जब पाकिस्तान पर हमला हो रहा था तो देश के आर्मी चीफ, एयर चीफ मार्शल, नेवी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ यानी सीडीएस कहां थे? किस तरह से निगरानी हो रही थी। कितने स्क्रिन्स के जरिए पाकिस्तान को मॉनिटर किया जा रहा था। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी हुई कुछ ऐसी जानकारी सामने आई है। जिसके बाद एक बार फिर से साबित होता है कि इंडियन आर्मी, इंडियन एयर फोर्स और नेवी क्यों पूरी दुनिया में अपनी डिसिप्लिन के लिए इतनी प्रोफेशनल्स कही जाती है। भारत ने पाकिस्तान पर किए गए अपने सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के लिए पहली बार रेड टीमिंग की स्ट्रैटर्जी अपनाई है। रेड टीमिंग का मतलब है कि विरोधियों की मानसिकता, रणनीति और रिएक्शन पैटर्न सोचकर हमारी योजना की जांच किया जाता है। टीम ये देखती है कि अगर हम ऐसा करेंगे तो दुश्मन क्या प्रतिक्रिया देगा। इससे ऑपरेशन की तैयारी और मजबूत हो जाती है।
इसे भी पढ़ें: जंगी तैयारी में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम, भारत बना रहा है J-35 का भी बाप, देसी 5th जेन फाइटर जेट दुनिया के सामने आया
पांच टॉप ऑफिसिशल्स की टीम
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने किसी वास्तविक ऑपरेशन में इस अवधारणा का परीक्षण किया है, जो भारत के रणनीतिक सिद्धांत में बदलाव को दर्शाता है। इसके साथ ही क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशनों के लिए अधिक गतिशील और पूर्वानुमानित दृष्टिकोण लेकर आया है। सेना के सूत्रों के अनुसार, इस बार ऑपरेशन की योजना बनाते समय पांच सीनियर अधिकारियों की एक रेड टीम बनाई गई थी। ये अधिकारी देश के अलग अलग हिस्सों से लिए गए थे।
महाभारत के इस किरदार से प्रेरित तकनीक
भारतीय सेना ने इस तकनीक को विदुर वक्ता का नाम दिया है। ये महाभारत के किरदार विदुर से प्रेरित है। विदुर महर्षि वेदव्यास और एक दासी के पुत्र थे। विदुर को हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री, कौरवों और पांडवों के चाचाश्री, तथा धृतराष्ट्र और पाण्डु के भाई के रूप में जाना जाता है। उन्हें यमराज का अवतार भी माना जाता है। विदुर अपने ज्ञान, बुद्धि, नीति और धर्म के लिए प्रसिद्ध थे। विदुर ने हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की सलाह दी। विदुर की नीति, जिसे विदुर नीति के नाम से जाना जाता है, बहुत प्रसिद्ध है। विदुर नीति में जीवन, समाज और राजनीति से संबंधित महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। विदुर को एक बुद्धिमान और नीतिज्ञ व्यक्ति के रूप में माना जाता है।
इसे भी पढ़ें: भारत के खिलाफ की थी मदद, अब एर्दोगन को शुक्रिया कहने Tukey पहुंचे शहबाज शरीफ
योजनाओं और सिमुलेशन की करती है जांच
सेना के पास पहले से ही शिमला स्थित प्रशिक्षण कमान (एआरटीआरएसी) के अंतर्गत एक रेडफॉर (लाल सेना) इकाई है, जो युद्ध अभ्यास योजनाओं और सिमुलेशनों की जांच करने के लिए जिम्मेदार है। आमतौर पर कागज पर या रेत मॉडल का उपयोग करके किए जाते हैं और उन मापदंडों और संदर्भ की शर्तों को निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है जिनके भीतर इन अभ्यासों की योजना बनाई और निष्पादित की जानी है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि रेडफोर विरोधी रणनीति का अनुकरण करता है और प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण है, जबकि रेड टीम अपनी योजनाओं और विरोधी पर उनके प्रभाव तथा हर कदम पर विरोधी की अनुमानित प्रतिक्रिया का अध्ययन करती है।