत में 2036 खेलों की मेजबानी के लिए आशय पत्र प्रस्तुत किया।

Cristiano Ronaldo के गोल की मदद से अल नासर की एएफसी चैंपियंस लीग में बड़ी जीत

रियाद । क्रिस्टियानो रोनाल्डो के गोल की मदद से अल नासर ने एएफसी चैंपियंस लीग फुटबॉल प्रतियोगिता के एलीट वर्ग में संयुक्त अरब अमीरात के क्लब और गत चैंपियन अल ऐन को 5-1 से हराकर 12 टीमों की तालिका में शीर्ष तीन में जगह बनाई। सऊदी अरब के क्लब अल नासर के चार मैचों में 10 अंक हैं तथा वह स्थानीय प्रतिद्वंद्वियों अल हिलाल और अल अहली से दो अंक पीछे हैं। इन दोनों ने अभी तक अपने चारों मैच जीते हैं। एंडरसन तालिस्का ने खेल शुरू होने के पांच मिनट बाद ही अल नासर की तरफ से पहला गोल किया।
इसके बाद रोनाल्डो ने आधे घंटे के अंतराल के ठीक बाद इस सत्र में प्रतियोगिता में अपना दूसरा गोल किया। फैबियो कार्डोसो के आत्मघाती गोल से सऊदी अरब की टीम ने मध्यांतर तक 3-0 की बढ़त बना दी। वेस्ले और तालिस्का ने दूसरे हाफ में अल नासर के लिए गोल किए। इस बीच जापान के विसेल कोबे ने दक्षिण कोरिया के ग्वांगजू एफसी पर 2-0 से जीत से अपने ग्रुप में पहला स्थान हासिल कर लिया। मलेशिया के जोहोर दारुल ताज़िम दक्षिण कोरिया के दो बार के चैंपियन उल्सान एचडी पर 3-0 से जीत के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया।

कोच के रिटायरमेंट पर भावुक हुए नीरज चोपड़ा, लिखा- जब भी थ्रो करता आपकी आवाज…

 भारत के ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा के कोच  क्लॉस बार्टोनिट्ज ने संन्यास ले लिया है। नीरज चोपड़ा अपने कोच के संन्यास के बाद  भावुक हो गए। नीरज के कोच उनका साथ छोड़कर जा रहे हैं। जिसके बाद नीरज ने एक पोस्ट के द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। 
नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है जिसमें उनकी और कोच की तस्वीरें शामिल थी। इस पोस्ट के कैप्शन में नीरज ने लिखा कि, मैं ये जाने बिना लिख रहा हूं कि कहां से शुरू करूं। कोच, आप मेरे लिए सिर्फ एक गुरु से कहीं बढ़कर हैं। आपने जो कुछ भी सिखाया है उसने मुझे एक एथलीट और व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है। आपने ये सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है कि मैं हर प्रतियोगिता के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहूं। नीरज चोपड़ ने कहा कि कोच चोट के दौरान भी उनके साथ खड़े रहे। हर उतार-चढ़ाव के दौरान कोच नीरज के साथ रहे। 
उन्होंने आगे लिखा कि, आप स्टैंड में सबसे शांत लोगों में से एक थे लेकिन जब मैं थ्रो करता था तो आपके शब्द मेरे कानों में सबसे ज्यादा गूंजते थे। मुझे आपके मजाक और हंसी की कमी खलेगी। लेकिन सबसे ज्यादा मैं एक टीम के रूप में हमें याद करूंगा। मेरी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। मुझे अपनी यात्रा का बनाने के लिए धन्यवाद।
 
जर्मनी के बार्टोनिट्ज के कार्यकाल के दौरान चोपड़ा ने काफी सफलता हासिल की। नीरज ने टोक्यो 2020 में ओलंपिक गोल्ड मेडल, 2022 में डायमंड लीग खिताब और 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीते। वहीं 2023 में उन्होंने एशियन गेम्स भी गोल्ड मेडल जीता।  

लंबे समय बाद Sakshi Malik ने क्यों उठाई बृजभूषण सिंह के खिलाफ आवाज? इंटरव्यू में खुद बताया कारण

भारतीय ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुछ समय पहले ये बताकर सबको हैरान कर दिया था बीजेपी नेत बृजभूषण सिंह ने उनका यौन शोषण करने की कोशिश की थी। साक्षी ने अपनी किताब द विटनेस में 2012 की घटना के बारे में बताया। इसके बाद लगातार ये सवाल उठ रहे हैं कि ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान इतने सालों तक चुप क्यों रही है। साक्षी ने इसके पीछे की वजह इंटरव्यू में बताई।
साक्षी ने हॉटरफ्लाई चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि अगर वह तब कुछ कहतीं तो आज ओलंपिक मेडलिस्ट न होती। उन्होंने कहा कि, 2012 में मेरे साथ वह घटना हुई। मुझे बहुत समय लगा आवाज उठाने में। वह बहुत ताकतवर आदमी है। अभी भी आप देख रहे होंगे कि हम कितना लड़े हैं, 40 दिन सड़क पर सोए, तब जाकर उसपर एफआईआर हुई। अगर मैं उसी समय आवाज उठाती तो मैं आज एक ओलंपिक मेडलिस्ट के तौर पर यहां नहीं बैठी होती। अगर मैं तभी आवाज उठाती तो वह मेरी आवाज दब जाती और वह मेरा करियर खत्म कर देता। 
साक्षी ने बताया कि, 2012 से 2023 तक का समय जैसे-तैसे निकला। मैं शायद आवाज उठाती भी नहीं लेकिन मैंने देखा कि ये चीजें अब भी चल रही हैं। मेरी जूनियर लड़कियां बताती थी कि दीदी इस टूर्नामेंट में ये हुआ, वह हुआ। तो हमें ऐसा लगा कि हम आवाज नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा। 
उन्होंने कहा कि, मैं जहां भी जाती हूं इस बारे में जरूर बात करती हूं कि चुप मत बैठो। में भी 11 साल चुप रही। मेरे हालात कुछ और थे, मुझे करियर दिख रहा था। बात बोलने से ही बात बनेगी। चुप होने से कुछ नहीं होगा। साक्षी ने कहा कि ये जरूरी है कि शुरुआत से ही बच्चों को बताया जाए कि कैसे व्यवहार करना है।

FIH Awards 2024: हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश ने जीता प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश को एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर से नवाजा गया। जहां हरमनप्रीत सिंह को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और श्रीजेश को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर पुरस्कार से पुरस्कृत किया। 
 
हरमनप्रीत और श्रीजेश दोनों को 8 नवंबर यानी शुक्रवार की रात ओमान में 49वीं एफआईएचकांग्रेस के दौरान यह सम्मान मिला। हरमनप्रीत ने शीर्ष पुरस्कार हासिल करने के लिए नीदरलैंड के जोएप डी मोल और थियरी ब्रिंकमैन, जर्मनी के हेंस मुलर और इंग्लैंड के जैक वालेस को पीछे छोड़ा। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में सर्वाधिक 10 गोल किए थे। उन्होंने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में गोल करने के अलावा स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक के मैच में भारत की तरफ से दोनों गोल किए। 
भारत ने यह मैच 2-1 से जीतकर ओलंपिक में लगातार दूसरी बार पोडियम स्थान हासिल किया। पेरिस ओलंपिक के बाद खेल से संन्यास लेनेवाले श्रीजेश ने गोलकीपर वर्ग में शीर्ष पुरस्कार हासिल करने की दौड़ में नीदरलैंड के पिरमिन ब्लैक, स्पेन के लुइस कैलज़ाडो, जर्मनी के जीन पॉल डेनेबर्ग और अर्जेंटीना के टॉमस सैंटियागो को पीछे छोड़ा। हरमनप्रीत ने इससे पहले 2020-21 और 2021-22 में भी एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता था लेकिन तीसरा सम्मान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे उन्होंने ओलंपिक पदक जीतने के बाद हासिल किया है। 
कप्तान के रूप में यह उनका पहला सम्मान है। हरमनप्रीत ने कहा,‘‘सबसे पहले तो मैं इस सम्मान के लिए एफआईएच का आभार व्यक्त करता हूं। ओलंपिक में पदक जीतकर स्वदेश लौटना शानदार रहा जहां हमारा स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। यह बहुत ही खास एहसास था। मैं यहां पर अपने साथियों का जिक्र करना चाहूंगा। आपके बिना यह कुछ भी संभव नहीं हो पाता।’’ उन्होंने कहा,‘‘मैं हमें हर स्तर पर सफलता हासिल करने का मौका देने के लिए हॉकी इंडिया का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। मेरी पत्नी और बेटी आज यहां हैं और उनके सामने यह पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत मायने रखता है। इसलिए इसे संभव बनाने वाले सभी लोगों को धन्यवाद।’’ 
ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले श्रीजेश ने भी तीसरी बार वर्ष के सर्वश्रेष्ठगोलकीपर का पुरस्कार हासिल किया। इससे पहले उन्होंने 2020-21 और 2021-22 में यह पुरस्कार जीता था। श्रीजेश ने कहा,‘‘मैं आज बहुत खुश हूं। मेरे खेल करियर के इस आखिरी खेल सम्मान के लिए धन्यवाद। यह पुरस्कार पूरी तरह से मेरी टीम का है, डिफेंस का है जिसने यह सुनिश्चित किया कि ज्यादातर हमले मुझ तक न पहुंचें। यह पुरस्कार मिडफील्डर और फॉरवर्ड का है जिन्होंने मैंने जितने गोल खाए उससे अधिक गोल करके मेरी गलतियों को छुपाया।’’

साक्षी मलिक ने अपनी किताब का नाम विटनेस क्यों रखा? खुद किए ऐसे खुलासे

भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीत चुकी महिला पहलवान साक्षी पहलवान साक्षी मलिक के जीवन पर आधारित किताब विटनेस अब सबके सामने आ चुकी है जिसमें उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी लगभग हर घटना का जिक्र किया है जिसमें उनके करियर, उनकी शादी, उनके संघर्ष यानी हर चीज के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। अब इन सारी बातों के बीच साक्षी मलिक ने खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से बात की और उन्हें बताया कि उन्होंने रेसलिंग से रिटायमेंट क्यों ली और अपनी किताब का नाम विटनेस क्यों रखा। 
साक्षी मलिक से पूछा  गया कि उन्होंने रेसलिंग से रिटायमेंट का ऐलान इतनी जल्दी क्यों किया साथ ही उन्होंने अपनी किताब का नाम विटनेस क्यों रखा। इस सवाल का जवाब देते हुए साक्षी मलिक ने कहा कि मेरे नाम का मतलब भी विटनेस ही है, तो इससे बेहतर मुझे इस किताब का नाम कोई समझ में नहीं आया। मुझे विटनेस नाम काफी अच्छा लगा और इसकी वजह से इसका नाम ये रखा गया। मैंने किताब में जो भी बातें लिखी है सबमें सच्चाई है और मैं हमेशा से ही सच बोलने में विश्वास रखती हूं और इसका परिणाम जो भी हो वो बाद में देखा जाएगा, लेकिन मेरा मोटिव ये रहता है कि जो भी सच है पहले उसे बोला जाए। 
इसके बाद साक्षी मलिक ने रेसलिंग के रिटायमेंट के बारे में बात करते हुए कहा कि रिटायमेंट के बारे में मैं अगर बताऊं तो डेढ़ साल संघर्ष करने के बाद, रोड पर सोने के बाद इसके बाद भी फेडरेशन उसी के हाथ में जाना, तो वो मुझे लगा कि नहीं, अब मुझे उन्हीं लोगों के बीच में रहकर रेसलिंग नहीं कर सकती हूं। तो मैंने सोचा कि मैं अब रेसलिंग से रिटायरमेंट ले लेती हूं। हालांकि, फाइट मेरी जारी है और इन चीजों के बार में जो जूनियर लड़कियां हैं उन्हें जानकारी देती रहती हूं। मैं चाहूंगी कि फेडरेशन में बदलाव हो इसके बारे में लगातार बातचीत करती रहती हूं।
वहीं साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के केस के बारे में बात करते हुए कहा कि बदलाव एकदम से नहीं होता ये धीरे-धीरे होता है, लेकिन ये असंभव नहीं है। बदलाव होगा और जैसा ही कोर्ट में केस चल रहा है और चार्जेज भी फ्रेम हुए हैं उस पर तो टाइम आने पर उसको सजा मिलेगी जो भी उसने हैरेसमेंट किया है। 

निशानेबाज ऐश्वर्य, सामरा ने किया निराश, रमेशभाई ने जीता रजत पदक

भारत के शीर्ष राइफल निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और सिफ्त कौर सामरा प्रभाव छोड़ने में विफल रहे, जबकि कम लोकप्रिय एस. रमेशभाई मोराडिया ने सोमवार को यहां विश्व विश्वविद्यालय निशानेबाजी चैंपियनशिप में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में रजत पदक जीता।

रमेशभाई सोमवार को पदक जीतने वाले इकलौते भारतीय रहे। ओलंपियन तोमर इस स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहे, जबकि पेरिस खेलों में भाग लेने वाली सामरा महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री-पोजिशन स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं।
गुजरात के रमेशभाई बेहद मामूली अंतर से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गये।

वह फाइनल में 252.1 अंक हासिल कर चेक गणराज्य के जिरी प्रिवरात्स्की से केवल 0.1 अंक पीछे रहे। यह प्रिवरात्स्की का इस प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने रविवार को पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
ऐश्वर्य 187.7 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहे, जबकि एक अन्य भारतीय उमामहेश मद्दिनेनी (208.8) चौथे स्थान पर रहे। 

इससे पहले क्वालिफिकेशन दौर में रमेशभाई ने 630.0 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर थे।  उमामहेश और ऐश्वर्य ने 629.8 और 628.3 का स्कोर करके क्रमश: तीसरे और पांचवें स्थान के साथ आठ निशानेबाजों के फाइनल में प्रवेश किया था।
सामरा का पदक से चूकना भारत के लिए बड़ी निराशा रही। वह 50 मीटर राइफल में देश की सर्वश्रेष्ठ निशानेबाजों में शामिल है।

वह 439.6 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही।
फ्रांस की अगाथे गिरार्ड (462.3) ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता, जबकि पोलैंड की जूलिया पियोट्रोस्का (462.0) और अन्ना जानसेन (450.2) ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता।
सामरा इससे पहले क्वालीफिकेशन में 587 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर थी।
भारत ने इस प्रतियोगिता में अब तक एक स्वर्ण सहित नौ पदक जीते है।

‘मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज’ की मेजबानी में आयोजित हो रही इस चैंपियनशिप में 23 देशों के 220 निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं।

Barbora Krejcikova के शरीर पर टिप्पणी करना इस कमेंटेटर को भारी पड़ा, नौकरी से धोना पड़ा हाथ

टेनिस स्टार बारबोरा क्रेजिसिकोवा खेल की दुनिया का बड़ा नाम है। उन्होंने कई खिताब अपने नाम किए हैं। बारबोरा ने अपने खेल के जरिए नाम और शोहरत कमाई है। लेकिन उनके खेल के अलावा उनके शरीर पर टिप्पणी की गई तो खिलाड़ी भड़क गई। उन्होंने न सिर्फ बयान देने वाले को बल्कि उन सभी को सबक दिया जो कि महिला खिलाड़ियों पर इस तरह की टिप्पणी दिया। 
टेनिस चैनल पर कमेंट्री करते हुए पत्रकार जॉन वरथिम ने बारबोरा के माथे को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि, आपको क्या लगता है, मैं क्या कहूं? बारबोरा क्रेजिसिकोवा। मेरा माथा देखो, ऐसा लग रहा है कि क्रेजिसिकोवा और जेंग कोर्ट पर हों। एक नहीं आठ माथे है। ये बयान बारबोरा को पसंद नहीं आया। उन्होंने इस अनप्रोफेशनल कमेंट्री बताया। 
बारोबरा ने एक्स पर लिखा कि, आप हाल ही में टेनिस चैनल पर डब्ल्यूटीए फाइन्स के दौरान मेरी अपियरेंस को लेकर बयान दिया गया है कि न कि मेरे खेल पर। एक एथलीट के तौर पर मैंने इस खेल को बहुत कुछ दिया है और ये देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ये पहली बार नहीं है जब खेले की दुनिया में ऐसा हुआ है। मैं ज्यादातर समय कुछ नहीं बोलती हूं, हालांकि, मुझे लगता है कि ये समय है कि स्पोर्ट्स मीडिया में इज्जत और प्रोफेशनल होने को लेकर बात की जाए। 
साथ ही उन्होंने कहा कि, इस तरह के लम्हे आपको खेल और खिलाड़ियों की डेडिकेशन से दूर करते हैं। मुझे टेनिस खेलना बहुत पसंद है। मैं चाहती हूं कि इसे तरह दिखाए जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए किए गए कमिटमेंट को दिखाए। 
वहीं जॉन विरथिम को इस बयान को देने के कारण अनिश्चित समय के लिए पैनल से हटा दिया गया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, टेनिस चैनल ये मानता है कि सभी के लिए इज्जत होनी चाहिए। इस बार ऐसा नहीं हुआ। हमने बारबोरा से भी माफी मांगी है। 

‘भले ही ढूंढने में लग जाएं 10 या 20 साल…’, देखिए इस दिग्गज एक्ट्रेस को कैसे चाहिए ‘जीवनसाथी’

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भूमि पेडनेकर अपने जीवन साथी के बारे में बात करती हैं: चाहे सही व्यक्ति ढूंढने में 10 या 20 साल लग जाएं, भूमि कहती हैं कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात दयालु होना है। जब उन्होंने प्यार और शादी के बारे में बात की तो उन्होंने कहा, प्यार का मतलब ऐसा साथी ढूंढना है जो आपके लिए सही हो। वह शादी करना चाहता है, लेकिन जल्दबाजी में नहीं। उसे सही व्यक्ति से शादी करनी होगी भले ही उस व्यक्ति को ढूंढने में उसे 10 या 20 साल लग जाएं। 

दयालु व्यक्ति होना चाहिए. भूमि ने खुलासा किया कि वह एक साथी में क्या गुण देखती हैं, उन्होंने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति की तलाश में हैं जो दयालु हो, दूसरों के लिए अच्छा हो। वह चाहते हैं कि उनका पार्टनर उनके काम पर गर्व करे और उनकी उपलब्धियों की सराहना करे। ये मामला उनके लिए बेहद अहम है. भूमि का मानना ​​है कि दयालु होना सिर्फ दिखावा नहीं होना चाहिए। आप जैसे हैं वैसे ही खुद को स्वीकार कर लें तो रिश्ता मजबूत हो जाता है। 

डेटिंग में जल्दबाजी न करें 

भूमि ने कहा, अपने आप को बदलने की कोशिश मत करो, बस वही रहो जो तुम अंदर हो। उन्होंने धैर्य रखने और डेटिंग में जल्दबाजी न करने की भी सलाह दी। जैसा कि कहा गया है, सही व्यक्ति ढूंढने में समय लग सकता है लेकिन एक बार जब आप ऐसा कर लेंगे तो यह सब इंतजार के लायक होगा। दिखावे से परे देखना बहुत जरूरी है. सच्चा आकर्षण किसी के कपड़ों या कारों से नहीं बल्कि उनके दिल और दिमाग से आता है, जिनके लिए डेटिंग व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ एक गहरा संबंध बनाने के बारे में है।

कार्तिक पूर्णिमा पर 30 साल बाद बनेगा गजकेसरी योग, नए साल 2025 तक मिलेगा लाभ

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कार्तिक पूर्णिमा 2024: कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा का शैव और वैष्णव दोनों संप्रदायों में समान महत्व है। मान्यता है कि इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर का वध किया था और श्रीहरि ने मत्स्य अवतार लिया था। इस दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन गुरु पर्व मनाया जाता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर यानी कल मनाई जाएगी. इस दिन गजकेसरी योग बनने जा रहा है. 30 साल बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है, जिससे कुछ राशियों की किस्मत खुलेगी और नए साल 2025 तक फायदा होगा।

एआरआईएस

मेष राशि वालों के लिए कार्तिक पूर्णिमा बहुत खास मानी जाती है। मां लक्ष्मी की कृपा से मेष राशि के जातकों को आर्थिक लाभ हो सकता है। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं और आय भी बढ़ सकती है।

लियो

सिंह राशि के लिए कार्तक मास की पूर्णिमा लाभकारी रहेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। श्रीहरि की कृपा से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। पदोन्नति के योग बन रहे हैं।

कन्या

कन्या राशि वालों के लिए कार्तक महीना शुभ रहेगा। कन्या राशि वाले लोगों को मां लक्ष्मी की कृपा से अपार धन की प्राप्ति हो सकती है। सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा. व्यापार में लाभ होगा।

 

तुला

तुला राशि वालों के लिए कार्तिक पूर्णिमा शुभ रहेगी। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। विद्यार्थियों के लिए यह समय अच्छा माना जा रहा है।

कुम्भ

कुंभ राशि के जातकों को धन-संपत्ति का लाभ होगा। दाम्पत्य जीवन भी अच्छा रहेगा. श्रीहरि की कृपा से जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। करियर में सफलता के योग बन रहे हैं.