भारत ने एक ही समय पर पाकिस्तान पर तीन बड़े हमले कर दिए हैं। पहला हमला पीएम मोदी ने किया तो दूसरा हमला विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया। वहीं बची खुची कसर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरी कर दी। बलूचिस्तान और टीटीपी तो हथियारों से पाकिस्तान को मार रहा था। लेकिन भारत ने तो पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक ब्रह्मास्त्र निकाल लिया। हैरानी की बात ये है कि जिस वक्त भारत पाकिस्तान को भारत बुरी तरह धो रहा है, ठीक उसी वक्त चीन पीएम मोदी का नाम लेकर उनकी तारीफें करने लगा है। पीएम मोदी के एक ही तीर ने पाकिस्तान को घायल कर दिया। वही तीर जब ड्रैगन को जाकर लगा तो वो पीएम मोदी का गुणगान करने लगा है। चीन के मुंह से भारत और पीएम मोदी की तारीफें सुनकर पाकिस्तान तो बौखला ही जाएगा।
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पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर सबसे तीखा हमला किया है। पीएम मोदी ने एक पॉडकास्ट में कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी आतंकवाद की घटना होती है। उसमें पाकिस्तान का कनेक्शन कहीं न कहीं मिलता है। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति बहाल करने के हर प्रयास से सिर्फ दुश्मनी और विश्वासघात ही मिला। उन्होंने उम्मीद जताई कि द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पड़ोसी मुल्क के शीर्ष नेताओं को सद्बुद्धि आए। फिर भी, शांति बहाल करने के हर प्रयास के बदले दुश्मनी और विश्वासघात ही मिला। हम ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि आए और वे शांति का रास्ता चुनें। पीएम मोदी का एक एक शब्द पाकिस्तान के लिए ब्रह्मोस मिसाइल से भी खतरनाक था। पाकिस्तान को फटकारने के बाद पीएम मोदी ने अचानक चीन की तारीफ कर दी। पीएम मोदी के मुंह से चीन की तारीफ सुन पाकिस्तान का दिमाग घूम गया।
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पाकिस्तान पर दूसरा हमला विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिम द्वारा वैश्विक नियमों को चुनिंदा तरीके से लागू किये जाने पर प्रकाश डालते हुए मंगलवार को कहा कि भारत ने 1948 से जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जे को सहन किया जबकि इस आक्रमण को विवाद बना दिया गया। विदेश मंत्री ने फिर पाकिस्तान का हवाला दिया और कहा हमने अपने पड़ोस में देखा है कि जोखिम भरा देश बनने के लिए आपको बड़ा देश होने की आवश्यकता नहीं है। मेरे कुछ छोटे पड़ोसी हैं जिन्होंने इस मामले में काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने विभिन्न अवधियों में तालिबान के साथ वार्ता में पश्चिमी देशों द्वारा अपनाए गए विभिन्न मानकों के बारे में भी बात की।
एस जयशंकर के बयान के बाद बारी तीसरे हमले की थी। ये भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से किया गया। राजनाथ सिंह ने यूरोपीय देश नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स से आग्रह किया कि डच कंपनियां पाकिस्तान को हथियार, मंच और तकनीकें देना बंद करें। सिंह ने यह भी कहा कि इन मंचों या तकनीकों से पाकिस्तान ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भारी नुकसान पहुंचाया है।
चीन ने की तारीफ
चीन ने प्रधानमंत्री मोदी की भारत-चीन संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणी की सोमवार को सराहना की, जिसमें उन्होंने विवाद के बजाय संवाद पर जोर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक प्रेसवार्ता में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन ने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया सकारात्मक टिप्पणी पर ध्यान दिया है और इसकी सराहना करता है। माओ ने कहा कि अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।