पाकिस्तान की एक बार फिर भीषण बेइज्जती हुई है। पाकिस्तान ऐसे दावे कर रहा था कि इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं। पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की खबरें भी चल रही थी। लेकिन अमेरिका ने अब इनका खंडन कर दिया है। पाकिस्तानी चैनलों एआरवाई और जियो ने रिपोर्ट दी कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद जा सकते हैं। इसके बाद रॉयटर्स ने भी उन्हीं रिपोर्ट्स के हवाले से खबर चलाई। हालांकि बाद में जब ये मालूम पड़ा कि ये खबर पूरी तरह से गलत है तो बकायदा जियो न्यूज ने माफीनामा भी जारी किया। जिसमें कहा गया कि बिना वेरिफेकेशन के खबर प्रसारित करने के लिए वो दर्शकों से माफी मांगता है।
इसे भी पढ़ें: विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत, अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर मुद्दों को सुलझाने की कर रहे हैं कोशिश
हालांकि ये पहली बार नहीं था जब पाकिस्तान ने फर्जी खबरें चलाई। आपको याद होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तानी मीडिया यही काम कर रही थी। फर्जी खबरों के सहारे दुनिया को गुमराह करने में लगी थी। लेकिन हमेशा की तरह बाद में उसकी भी पोल पट्टी सबके सामने खुल गई। आपको बता दें कि व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप की ऐसी कोई योजना यात्रा में नहीं है। व्हाइट हाउस इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का पाकिस्तान दौरा तय नहीं हुआ है। इसी तर्ज पर इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि हमारे पास ऐसी कोई घोषणा करने के लिए कुछ भी नहीं है।
इसे भी पढ़ें: Donald Trump Good Trouble Protest: अपने ही देश में घिरे ट्रंप, 1600 जगहों पर तानाशाह बताते हुए सड़क पर उतरे अमेरिकी
17 जुलाई की देर शाम दोनों पाक चैनलों ने भी रिपोर्ट वापस ले लीं। बता दें कि बीते माह पाक सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने वॉशिंगटन का दौरा किया था और ट्रम्प ने उन्हें वाइट हाउस में डिनर पर आमंत्रित किया था। हालांकि अब पाकिस्तान की फेक न्यूज की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हो गया है। वैसे देखा जाए तो अमेरिका ने पाकिस्तान को एक दिन में दो झटके दिए हैं। एक तो पाकिस्तानी मीडिया की फर्जी रिपोर्टिंग की धज्जियां दुनिया के सामने उड़ाई गई। दूसरा अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को फॉरेन टेरिरिस्ट ऑर्गनाइजेशन और विशेष रूप से विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) इकाई घोषित किया है।
इसे भी पढ़ें: Gaza से गधों को उठाया और भेज दिया सीधा फ्रांस, इजरायल ने चलाया दुनिया का सबसे अजीब ऑपरेशन
आपको बता दें कि टीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर में घातक पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह क्रमशः आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और शासकीय आदेश 13224 के तहत किया गया है। विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा की एफटीओ के रूप में स्थिति की भी समीक्षा की है और उसे बरकरार रखा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ के खिलाफ यह कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले में न्याय के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख पर काम करने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।