Sunday, July 13, 2025
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जम्मू-कश्मीर के रियासी में घुसपैठ के आरोप में बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटरा से बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में बांग्लादेश के एक नागरिक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के आधार शिविर एशिया चौक के पास नियमित जांच कर रहे पुलिस के एक दल ने फहीम अहमद को संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया।

पुलिस ने बताया कि पुलिसकर्मियों को देखकर अहमद ने छिपने की कोशिश की लेकिन अंततः उसे पकड़ लिया गया।
पुलिस के मुताबिक, अहमद के पास से एक बांग्लादेशी पहचान पत्र कथित तौर पर मिला हालांकि, वह भारत में अपनी उपस्थिति का औचित्य सिद्ध करने के लिए कोई वैध यात्रा दस्तावेज, वीजा या पासपोर्ट नहीं दिखा सका।

पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि अहमद ने आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करते हुए अनधिकृत तरीकों से भारत में प्रवेश किया।
प्रवक्ता ने बताया कि कटरा थाने में विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कर उसके अवैध प्रवेश के पीछे के मकसद और संभावित संबंधों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने त्वरित कार्रवाई के लिए टीम की प्रशंसा की और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
उन्होंने नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना निकटतम पुलिस इकाई को देने का आग्रह किया।

रूस के यूक्रेन में किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत

रूस ने हमले तेज करते हुए शनिवार रात को यूक्रेन पर सैकड़ों ड्रोन से बमबारी की जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई।
रूसी हमलों से इस तीन साल से अधिक पुराने युद्ध के समाप्त होने की संभावनाएं और क्षीण हो गई हैं।

क्षेत्रीय गवर्नर रुस्लान जापारानियुक ने शनिवार को बताया कि रूसी सेना ने दक्षिण-पश्चिमी यूक्रेन के चेर्नित्सि क्षेत्र के बुकोविना क्षेत्र पर चार ड्रोन और एक मिसाइल से हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि ड्रोन से किए गए हमलों के बाद मलबे में दबने से दो लोगों की मौत हो गई।

क्षेत्रीय गवर्नर मैक्सिम कोजित्स्की ने कहा कि यूक्रेन के पश्चिमी ल्वीव क्षेत्र में हुए ड्रोन हमले में छह लोग घायल हो गए हैं।
मेयर इहोर तेरेखोव ने बताया कि पूर्वोत्तर यूक्रेन के खार्किव में आठ ड्रोन और दो मिसाइलों से हमला किया गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं।

यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि रूस ने शनिवार रात तक यूक्रेन में 597 ड्रोन और 26 क्रूज मिसाइलें दागीं। इनमें से 319 ड्रोन और 25 क्रूज मिसाइलें मार गिरायी गईं।
वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने शनिवार रात 33 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए।

Patna Airport Bomb Threat | पटना हवाई अड्डे को ईमेल के माध्यम से मिली बम की धमकी अफवाह निकली, सुरक्षा बढ़ाई गई

पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है। यह धमकी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आई है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि ईमेल के ज़रिए बम की धमकी मिलने के बाद पटना के जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय (जेपीएनआई) हवाई अड्डे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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अधिकारियों को ईमेल के माध्यम से बम की धमकी मिलने के बाद शनिवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई, हालांकि यह धमकी अफवाह निकली। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हवाई अड्डे की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘शुक्रवार रात नौ बजे हवाई अड्डे के निदेशक के ईमेल आईडी पर बम की धमकी मिली। इसके तुरंत बाद, बम खतरा आकलन समिति (बीटीएसी) की बैठक बुलाई गई… समिति ने धमकी को अफवाह बताया।’’

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पुलिस अधीक्षक (पटना सेंट्रल) दीक्षा ने बताया कि घटना के बाद हवाई अड्डे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह धमकी अफवाह निकली। हम ईमेल भेजने वाले को ढूंढ़ने के लिए आईपी एड्रेस का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

Airline Pilots Association of India ने AAIB रिपोर्ट पर उठाये सवाल, कहा- रिपोर्ट मीडिया में हुई लीक, जांच में पारदर्शिता का अभाव

विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार आधी रात के कुछ ही देर बाद एयर इंडिया फ़्लाइट 171 दुर्घटना की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की।जाँच ब्यूरो ने एयर इंडिया B787-8 विमान दुर्घटना पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि जेट ईंधन स्विच ‘हवा में 1 सेकंड के अंतराल पर बंद हो गए’, एक पायलट को यह कहते हुए सुना गया कि ‘मैंने ईंधन बंद नहीं किया’।

नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने ज़ोर देकर कहा है कि 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जाँच रिपोर्ट में केवल प्रारंभिक निष्कर्ष हैं। मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर जल्दबाज़ी में कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाँच दल ने सराहनीय काम किया है। हम एआईबीबी (विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो) के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो। हमें उम्मीद है कि अंतिम रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी ताकि हम किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकें। 

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वहीं अब जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट पर, एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अपना बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा, “जांच का लहजा और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है। हम इस धारणा को पूरी तरह से खारिज करते हैं और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर ज़ोर देते हैं।”

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रिपोर्ट बिना किसी ज़िम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर या जानकारी के मीडिया में लीक कर दी गई। जांच में पारदर्शिता का अभाव है क्योंकि जांच गोपनीयता में लिपटी हुई है, जिससे विश्वसनीयता और जनता का विश्वास कम हो रहा है। योग्य, अनुभवी कर्मियों, खासकर लाइन पायलटों को अभी भी जांच दल में शामिल नहीं किया जा रहा है।

Pir Panjal में 50 आतंकियों की तलाश में चप्प-चप्पा छाना जा रहा, डोडा, किश्तवाड़ से लेकर रियासी तक Security Forces का ऑपरेशन तेज

जम्मू-कश्मीर के पीर पंजाल पर्वतीय क्षेत्र और इसके दक्षिणी भागों में सुरक्षा बलों ने एक व्यापक और सुनियोजित आतंकवाद-विरोधी अभियान शुरू कर रखा है। इस अभियान का उद्देश्य, लगभग 40–50 आतंकवादियों का पता लगाना और उन्हें निष्क्रिय करना है, जो कि क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। हम आपको बता दें कि उधमपुर, रेयासी, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में करीब 30 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी सक्रिय बताए जा रहे हैं। राजौरी और पुंछ जिलों में 15–20 अन्य आतंकी मौजूद हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इन आतंकवादियों में से 80–85% पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो घाटी में घुसपैठ कर छिपे हुए हैं।
सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को पकड़ने और उनके ठिकानों को खत्म करने के लिए बहु-स्तरीय रणनीति अपनाई है। आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और निगरानी विमान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, आतंकियों को सीमा पार से मिलने वाली हथियार और सामान की हवाई आपूर्ति को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक सक्रिय की गई है। साथ ही उच्च दुर्गम पर्वतीय इलाकों में विशेष बलों की तैनाती की गई है, ताकि आतंकियों के छिपने के संभावित ठिकानों को घेरा जा सके। इसके अलावा, नाइट विज़न डिवाइस और आधुनिक तकनीकी उपकरणों की मदद से रात में तलाशी अभियान को तेज़ किया गया है।
हम आपको यह भी बता दें कि इस अभियान की सफलता में खुफिया एजेंसियों की भूमिका के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सूचनाएं भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त ज़मीनी इनपुट के आधार पर सुरक्षाबल आतंकियों की संभावित गतिविधियों पर त्वरित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अधिकारियों ने बताया है कि आतंकियों द्वारा कश्मीर घाटी में प्रवेश करने के सभी प्रमुख मार्गों को सील कर दिया गया है और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए रोकथाम के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। इसके साथ ही संवेदनशील और अति-संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती कर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत किया गया है।
देखा जाये तो पीर पंजाल और जम्मू डिवीजन के दुर्गम क्षेत्रों में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क के विरुद्ध यह अभियान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सटीक रणनीति और समन्वय का उदाहरण है। इस अभियान का लक्ष्य न केवल आतंकियों को निष्क्रिय करना है, बल्कि घाटी में उनकी पुनः घुसपैठ की संभावनाओं को भी जड़ से समाप्त करना है। स्थानीय नागरिकों की सतर्कता, तकनीकी संसाधनों का कुशल उपयोग और सुरक्षा बलों का साहस, इन सभी की समन्वित भूमिका से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता को नया आधार मिलेगा।

ऑपरेशन शिव

हम आपको यह भी बता दें कि सेना ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर ‘ऑपरेशन शिव’ शुरू करते हुए गुफा मंदिर तक जाने वाले दोनों मार्गों पर एवं अन्य संबंधित स्थानों पर 8,500 सैनिकों को तैनात किया है एवं मानवरहित हवाई प्रणाली (सी-यूएएस) ग्रिड भी स्थापित किया है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा का सुचारू और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के साथ निकट समन्वय में ‘ऑपरेशन शिव’ शुरू किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष के उन्नत सुरक्षा ढांचे के तहत 8,500 से अधिक सैनिकों को तैनात किया गया है, जिन्हें व्यापक तकनीकी और परिचालन संसाधनों की सुविधा प्रदान की गई है।’’ ‘ऑपरेशन शिव’ के तहत प्रमुख तैनाती और कार्यों का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि नियमित ‘यूएवी’ मिशनों और यात्रा मार्गों और पवित्र गुफा की लाइव निगरानी के अलावा ड्रोन खतरों को बेअसर करने के लिए 50 से अधिक ‘सी-यूएएस’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू)’ प्रणालियों के साथ एक ‘काउंटर-यूएएस ग्रिड’ स्थापित किया गया है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि ‘ऑपरेशन शिव’ पवित्र तीर्थयात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, निर्बाध और आध्यात्मिक रूप से संतुष्टिदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कुर्सी मिलना बहुत मुश्किल, जब मौका मिले तो…, डीके शिवकुमार के बयान ने मचाई सनसनी

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजनीतिक व्यंग्य से भरपूर एक बयान देकर एक बार फिर बवाल खड़ा कर दिया है, जिससे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ कथित सत्ता-साझेदारी समझौते की अटकलों को बल मिला है। केम्पेगौड़ा जयंती समारोह में बोलते हुए, शिवकुमार ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं… यहाँ कुर्सियाँ हैं, कृपया आकर बैठ जाएँ। कुर्सी पाना आसान नहीं है। इसलिए एक बार मिल जाए, तो उसे हथिया लेना ही होगा।”
 

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हालाँकि यह बयान हास्य-व्यंग के साथ दिया गया और दर्शकों ने इसे खूब सराहा, लेकिन इन टिप्पणियों ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए अंदरूनी खींचतान की सुगबुगाहट को फिर से हवा दे दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि 2028 में राज्य में पार्टी को फिर से सत्ता में लाना उनका काम है, न कि सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री पद जैसे मुद्दों पर चर्चा करना। लेकिन, शिवकुमार ने शनिवार को कुर्सी वाली टिप्पणी करके नई अटकलों को हवा दे दी।
 

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर एक सवाल के जवाब में डीके शिवकुमार ने कहा, “पार्टी सही समय पर फैसला लेगी। मैं इस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर पहले मीडिया में चर्चा हो। हमारा काम 2028 में पार्टी को फिर से सत्ता में लाना है।” यह टिप्पणी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद आई है। बैठक के बाद, सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी अफवाह को सिरे से खारिज करते हुए ऐसी अटकलों को निराधार बताया। 

AI से अमेरिकी विदेश मंत्री Marco Rubio की आवाज बना कर अधिकारियों से कर ली बात, US Security की नींद उड़ी

एक चौंकाने वाली घटना ने वैश्विक राजनीति और साइबर सुरक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है। हम आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की आवाज की हूबहू नकल कर कई लोगों से बातचीत की गई। इस नकली संवाद के माध्यम से संवेदनशील सूचनाएं जुटाने और गलत दिशा में संवाद स्थापित करने की कोशिश की गई। इस घटना ने न केवल अमेरिका, बल्कि दुनिया भर की सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष एआई से जुड़ी एक नई और गंभीर चुनौती पेश कर दी है।
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, एआई आधारित वॉयस क्लोनिंग तकनीक की सहायता से किसी अज्ञात समूह ने मार्को रुबियो की आवाज की नकल तैयार की और विभिन्न सरकारी अधिकारियों, थिंक टैंक सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय संवादकर्ताओं से बातचीत की। इस दौरान उन व्यक्तियों को यह भ्रम रहा कि वे वास्तव में अमेरिकी विदेश मंत्री से बात कर रहे हैं। यह धोखाधड़ी न केवल अमेरिकी कूटनीति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी, बल्कि यह भी दिखाता है कि आवाज आधारित पहचान अब भरोसेमंद नहीं रही।
हम आपको बता दें कि वॉयस क्लोनिंग तकनीक पहले केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित थी, लेकिन अब यह सुलभ हो चुकी है। ओपन-सोर्स टूल्स और डीपफेक एआई मॉडल्स की मदद से किसी की भी आवाज की हूबहू नकल करना संभव हो गया है। इससे जुड़ा बड़ा खतरा तब उत्पन्न होता है जब यह तकनीक राजनेताओं, सैन्य अधिकारियों या बड़ी कंपनियों के सीईओ जैसे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के खिलाफ प्रयोग की जाती है।
देखा जाये तो इस घटना का उद्देश्य दोतरफा हो सकता है। एक तो नकली बातचीत के माध्यम से जानकारी इकट्ठा करना और दूसरा किसी देश या संस्था की छवि खराब करना या नीतिगत भ्रम उत्पन्न करना। यह घटना यह संकेत देती है कि वैश्विक स्तर पर ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर’ अब केवल टेक्स्ट या वीडियो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब ‘वॉयस डिप्लोमेसी हेजैकिंग’ का युग भी शुरू हो चुका है।
हम आपको यह भी बता दें कि इस घटना के बाद एफबीआई, एनएसए और यूएस साइबर कमांड जैसी एजेंसियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। सवाल यह भी है कि इस तरह की तकनीक का स्रोत क्या था– क्या यह किसी दुश्मन राष्ट्र की करतूत थी या कोई निजी साइबर गिरोह इस प्रयोग में शामिल था?
उधर, इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में रुबियो ने कहा कि वे अपने सभी विदेशी समकक्षों से संवाद करते समय हमेशा अधिकृत और आधिकारिक चैनलों का उपयोग करते हैं ताकि किसी भी तरह के धोखेबाज़ संपर्क से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी की रियलिटी है, जहाँ एआई के ज़रिये नकली चीज़ें बनना आम बात हो गई हैं।” रुबियो ने चेतावनी दी कि यह केवल एक घटना नहीं है— “ऐसी घटनाएँ भविष्य में और होंगी क्योंकि किसी भी व्यक्ति की आवाज़ का सिर्फ़ रिकॉर्डिंग ही पर्याप्त है।” उनका मानना है कि इस तरह का लक्ष्य “लोगों को ट्रिक करने” के लिए चुना जाता है ताकि उनकी जानकारी हासिल की जा सके। हम आपको बता दें कि इस घटना के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को फर्जी आवाज़ों के प्रति सजग रहने और किसी भी संदिग्ध संपर्क सहित साइबर हमलों की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि मई महीने में ही FBI ने आवाज़ और टेक्स्ट पर आधारित “vishing” और “smishing” हमलों पर चेतावनी जारी की थी, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की पहचान की नकल कर धोखाधड़ी की घटनाओं की संभावना जताई गयी थी।
दूसरी ओर, इस घटना को यदि भारत के संदर्भ में देखें तो हमारे जैसे लोकतांत्रिक और तेजी से डिजिटल होते देश के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है। चुनावी प्रक्रिया, सैन्य रणनीति या सार्वजनिक संवाद में अगर इस तरह की नकली आवाजें प्रवेश करती हैं तो ग़लतफहमियों और सामाजिक विघटन का खतरा बढ़ सकता है।
इस तरह के खतरों के संभावित समाधान की बात करें तो आपको बता दें कि इसके लिए वॉयस ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल बनाना होगा। किसी भी संवाद में वॉइस वेरिफिकेशन के नए डिजिटल हस्ताक्षर विकसित किए जाने चाहिए। साथ ही वॉयस क्लोनिंग और डीपफेक के खिलाफ स्पष्ट और सख्त कानून बनने चाहिए। इसके अलावा, आम नागरिकों को एआई से उत्पन्न संभावित धोखाधड़ी के प्रति सजग किया जाना चाहिए।
बहरहाल, मार्को रुबियो की आवाज की एआई से नकल और उसका दुरुपयोग केवल एक तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक सुरक्षा चुनौती है। यह घटना एक चेतावनी है कि अब पहचान केवल चेहरे या आवाज से नहीं हो सकती। आने वाले समय में हमें तकनीक को चुनौती देने वाले जवाब देने होंगे, तभी हम डिजिटल युग में सुरक्षित रह सकते हैं।

कनाडा तुम्हारा प्ले ग्राउंड नहीं, हिंदुस्तान जाओ, कपिल शर्मा को आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दी धमकी

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैफ़े पर हाल ही में हमला हुआ। अधिकारियों का मानना है कि यह प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा एक लक्षित हमला था। हमले के कुछ दिनों बाद, खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कॉमेडियन को एक नई धमकी दी। अब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में कपिल शर्मा को धमकी दी है और कहा है कि वह अपना ‘खून का पैसा वापस हिंदुस्तान ले जाएं’।
 

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पन्नून ने कहा कि कपिल और हर दूसरे मोदी-ब्रांड हिंदुत्व निवेशक के लिए: कनाडा आपका खेल का मैदान नहीं है। अपनी खून की कमाई हिंदुस्तान वापस ले जाइए। कनाडा व्यापार की आड़ में हिंसक हिंदुत्व विचारधारा को कनाडा की धरती पर जड़ें जमाने नहीं देगा। कथित तौर पर, उसने आगे सवाल उठाया कि कपिल जो मेरा भारत महान का नारा लगाते हैं और खुलेआम मोदी के हिंदुत्व का समर्थन करते हैं वे भारत में निवेश करने के बजाय कनाडा में निवेश क्यों कर रहे हैं।
 

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भारत द्वारा आतंकवादी घोषित बीकेआई के एक सदस्य हरजीत सिंह लाडी ने एक वीडियो संदेश में कपिल शर्मा के कैफ़े पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने लाडी की गिरफ़्तारी में मददगार जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है, जो सीमा पार चरमपंथी गतिविधियों में उसकी संदिग्ध संलिप्तता की गंभीरता को दर्शाता है। इस झटके के बावजूद, कप्स कैफ़े ने खुला रहने और समुदाय के लिए एक सुरक्षित, आनंददायक जगह के रूप में सेवा करने के अपने मिशन को जारी रखने का संकल्प लिया है। इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा गया, “हमने स्वादिष्ट कॉफ़ी और दोस्ताना बातचीत के ज़रिए गर्मजोशी, सामुदायिकता और खुशी लाने की उम्मीद के साथ कप्स कैफ़े खोला था। उस सपने के साथ हिंसा का टकराव दिल दहला देने वाला है। हम इस सदमे से उबर रहे हैं, लेकिन हार नहीं मान रहे हैं।”

Myanmar में मठ पर हवाई हमला, 3 बच्चों सहित 22 नागरिकों की दर्दनाक मौत

म्यांमार के मध्य भाग में स्थित एक मठ पर हाल ही में हुए हवाई हमले में 20 से अधिक आम नागरिकों की जान चली गई, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। यह जानकारी एक स्थानीय निवासी और सैन्य शासन विरोधी लड़ाके ने एएफपी को शनिवार को दी। म्यांमार में वर्ष 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। खासतौर पर सगाइंग क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां सेना ने सशस्त्र समूहों को निशाना बनाते हुए गांवों पर हवाई हमले किए हैं।
सबसे हालिया हमला शुक्रवार तड़के लगभग 1:00 बजे लिन ता लू गांव में हुआ। एक सैन्य विरोधी लड़ाके ने बताया कि “वहां एक बौद्ध मठ था, जहां आंतरिक रूप से विस्थापित लोग शरण लिए हुए थे। उसी पर हवाई हमला हुआ।” उसके अनुसार, इस हमले में 22 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी थे, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उसने कहा, “लोगों ने सोचा था कि मठ में रहना सुरक्षित रहेगा, लेकिन वहां भी बम गिरा दिया गया।”
 

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जुंटा (सैन्य शासन) के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने इस घटना पर एएफपी के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। एक स्थानीय निवासी ने भी पुष्टि की कि मठ का सभागार पूरी तरह नष्ट हो गया। उन्होंने बताया कि कई शवों को एक कार में रखकर शुक्रवार सुबह श्मशान ले जाया गया। वह व्यक्ति जो पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बोल रहा था, उसने कहा कि जब वह शवों की पहचान के लिए तस्वीरें लेने श्मशान गया तो उसने वहां 22 शव गिने। “कई शवों के सिर पर गंभीर चोटें थीं या उनके अंग कटे-फटे थे। यह बेहद दुखद दृश्य था,” उसने बताया।
 

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मार्च में सगाइंग क्षेत्र में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में लगभग 3,800 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे। उस समय सेना और सशस्त्र समूहों के बीच अस्थायी युद्धविराम की बात कही गई थी, लेकिन संघर्ष और हवाई हमले अब भी जारी हैं। मई में, इसी क्षेत्र के ओ हेइन क्विन गांव में एक स्कूल पर हुए हवाई हमले में 20 छात्रों और दो शिक्षकों की जान चली गई थी।

भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई का बड़ा बयान

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है और इसमें सुधार की सख्त ज़रूरत है। हैदराबाद के जस्टिस सिटी स्थित नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉ के दीक्षांत समारोह में न्यायमूर्ति गवई ने छात्रों को सलाह दी कि वे छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करें, न कि परिवार की आर्थिक स्थिति पर दबाव डालें। उन्होंने आगे कहा कि आशावादी हूँ कि मेरे साथी नागरिक चुनौतियों का सामना करेंगे। मुकदमों में कभी-कभी दशकों तक देरी होती है। हमने ऐसे कई मामले देखे हैं जहां किसी व्यक्ति को विचाराधीन कैदी के रूप में वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष पाया गया है। हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनके समाधान में हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं मदद कर सकती हैं।
 

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मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि हालांकि मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि हमारी न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त ज़रूरत है, फिर भी मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आशावादी हूँ कि मेरे साथी नागरिक इन चुनौतियों का सामना करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें एक पोषणकारी शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करना होगा, पारदर्शी और योग्यता-आधारित अवसर प्रदान करने होंगे, और सबसे महत्वपूर्ण बात, भारत में कानूनी अनुसंधान और प्रशिक्षण की गरिमा और उद्देश्य को पुनर्स्थापित करना होगा। भारत की कानूनी विरासत का केवल जश्न मनाना ही पर्याप्त नहीं है। 
न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि हमें इसके भविष्य में निवेश करना होगा, और यह भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने शोधकर्ताओं, अपने युवा संकाय और वकीलों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। हमें न केवल संस्थानों में, बल्कि कल्पनाशीलता, मेंटरशिप कार्यक्रमों, शोध फेलोशिप, स्थानीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और नैतिक कार्यस्थलों में निवेश करने की आवश्यकता है, जो हमारे सर्वश्रेष्ठ दिमागों को रुकने या वापस लौटने के लिए प्रेरित करें। 
 

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उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा देश और हमारी न्याय व्यवस्था अनूठी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुकदमों में देरी कभी-कभी दशकों तक चल सकती है। हमने ऐसे मामले देखे हैं जहाँ किसी व्यक्ति को विचाराधीन कैदी के रूप में वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष पाया गया है। हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएँ हमें उन समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकती हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं।