Saturday, May 31, 2025
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Pahalgam to Operation Sindoor Part 1| आतंकियों ने पहलगाम अटैक के लिए ये टाइम क्यों चुना | Teh Tak

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल मंगलवार की दोपहर 3:00 बजे जो कुछ हुआ उसने इंसानियत को तार तार कर दिया। मानवता को शर्मसार कर दिया। भारत की एकता को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। हैरान करने वाली वो घटना है जब आतंकी पति को मारते हुए पत्नी को छोड़ते हुए कहता है कि मोदी से जाकर बताना। आतंकियों ने तो मोदी को जाकर बताने को कहा था लेकिन इस घटना के बाद जो हुआ वो आने वाले तूफान से पहले का संकेत जरूर दे रहे थे। पहलगाम हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत सरकार कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने की हर संभव कोशिश कर रही है, वहां सालों बाद विधानसभा चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्वक संपन्न हुए हैं, वापस घाटी में सैलानियों का हुजूम आने लगा था, उस शांति के वक्त में आतंकियों ने यह हमला क्यों किया? क्या इस हमले की टाइमिंग सोच समझकर चुनी गई है? 

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नाम-धर्म पूछकर मारी गोली, कलमा पढ़ने को बोला गया 
पहलगाम के वैसारन के मैदानों में आतंकी हमले के बाद चीखें गूंज उठीं। आतंकियों की गोली का शिकार 20 से ज्यादा टूरिस्ट खून से लथपथ जमीन पर बेसुध पड़े थे। लोगों ने वताया कि भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने करीब 40 टूरिस्टों के समूह को घेर लिया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जैसे ही फायरिंग शुरू हुई, स्थानीय लोग किसी तरह जान बचाकर भागे, लेकिन टूरिस्ट आसान निशाना बने। हमले का भयावह वीडियो सामने आया, जिसमें एक महिला रोती हुई मदद मांग रही है और स्थानीय शख्स से कह रही है कि आतंकी धर्म पूछ-पूछकर लोगों को गोली मार रहे थे। एक अन्य ने कहा कि मैं पति के साथ बैठी थी कि एक आतंकी ने कहा कि ये मुस्लिम नहीं लग रहे, इन्हें मार दो। इसके बाद पति के सिर में गोली मार दी और फायरिंग करते हुए भाग निकले। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मरने वाले पर्यटकों में शामिल सुशील नथानियल के रिश्तेदारों का कहना है कि ईसाई समुदाय के नथानियल को गोली मारकर उनकी जान लेने से पहले आतंकियों ने उन्हें कलमा पढ़ने के लिए बोला था। 
सऊदी अरब की यात्रा पर थे प्रधानमंत्री, अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत में मौजूदगी 
पहलगाम में जिस वक्त ये कायराना हमला हुआ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर जेद्दा पहुंचे थे। लेकिन कश्मीर में आतंकी हमले के बाद उन्होंने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़ने का फैसला किया। भारत लौटने पर कैबिनेट की सुरक्षा समिति की मीटिंग की। जिस वक्त पहलगाम में हमला हो रहा था उस समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने पूरे परिवार के साथ जयपुर में थे। ऐसा ही 20 मार्च 2000 को भी हुआ था जब, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा से ठीक एक दिन पहले, आतंकवादियों ने अनंतनाग के चित्तिसिंघपोरा में कम से कम 36 सिख ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। जेडी वेंस ने तुरंत ही ट्वीट करके अपना शोक जताया। 
आतंकी हमलों की 20 सालों की टाइमलाइन 
9 जून, 2024 : 10 की मौत, 33 घायल। शिवखोरी गुफा मंदिर से लैंट रहे श्रद्धालुओं से भरी बस आतंकवादियों की गोलीबारी के बाद खाई में गिरी। 
13 मई, 2022: 4 की मौत, 24 घायल। आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की बस में बम लगा दिया था। रायसी में यह घटना हुई। 
10 जुलाई, 2017: 7 मौतें, 21 घायल। अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों को बस पर हमला। 
21 जुलाई, 2006: 5 की मौत। तीर्थयात्रियों की बस पर हमला। 
12 जून 2006: 9 की मौत। कुलगाम में आतंकी हमले में नेपाली और बिहारी मजदूरों को निशाना बनाया गया।  
25 मई, 2006: 4 की मौत, 6 घायल। श्रीनगर में मनमोहन सिंह के सम्मेलन के कुछ घंटों बट बालपपेरा में ग्नेनेड अटैक। 
13 जून, 2005: 13 की मौत, 100 घायल। पुलवामा में सरकारी स्कूल के खगने मार्केट में विस्फोटकों से लदी कार में विस्फोट हो गया। 
22 जुलाई, 2003: 6 की मौत, 48 घायल। कलरा से दो किलोमीटर दूर बाणगंगा में 2 ब्लास्ट हुए। 
23 मार्च, 2003: 24 की मौत। पुलवामा के नंदीगार्ग में 24 कश्मीरी पंडितों को मार डाला। 
24 नवंबर, 2002: 13 की मौत, 45 घायल। जमू के रघुनाथ और पंजाबबस्तर में लश्कर-ए-तैयबा के दो आत्मघाती दस्तों के हमले हुए। 
23 नवंबर, 2002: जम्मू-श्रीनगर NH पर लेअर गुहा में आईईडी विस्फोट हुआ। 
6 अगस्त, 2002: नुमवन बेस कैंप पर हमला हुआ। 9 की मौत। 
30 मार्च, 2002: 7 की मौत, 20 घायल। रघुनाथ मंदिर पर दोहरा फिदायीन हमला। 
1 अक्टूबर, 2001: 36 की मौत। श्रीनगर में विधानमंडल परिसर में फिदायीन हमला हुआ। 
20 जुलाई, 2001: 15 की मौत, 15 घायल। शेषनाग झील के परा शिविर पर ग्रेनेड अटैक। 
2 अगस्त, 2000: 32 की मौत, 60 घायल। अमरनाथ यात्रियों को निशान बनाकर नुनन बेस कैंप पर आतंकी हमला किया गया। 
21 मार्च, 2000: 36 की मौत। अनंतनाग में सिख समुदाय को निशाना बाकर हमला। 
28 जुलाई, 1998: 20 की मौत। अमरनाथ यात्रियों पर शेषनाग शिविर में एमल किया गया। 
4 जुलाई, 1995: 6 का अपहरण। आतंकियों ने छह विदेशी पर्यटकों को अगवा कर एक की हत्या की, बाकियों का पता नहीं चला। 

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