Monday, December 22, 2025
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देश में दो नमूने हैं, एक दिल्ली तो दूसरे… विधानसभा में बोले CM योगी, कोडीन कफ सिरफ से यूपी में नहीं हुई एक भी मौत

यूपी विधानसभा में आज कोडीन सिरप को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है। बिना किसी का नाम लिए योगी ने कहा कि देश के अंदर दो नमूने हैं। एक दिल्ली में बैठता है और दूसरा लखनऊ में। देश में कोई भी चर्चा होते ही वे तुरंत देश छोड़कर भाग जाते हैं, और मुझे लगता है कि आपके ‘बाबुआ’ के साथ भी यही हो रहा है। वे भी इंग्लैंड की यात्रा के लिए फिर से देश छोड़ देंगे, और आप लोग यहाँ शोर मचाते रहेंगे।
 

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साफ तौर पर योगी का इशारा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर था। इसके बाद योगी ने साफ तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से कोई मौत नहीं हुई है। दूसरा, इस मामले में एनडीपीएस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत में यह मुकदमा जीत लिया है। तीसरा, उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े थोक विक्रेता, जिसे एसटीएफ ने सबसे पहले गिरफ्तार किया था, को समाजवादी पार्टी ने 2016 में लाइसेंस जारी किया था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले में कोई भी आरोपी बच नहीं पाएगा। और चिंता मत कीजिए, समय आने पर बुलडोजर कार्रवाई की भी तैयारी कर ली जाएगी। तब शिकायत मत करना। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक 79 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में 225 आरोपियों के नाम हैं। अब तक 78 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 134 फर्मों पर छापेमारी की गई है। मुझे लगता है कि अगर आप इस मामले की गहराई से जांच करेंगे, तो पाएंगे कि अंततः समाजवादी पार्टी से जुड़ा कोई नेता या व्यक्ति इसमें शामिल है… उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि इस पूरे मामले में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह लड़ाई लड़ी और जीती।
इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार को लेकर राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा था कि मामले की जांच जारी है और अब तक जितने भी लोग पकड़े गए हैं, उनके तार सपा से जुड़े हुए हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विधान भवन में प्रवेश के दौरान पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी जांच जारी है और अभी तक जितने लोग पकड़े गए हैं, उनके तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। जांच होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पहले से ही कुख्यात रही है और इस पूरे मामले में उसकी संलिप्तता सामने आएगी।
 

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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक राज्य स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) काम कर रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस और एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। किन-किन लोगों तक इस अवैध कारोबार का पैसा पहुंचा है, यह सब जांच में सामने आएगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बारे में बस यही कहूंगा-‘यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा। 

Maharashtra Local Body Election Result: बीजेपी-शिवसेना का तूफान, MVA की लुटिया डूबी, जानिए चुनाव की बड़ी बातें

महानगर पालिका चुनाव के रिहर्सल के रूप में मानी जा रही राज्य में 288 सीटों पर दो चरणों में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में बीजेपी नंबर वन पार्टी बनकर उभरी है। बीजेपी के साथ सत्ता में साझीदार एकनाथ शिंदे की शिवसेना दूसरे और अजित पवार की एनसीपी तीसरे स्थान पर रही है। वहीं महाविकास आघाडी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इसमें कांग्रेस का प्रदर्शन ही कुछ संतोषजनक कहा जा सकता है। नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में महायुति के घटक दलों ने ज्यादातर स्थानों पर अलग-अलग चुनाव लड़ने के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया है। रविवार को आए चुनाव परिणाम में 288 सीटों में से महायुति ने 207 सीटों पर जीत हासिल करते हुए नगराध्यक्ष के पदों पर कब्जा जमाया है। जबकि महाविकास आघाडी को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं अन्य के खाते में 37 सीटें जीती है। चुनाव में बीजेपी को 117 सीटों पर सफलता मिली है, शिंदे सेना 53 और अजित पवार गुट 37 जीतें जीतने में सफल रहा। वहीं 28 सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं, जो एमवीए के घटक दलों में सबसे ज्यादा है। उद्धव गुट 9 और शरद पवार गुट राज्य में 7 सीटों विजयी रहा है। बीएमसी सहित राज्य की 29 महानगरपालिका चुनाव से पहले आए इस परिणाम से शरद पवार और उद्धव एवं राज ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। राज ठाकरे की पार्टी मनसे का इन चुनावों में खाता भी नहीं खुल सका है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस जनादेश को विकास की राजनीति की जीत करार दिया। महाराष्ट्र की जनता विकास के साथ मजबूती से खड़ी है. यह जीत केंद्र और राज्य सरकार के जन-केंद्रित विकास के विजन पर अटूट विश्वास को दर्शाती है।

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भाजपा ने जनादेश बताया, विपक्ष ने आरोप लगाया

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने कहा कि जनता ने विपक्ष के झूठे नैरेटिव को नकार दिया है। यह वास्तविक जनादेश है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे पार्टी कार्यकर्ताओं की जीत बताया। महाराष्ट्र में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति दो-तिहाई सीटों पर आगे है। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) ने चुनाव आयोग पर महायुति की जीत में मदद करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल पकाल ने कटाक्ष करते हुए चुनाव आयोग को बधाई दी। शिवसेना के संजय राउत ने ईवीएम में गड़बड़ी और पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। पार्टी नेता अंबादास दानवे ने कहा कि महायुति की जीत पैसे और ताकत के दम पर हुई है।

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कुछ जगह विपक्ष को भी सफलता

चंद्रपुर की ब्रह्मपुरी नगर परिषद में कांग्रेस ने अध्यक्ष पद और 23 में से 21 सीटें जीतीं। सांगली जिले की उरुण-ईश्वरपुर नगर परिषद में एनसीपी (शरद) ने 23 सीटों और अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। पालघर जिले में शिवसेना ने पालघर और दहानू में अध्यक्ष पद जीते, जबकि भाजपा ने जव्हार और वाडा में जीत दर्ज की।

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विकास के मुद्दे को मिली सराहना

भाजपा और उसके सहयोगियों ने बार-बार इस परिणाम को विकास-केंद्रित अभियान की सफलता के रूप में प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिणाम जनता के “जन-केंद्रित विकास” पर विश्वास को दर्शाते हैं, जबकि फडणवीस ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन ने व्यक्तिगत हमलों से परहेज किया और शासन, बुनियादी ढांचे और शहरों और कस्बों के लिए भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।

बांग्लादेशी हिंदुओं की मदद के लिए वैश्विक हिंदू समाज को एकजुटता के साथ खड़ा होना होगाः Mohan Bhagwat

कोलकाता में आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा ही प्रेरक संबोधन दिया। हम आपको बता दें कि चार घंटे से अधिक चले विचार और प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ते दबाव और उनके उत्पीड़न के मुद्दे पर अपने विचार रखे साथ ही केंद्र सरकार से कहा कि वह इस विषय का संज्ञान ले। उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की एकजुटता को निकट भविष्य के बदलाव की कुंजी भी बताया।
हजार से अधिक शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में भागवत ने साफ कहा कि बांग्लादेश में हालात कठिन हैं। वहां के हिंदुओं को संगठित रहना होगा और वैश्विक हिंदू समाज को उनके साथ खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर भारत सरकार को कुछ करना होगा। भागवत ने कहा, ‘‘हो सकता है कि वे पहले से ही कुछ कर रहे हों, लेकिन उनका खुलासा नहीं किया जा सकता।”

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मोहन भागवत ने अपने संबोधन में यह भी जोड़ा कि भारत हिंदुओं का देश है। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल पर विशेष जोर देते हुए कहा कि जैसे ही हिंदू समाज संगठित होगा, राज्य में सामाजिक बदलाव तेजी से दिखाई देगा। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल लंबे समय से राजनीतिक और वैचारिक संघर्ष का मैदान रहा है। ऐसे में एकजुटता का संदेश सत्ता और समाज दोनों के समीकरणों को चुनौती देता है।
कार्यक्रम में यह भी स्पष्ट किया गया कि आरएसएस को लेकर फैलाई गयीं भ्रांतियां वास्तविकता से दूर हैं। भागवत ने संगठन की सौ साल की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि आरएसएस को समझने के लिए उसके काम को देखना होगा, न कि सुनी सुनाई बातों पर भरोसा करना होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि आरएसएस किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक सेना में सेवा करें या राजनीति में जाएं, इससे संगठन की स्वतंत्र पहचान पर प्रश्न नहीं उठता।
देखा जाये तो मोहन भागवत का कोलकाता से दिया गया हिंदू एकता का संदेश आज की सबसे बड़ी जरूरत है। लेकिन वहीं दूसरी ओर इसे धार्मिक रंग देते हुए मौलाना साजिद रशीदी हिंदुस्तान में मुस्लिमों की एकजुटता की बात कर रहे हैं और मामले को अलग ही दिशा दे रहे हैं। यही मोड़ सबसे संवेदनशील है। यदि हर आह्वान का जवाब केवल प्रतिआह्वान से दिया गया, तो समाधान की जगह टकराव बढ़ेगा। एकजुटता का अर्थ दीवारें खड़ी करना नहीं, बल्कि अन्याय के सामने मजबूती से खड़ा होना है। भागवत का भाषण इस मजबूती का संकेत देता है।

भड़काऊ भाषण देती है BJP…, कर्नाटक में Hate crimes prevention bill को लेकर सिद्धारमैया ने भगवा पार्टी पर किया पलटवार

कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदनों में घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 पारित होने के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया और इस विधेयक के विरोध का कारण बताया। पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, “क्या भड़काऊ भाषण समाज में शांति बनाए रख सकते हैं?… भाजपा भड़काऊ भाषण देती है, और इसीलिए वे इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। 
 

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यह बयान कर्नाटक विधानसभा में घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 के पारित होने के बाद आया है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा और असामंजस्य को बढ़ावा देने वाले कृत्यों पर अंकुश लगाना है। बेलगावी विधानसभा में विधेयक पर चर्चा हुई, जहां कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसके प्रावधानों का विस्तार से वर्णन किया और कानूनी ढांचे के भीतर घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता बताई।
विधेयक के उद्देश्य को समझाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि विशिष्ट समुदायों को लक्षित करने वाले बयानों और कार्यों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए घृणा अपराधों की सटीक परिभाषा आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया, “यह किसी विशेष समुदाय के विरुद्ध बोलने से संबंधित है।” इसके अतिरिक्त, उन्होंने नए कानून के तहत दंडों का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है, “घृणा अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि बार-बार अपराध करने पर (दो या तीन बार), सजा बढ़ा दी जाएगी।
 

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उन्होंने कहा कि बार-बार अपराध करने पर, सजा बढ़ाकर दो वर्ष और जुर्माना 1 लाख रुपये (50,000 रुपये के बजाय) कर दिया जाएगा। विधेयक पारित होने के बाद, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि इस कानून का उद्देश्य किसी विशिष्ट व्यक्ति को निशाना बनाना नहीं है।

सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोजर चला दिया…, VB G RAM G Act पर राहुल गांधी का नया वार

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (VB-G RAM-G विधेयक) पर संसद में चर्चा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक विकास लाने के लिए नहीं, बल्कि विनाश लाने के लिए है, जिसका खामियाजा भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर भुगतना पड़ेगा।
 

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गांधी ने लिखा कि कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं, संसद में कोई विचार-विमर्श नहीं, राज्यों की सहमति नहीं – मोदी सरकार ने एमजीएनआरईजीए और लोकतंत्र दोनों पर ही बुलडोजर चला दिया है। यह विकास नहीं, बल्कि विनाश है – जिसका खामियाजा लाखों मेहनतकश भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी का यह लेख अवश्य पढ़ें, जो इस गंभीर मुद्दे के हर पहलू को उजागर करता है।
संसद ने 18 दिसंबर को विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक पारित किया और 21 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई। विधेयक के अनुसार, ग्रामीण परिवारों के प्रत्येक वयस्क सदस्य को अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए वर्तमान 100 दिनों के बजाय 125 दिनों का मजदूरी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। विधेयक की धारा 22 के अनुसार, केंद्र और राज्यों के बीच निधि बंटवारे का अनुपात 60:40 होगा। 
 

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पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर सहित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह अनुपात 90:10 होगा। विधेयक की धारा 6 के तहत राज्य सरकारें वित्तीय वर्ष में 60 दिनों तक की अवधि को अग्रिम रूप से अधिसूचित कर सकती हैं, जिसमें बुवाई और कटाई जैसे कृषि के चरम मौसम शामिल होंगे। इसी बीच, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में एक संपादकीय लेख में केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) और अन्य महत्वपूर्ण कानूनों में प्रस्तावित परिवर्तनों के माध्यम से अधिकार-आधारित विधायी ढांचे को नष्ट करने का आरोप लगाया।

20 मिलियन डॉलर का निवेश! भारत-न्यूजीलैंड के बीच FTA का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके न्यूजीलैंड समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने के लिए टेलीफोन पर बातचीत कीदोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से इस महत्वाकांक्षी समझौते के संपन्न होने की घोषणा की, जो रिकॉर्ड नौ महीनों में साकार हुआ दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित करने के प्रति आशावाद व्यक्त किया, जिसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना और आगामी 15 वर्षों में भारत में न्यूजीलैंड से 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करना है। एक्स पर हुए महत्वपूर्ण समझौते के बारे में जानकारी देते हुए लक्सन ने कहा कि भारत को न्यूजीलैंड के 95% निर्यात पर टैरिफ हटा दिए गए हैं।

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लक्सन ने पोस्ट किया कि न्यूजीलैंड-भारत मुक्त व्यापार समझौते के समापन के बाद मैंने अभी-अभी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। इस मुक्त व्यापार समझौते से भारत को होने वाले हमारे 95% निर्यात पर शुल्क कम हो गया है या पूरी तरह से हटा दिया गया है। अनुमान है कि अगले दो दशकों में न्यूजीलैंड से भारत को होने वाला निर्यात प्रति वर्ष 1.1 अरब डॉलर से 1.3 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस कदम से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और न्यूजीलैंड के लोगों को अधिक वेतन मिलेगा क्योंकि उन्हें दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक तक पहुंच प्राप्त होगी।

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व्यापार को बढ़ावा देने का मतलब है न्यूजीलैंड में अधिक रोजगार, अधिक वेतन और मेहनती न्यूजीलैंडवासियों के लिए अधिक अवसर। यह समझौता हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत मित्रता को और मजबूत करता है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और इससे न्यूजीलैंड के व्यवसायों को 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच प्राप्त होगी

Epstein Files से किसने गायब की थीं ट्रंप की तस्वीरें? सवाल उठे तो अमेरिकी न्याय विभाग ने क्या नया बताया

चमकती रोशनियां, आलीशान महल, निजी जेट और बंद दरवाजों के पीछे छिपी एक ऐसी दुनिया जहां ताकत, पैसा और रसूख एक दूसरे में खुलकर बड़े स्कैंडल को अंजाम दे रहे थेयह किसी फिल्म की कहानी नहीं हैयह हकीकत हैयह कहानी है जेफरी एबस्टीन की और उन रहस्यमई फाइलों की जिन्हें दुनिया सालों से सामने आने का इंतजार कर रही हैइन फाइलों में दुनिया के बड़े चेहरों के सेक्स स्कैंडल का खुलासा हैकई पूर्व राष्ट्रपति, बड़े बिजनेस कारोबारी और ऐसे तमाम लोग हैं जिन्हें दुनिया बेहद कामयाब मानती हैलेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इस फाइल में क्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोटो और कारनामे छिपे थे? क्या इन्हें अब गायब कर दिया गया है?

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एपस्टीन से जुड़े एक पुरानी तस्वीर जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिया जा रहा था। क्या वो तस्वीर 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन प्लेटफार्म से हटा दी गई? दावा किया गया कि जो दस्तावेज सार्वजनिक पोर्टल से हटे हैं उनमें ऐसी कई तस्वीरें और फाइलें थी जो एफसीन की निजी संपत्ति से जुड़ी बताई जा रही थी। इनमें उसके घर में मौजूद कलाकृतियों, फर्नीचर और निजी ड्रर से जुड़ी तस्वीरें शामिल थी। कुछ तस्वीरों को लेकर दावा किया गया कि वे आपत्तिजनक प्रकृति की थी। इन फाइलों में एक फोटो ऐसी भी थी जिसमें जेफरी एस्टीन के साथ डोनल्ड ट्रंप, उनकी पत्नी मिलानिया ट्रंप और घिसलेन मैक्सवेल नजर आ रहे थे।

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अमेरिकी उप अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लैंच ने कहा कि जेफरी एपस्टीन फाइलों से डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर सहित अन्य तस्वीरों को हटाने का राष्ट्रपति से कोई संबंध नहीं है। न्याय विभाग ने एक दिन पहले हटाई गई ट्रंप की तस्वीर को बहाल कर दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि उसने यह निष्कर्ष निकालने के बाद तस्वीर को बहाल किया कि दिवंगत यौन अपराधी के पीड़ितों के लिए इस तस्वीर के सार्वजनिक होने का कोई खतरा नहीं है। शनिवार को बिना किसी स्पष्टीकरण के इसे हटाए जाने के बाद डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति के पक्ष में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप लगाए, जो एपस्टीन के पूर्व मित्र थे। ब्लैंच ने कहा कि पीड़ित सहायता समूहों के अनुरोध पर कुल 16 तस्वीरें हटाई गई हैं। ब्लैंच ने बताया कि तस्वीरों की जांच जारी है और यह तय होने के बाद कि उनमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता है या नहीं, उन्हें संभवतः दोबारा अपलोड कर दिया जाएगा।

Kerala: पथनमथिट्टा में मवेशियों पर हमला करने वाला बाघ पकड़ा गया

केरल के पथनमथिट्टा जिले में आबादी वाले इलाकों में घुसकर मवेशियों पर हमला करने वाले एक वयस्क बाघ को सोमवार को पकड़ लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वडासेरीकारा के पास कुंबलथमन क्षेत्र में पिछले दो महीनों से इस बाघ की मौजूदगी की खबरें मिल रही थीं। यह बाघ लगातार पालतू जानवरों को अपना शिकार बना रहा था।
वन विभाग के कर्मियों ने इलाके में कैमरे लगाए, जिससे बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी।

अधिकारियों ने बताया कि वन क्षेत्र से सटे कुंबलथमन में इस बाघ ने कई भैंसों, कुत्तों और बकरियों को मार डाला था। उन्होंने बताया कि रविवार को एक सुनसान जगह पर एक बकरी मरी पाई गई, बाघ ने ही उसका शिकार किया था।

इसके बाद, वन विभाग के अधिकारियों ने बकरी के कंकाल को एक पिंजरे के पास प्रलोभन के रूप में रखा।
उन्होंने बताया कि सोमवार तड़के जब बाघ वहां गया तो वह पिंजरे में फंस गया। पकड़े गए बाघ को चिकित्सीय जांच के लिए पास के वन केन्द्र ले जाया जाएगा।

एक अधिकारी ने बताया कि बाद में यह निर्णय लिया जाएगा कि बाघ को वापस जंगल में छोड़ा जाए या उसे निगरानी में रखा जाए।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हालांकि मवेशियों के मारे जाने की घटनाओं से स्थानीय निवासियों में दहशत थी, लेकिन इस बाघ ने कभी इंसानों पर हमला नहीं किया।

Gurugram में सातवीं कक्षा की छात्रा से कई महीने तक बलात्कार, बच्चे को दिया जन्म; आरोपी गिरफ्तार

गुरुग्राम में बलात्कार पीड़िता 15 वर्षीय एक किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
सातवीं कक्षा की छात्रा ने सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया।

पुलिस ने एक निजी कंपनी में काम करने वाले 34 वर्षीय आरोपी राजेश को दिसंबर 2024 और मार्च के बीच किशोरी से कई बार बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार, राजेश ने इस साल फरवरी में अपना किराये का मकान खाली कर दिया था, क्योंकि उसे एहसास हो गया था कि शायद उसी की वजह से किशारी गर्भवती हुई है।
पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ सेक्टर 10 थाने में मामला दर्ज किया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पूर्व में खारिज हुआ था अरावली पर्वतमाला के 100 मीटर का फॉर्मूला, अब इसकी सिफारिश क्यों: Gehlot

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अरावली की परिको लेकर उपजे विवाद के बीच, रविवार को सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने उस ‘100 मीटर’ फॉर्मूले को क्यों मान्यता दी, जिसे उच्चतम न्यायालय ने 2010 में ही खारिज कर दिया था।
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर अरावली को खनन माफिया के हवाले करने की कोशिश कर राज्य के भविष्य को खतरे में डालने का आरोप लगाया।

गहलोत का 100 मीटर फॉर्मूले से तात्पर्य केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत गठित एक समिति की अरावली पर्वतमाला की परिसंबंधी हालिया सिफारिशों से था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने 20 नवंबर को स्वीकार कर लिया था।

नयी परिके अनुसार, “अरावली पर्वतमाला, निर्दिष्ट अरावली जिलों में स्थित ऐसी स्थलाकृति है जिसकी ऊंचाई स्थानीय भू-भाग से 100 मीटर या उससे अधिक हो और 500 मीटर की दूरी के भीतर स्थित दो या दो से अधिक ऐसी पहाड़ियों का समूह है।”

गहलोत ने दोहराया कि नयी परिसे राज्य की 90 प्रतिशत पर्वतमाला नष्ट हो जाएगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित परिसे अरावली क्षेत्र का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ‘संरक्षित क्षेत्र’ के अंतर्गत आ जाएगा।

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौर ने भी दिन में गेहलोत के दावे को ‘बेबुनियाद और भ्रामक’ बताते हुए कहा था कि नया ढांचा ‘पहले से अधिक सख्त’ और ‘अधिक वैज्ञानिक’ है।

गहलोत ने राठौर के बयान के बाद कहा कि 2003 में एक विशेषज्ञ समिति ने आजीविका और रोजगार के परिप्रेक्ष्य से ‘100 मीटर’ की परिकी सिफारिश की थी।
उन्होंने कहा, “इस सिफारिश पर अमल करते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने 16 फरवरी 2010 को न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल किया। हालांकि, न्यायालय ने केवल तीन दिनों के भीतर ही इस परिको खारिज कर दिया।”

गहलोत ने कहा कि उनकी तत्कालीन सरकार ने न्यायपालिका के आदेश को स्वीकार किया और बाद में भारतीय वन सर्वेक्षण के माध्यम से अरावली क्षेत्र का मानचित्रण करवाया।

उन्होंने कहा, “हमारी कांग्रेस सरकार ने अरावली में अवैध खनन का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग के उपयोग के निर्देश दिये थे। 15 जिलों में सर्वेक्षण के लिए सात करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी बताया कि पुलिस अधीक्षकों और जिलाधिकारियों को अवैध खनन पर अंकुश लगाने की सीधी जिम्मेदारी दी गई थी।
गहलोत ने कहा, “अब सवाल यह है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार ने केंद्र की एक समिति को उसी परिका समर्थन और सिफारिश क्यों की, जिसे न्यायालय ने 2010 में पहले ही खारिज कर दिया था।”
उन्होंने आशंका जताई कि इसके पीछे दबाव या कोई बड़ी साजिश रही होगी।