कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में कांग्रेस ने संसद में अमेरिका द्वारा 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किये जाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने ये प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार द्वारा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और गुजरात से संबंधित 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों में निर्वासित किया गया है जो बेहद दुखद और अपमानजनक हैं।
निर्वासित व्यक्तियों में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल हैं। इन व्यक्तियों को निर्वासन प्रक्रिया के दौरान बेड़ियों में जकड़े जाने और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किए जाने की खबरें सामने आई हैं, जिससे उनकी मानवीय गरिमा और अधिकारों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं।” प्रस्ताव में कहा गया, “इस सदन को हमारे लोगों के साथ और अधिक अमानवीय व्यवहार को रोकने तथा देश और विदेश में प्रत्येक भारतीय की गरिमा को बनाए रखने के लिए इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।”
जानकारी के मुताबिक बुधवार को 104 भारतीय अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सी-17 सैन्य विमान अमृतसर पहुंचा। यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीयों का पहला ऐसा जत्था था जिसे पिछले महीने शपथ लेने के बाद से ही दमनात्मक कार्रवाई के तहत वापस भेजा गया था। सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि निर्वासित लोगों में से हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन तथा चंडीगढ़ से दो लोग हैं।
अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान दोपहर 1:55 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। अमेरिकी कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन डीसी दौरे से कुछ दिन पहले हुई है, जहां वे ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। पंजाब पुलिस और विभिन्न राज्य एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा हवाईअड्डा टर्मिनल भवन के अंदर निर्वासित लोगों से पूछताछ की गई, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।
शाम करीब 6:45 बजे पंजाब से आए लोगों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस वाहनों में उनके गृहनगर ले जाया गया। सूत्रों ने बताया कि इसी तरह हरियाणा से आए अवैध प्रवासियों को राज्य पुलिस उनके गृहनगर ले गई।